Wednesday, December 13, 2023

स्वदेशी पहल को शुरू करते हुए रेलवे का ऐलान, अब स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय मिलेंगे

पर्यावरण के अनुकूल कार्य करने में आजकल कईलोग तत्परता दिखाई रहे हैं। लोग पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग अपने अनुसार दे रहे हैं। कुछ लोग पर्यावरण सुरक्षित रहे उसके लिए जगह-जगह पेड़-पौधे लगा रहे हैं। अगर उनके पास जगह की किल्लत है तो वह अपने छत, बालकनी, आंगन में छोटे-छोटे पौधों को लगा रहे हैं। कुछ व्यक्ति अपने घर को पूरी तरह घास और पतवार से बना कर उसमें रह रहे हैं। वही कुछ लोग ऐसे हैं जो प्लास्टिक या कचरो के जगह लोंगो को राशन या पैसे देतें हैं ताकि लोग इधर-उधर प्लास्टिक ना फेंके।

अब हमारे रेलवे स्टेशन पर भी पर्यावरण के अनुकूल कार्य होगा। यहां चाय पीने के लिए प्लास्टिक के कप नही बल्कि ‘कुल्हड़’ का उपयोग होगा। सम्पूर्ण भारत में प्लास्टिक-मुक्त भारत की ओर एक कदम में रेलवे ने एक अहम कार्य किया है। हमारे रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इसका आदेश दिया है।

 tea in Kullhad

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार 29 नवंबर को इसकी घोषणा की है। राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) जिले के डिगवारा रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि यह पहल “प्लास्टिक मुक्त भारत” की दिशा में रेलवे का योगदान होगा। वर्तमान में देश के लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर ‘कुल्हड़’ में चाय परोसी जाती है। अभी आने वाले भविष्य में रेलवे विभाग देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर केवल ‘कुल्हड़’ में चाय बेचने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि कुल्हड़ पर्यावरण को बचाता है और लाखों लोगों को इससे रोजगार मिलता है।

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कुल्हड़ की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह पहले बताया गया था कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) को कुल्हड़ के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए उपकरण प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया। पीयूष गोयल राजस्थान में उत्तर-पश्चिम रेलवे के तहत नए विद्युतीकृत ढीगवारा-बांदीकुई खंड के उद्घाटन के अवसर पर एक कार्यक्रम में इस बात को बताए। उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी भी पर्यावरण को लेकर काफी चिंतित हैं और इसलिए विद्युतीकरण पर जोर दिया जा रहा है।’

Railway to sell tea in Kullhad

पर्यावरण संरक्षण के लिए The Logically उम्मीद करता है कि जैसे रेलवे स्टेशन पर मिट्टी के कप के उपयोग का आदेश दिया है उसका पालन हो। साथ हीं यह देश के सभी नागरिकों से आशा करता है कि वह भी हमारे पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान जरूर देंगे।