Sunday, December 10, 2023

पति की मौत के गहरे सदमे के कारण चली गई डिप्रेशन में, फिर खुद को सम्भाला और अब पावर लिफ्टींग में जीता गोल्ड मेडल

“यदि हौसला बुलंद और इरादे नेक हो तो मंजिल पाने से कोई नहीं रोक सकता”

कई बार लोग अपनी विपरीत परिस्थितियों का हवाला देकर कदम पीछे खींच लेते हैं, लेकिन जिसके सिर पर कुछ कर गुजरने की धुन सवार हो तो वह किसी भी प्रकार की चुनौती या संघर्ष से विचलित नहीं होता है। वह सभी परेशानियों का सामना करते हुए आगे बढ़ते जाता है और अंततः अपनी मंजिल तक पहुंच कर ही दम लेता है।

उपर्युक्त कथन को एक बार फिर से एक महिला न्स सही साबित कर दिखाया है। पति की मौत के डिप्रेशन में चली गई लेकिन हार नहीं मानी और डिप्रेशन से उबरकर आज देश के लिए वेट लेफ्टिन्ग में गोल्ड मेडल जीतकर सभी के लिए प्रेरणा की मिसाल पेश की है।

पति के मौत से लगा गहरा सदमा

यह प्रेरणादायक कहानी है राजस्थान (Rajasthan) रहनेवाली शोभा माथुर (Shobha Mathur) की, जो रावतभाटा के एक सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। किसी-किसी के जीवन में कुछ ऐसी घटना घट जाती है जिससे मनुष्य अपना आपा खो देता है और वह डिप्रेशन में चला जाता है। शिक्षिका शोभा के साथ भी हुआ है। 3 साल पहले उनके पति धर्मेन्द्र माथुर स्वर्ग सिधार गए जिसके बाद पति की मौत ने उन्हें गहरा सदमा पहुंचाया और परिणामस्वरुप वह डिप्रेशन में चली गईं।

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डिप्रेशन को मात देकर वेट लिफ्टिंग में कर रही हैं क्षेत्र का नाम रौशन

पति की मौत के गम से बाहर निकालने के लिए उनके परिवारवालों ने काफी समझाया बुझाया और उन्हें वेट लिफ्टिंग (Weight Lifting) में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। काफी समझाने बुझाने के बाद शोभा माथुर ने डिप्रेशन को मात देकर अपने आप को मजबूत बनाया और खुद को वेट लिफ्टिंग में करियर बनाने का दृढ़ निश्चय किया। अब वह पावर लिफ्टींग में अपने क्षेत्र का नाम ऊंचा कर रही हैं।

220 किलो भार उठाकर गोल्ड मेडल किया अपने नाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 50 वर्षीय शिक्षिका शोभा माथुर के दो बच्चे हैं। इसी माह में नेशनल मास्टर पुरुष-महिला क्लासिक पावर लिफ्टींग चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ था जिसमें कई प्रतिद्वंदियों को हराकर शोभा ने 290 किलो का भार उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इतना ही नहीं साल 2021 में राज्यस्तरीय पावर लिफ्टींग का आयोजन किया गया था। इसमें उन्होंने पदक अपने नाम किया था। उसके बाद उन्होंने उदयपुर में 220 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता।

इतना ही नहीं शोभा (Weight Lifter Shobha Mathur) ने साल 2022 में 257 किलो भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद फिर से उन्होंने 262.500 ग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसी तरह उन्होंने कई गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल अपने नाम कर पूरे देश में अपना परचम लहराया है।

2023 में होनेवाले एशियन गेम्स में ले सकती हैं भाग

अनेकों कठिन परिस्थितयों का सामना करते हुए कई पावर लिफ्टिंग गेम्स में अपार सफलता मिलने के बाद शिक्षिका शोभा माथुर (Rajasthan Teacher Shobha Mathur) अब साल 2023 में होनेवाले एशियन गेम्स में भाग ले सकती हैं। The Logically उन्हें अपने आने वाले सभी गेम्स में जीत दर्ज कर अपना और अपने देश का नाम रोशन करने के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं देता है।