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ड्राइवर की बेटी ने RJS की परीक्षा में 66 वीं रैंक हासिल करके बढ़ाया पिता का मान, अब बनेगी जज

Rajasthan Chief Justice's Driver's daughter Kartika Gahlot clears RJS exam with 66th rank

कुछ दिन पहले ही राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा का परिणाम जारी हुआ है जिसमें कई बच्चों ने सफलता हासिल करके अपना सपना सच किया है। उन्हीं में से एक ड्राइवर की बेटी ने भी जज बनने के सपने को पूरा किया है जिससे पूरे परिवार को उनपर गर्व है।

कार्तिका गहलोत (Karthika Gahlot), राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) की रहनेवाली हैं। उनके पिता का नाम राजेन्द्र गहलोत है और वह राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश के यहां बतौर ड्राइवर काम करते हैं। कार्तिका कहती हैं कि, वह अपने पिता को 31 वर्षों से पिता को यह काम करते देख रही हैं। ऐसे में उन्हें काला कोट और वहां के माहौल को देखकर उन्होंने भी जज बनने का सपना देखा और आज RJS की परीक्षा में 66 वीं रैंक हासिल करके उसे हकीकत में भी बदल दिया।

कोरोना महामारी ने ऑनलाइन की तैयारी

कार्तिका की स्कूली पढ़ाई जोधपुर के सेंट ऑस्टिन स्कूल से पूरी की है। उसके बाद उन्होंने कानून की पढाई वहीं के जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से पूरी की है। उन्होंने बताया कि, जब वे 5-6 वीं सेमेस्टर में जिला कोर्ट में इंटर्नशिप शुरु किया था उसी समय लॉ फील्ड में उनकी दिलचस्पी बढ़ गई। लेकिन जब कोरोना महामारी ने दस्तक दिया जिससे सभी स्कूल-कॉलेज बंद पड़ गए तो वे ऑनलाइन तैयारी करने लगी। Rajasthan Chief Justice’s Driver’s daughter Kartika Gahlot clears RJS exam with 66th rank.

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66 वीं रैंक लाकर RJS की परीक्षा में हासिल की सफलता

कार्तिका (Karthika Gahlot) ने पढ़ाई में निरंतरता बनाई रखी और रोजाना 3 से 4 घन्टे की पढ़ाई करती थी। लेकिन जब RJS की परीक्षा का डेट निकला तो वे 10-12 घन्टे पढ़ाई करने लगीं। पढ़ाई के दौरान उनका अधिकांश ध्यान रिवीजन पर था। वह संगीत की काफी शौकीन हैं, ऐसे में पढ़ाई के बीच-बीच में अपने ध्यान को एक जगह एकाग्र करने में उन्हें म्युजिक से काफी मदद मिली। उनकी मेहनत रंग लाई और वे RJS (Rajasthan Judicial Service Exam) की परीक्षा में 66 वीं रैंक हासिल करके काला कोट पहनने का सपना पूरा किया है।

परिवार और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस को दिया सफलता का श्रेय

कार्तिका अपने सफलता का श्रेय अपने परिवार और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को देती हैं। वह कहती हैं कि, उनके परीक्षा पास करने में उनके परिवार ने उनका बहुत साथ दिया। इसके अलावा पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने भी उनकी कई बार सहायता की। कार्तिका के पिता कहते हैं कि, कार्तिका की मां ने हमेशा अपनी बेटी कार्तिका का आत्मविश्वास बढ़ाने और हमेशा प्रेरित करने का काम किया है।

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पढ़ाई के दौरान बनाई सोशल मीडिया से दूरी

प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) की तैयारी कर रहे हर छात्रों को अक्सर यह सलाह दिया जाता है कि सोशल मीडिया (Social Media) से दूरी बनाए रखें। इससे आपका पूरा ध्यान पढ़ाई पर रहेगा। कार्तिका ने भी पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाया था। उनका सिर्फ व्हाट्सएप को छोड़ एक भी दूसरा सोशल मीडिया एकाउंट नहीं था। अपने चार भाई-बहनों में बीच कार्तिका को देख उनके भाई-बहन भी लॉ की क्षेत्र की ओर आकर्षित हैं। Rajasthan Chief Justice’s Driver’s daughter Kartika Gahlot clears RJS exam with 66th rank.

महिलाओं को जरुर पढ़ाना चाहिए लॉ

अन्त में कार्तिका (Karthika Gahlot) कहती हैं कि, कुछ माता-पिता सोचते हैं कि बेटी को लॉ की पढ़ाई नहीं करानी चाहिए क्योंकि उसकी शादी नहीं होगी। ऐसे में वह कहती हैं कि यह सोच गलत है। ऐसी भावना न रखकर बेटियों को लॉ की पढ़ाई जरुर करानी चाहिए, इससे वे कानूनी ज्ञान होने से अधिक स्वतंत्र और सशक्त बनेंगी। इसके अलावा सभी को हमारे समाज के लिए बनाए गए बुनियादी कानूनों के बारें में पता होना चाहिए ताकि वे अपने जीवन में अपने अधिकारों के लड़ सकें।

The Logically कार्तिका गहलोत को उनकी सफलता के लिए ढेर सारी बधाइयाँ देता है।

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