कहते हैं न अगर इंसान के पास कुछ करने के लिए अच्छा आइडिया हो तो उसे सफलता जरूर मिलती है। जी हां, आज हम बात करेंगे राजस्थान (Rajasthan)के भरतपुर के रहने वाले अमर सिंह (Amar Singh) की, जो कभी गरीबी की मार झेल रहे थे लेकिन एक आइडिया ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी और आज अमर का लाखों का सलाना का टर्न ओवर है।
तो आइए जानते हैं अमर के आइडिया के बारे में
कभी एक समय ऐसा था जब राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले अमर सिंह (Amar Singh) के घर की हालात बेहद हीं खराब थे लेकिन कब किसकी किस्मत पलट जाए यह कोई नहीं जानता। और यही हुआ अमर के साथ। गरीबी से जूझ रहे अमर को एक आइडिया तब आया जब वे एक कागज पर रखकर समोसा खा रहे थे।
क्या था वह आइडिया?
दरअसल, अमर एक दिन एक कागज पर रखकर समोसा खा रहे थे तभी उनकी नज़र कागज पर लिखी उस शब्दों पर गया, जहां आंवला के फायदे के बारे में लिखा था। और उसी दिन से इन्होंने आंवले की खेती करने का मन बना लिया।
इससे पहले अमर गेहूं तथा सरसो की खेती किया करते थे और साथ हीं अधिक कमाने के लिए माल ढुलाई वाले छोटे वाहन चलाया करते थे।
अखबार से जाना आंवला का गुण
अमर गेहूं तथा सरसो की खेती करने के साथ हीं माल ढुलाई वाले छोटे वाहन चलाया करते थे। एक दिन
वे बाजार में समोसे खा रहे थे तभी उनकी नज़र अखबार में लिखी आंवला के फायदों पर गई और उसी दिन से उन्होंने इनकी खेती करने का फैसला ले लिया।
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शुरुआत में था नुकसान का डर
अमर ने आवलें की खेती करने का तो मन बना लिया लेकिन शुरुआत में उन्हे इसके नुकसान का डर था। हालांकि इनकी मां और पत्नी ने उनको आंवले की खेती करने से रोकने का पूरा प्रयास किया लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी और हार्टीकल्चर डिपार्टमेंट से 19 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से आंवले के पौधे का इंतजाम किया।
कागज के टुकड़े को पढ़ने की आदत में बदली जिंदगी
दरअसल, अमर को किसी भी कागज के टुकड़े को पढ़ने की आदत थी और यही आदत ने इनकी जिंदगी आज के समय में पूरी तरह से बदल दी है। जी हां, अखबार में निकले आंवले के गुण जानकर अमर ने इनकी खेती करने का मन बनाया और आज वे आंवले की खेती करके लाखों का सलाना टर्न ओवर कमाते हैं।
आंवले का मुरब्बा और आचार बेचकर भी करते हैं अच्छी कमाई
हम जानते हैं कि, आवंले के कितने महत्वपूर्ण गुण है। इसकी पेड़ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कीड़े नहीं लगते हैं। इसके अलावे यह जानवरों की पहुंच से भी दूर रहता है। शुरुआती दौर में अमर आंवलों को कच्चा ही बेचा करते थे लेकिन इससे इनकी सलाना कमाई 3 से 4 लाख रुपये तक हीं होती थी। आज के समय के वे इन अवालों को मुरब्बा और अचार बनाकर भी बेचा करते हैं।
महिलाओं को रोजगार देने का किया काम
अमर (Amar Singh) ने अपने इस काम गांव की 25 महिलाओं को रोजगार देने का काम किया है। वे सभी महिलाएं देसी तरीके से बिना किसी कैमिकल के आंवले को उबालकर चाशनी में डुबाने का काम करती हैं