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राजस्थान के इस शिक्षक ने 40 बच्चों को तस्करों से बचाया, इस मुहिम को अपना मिशन बना चुके हैं

वीडियो गेम्स, रेसिंग कार और गुड़ियों के साथ खेलने वाले मासूम और प्यारे बच्चे हमारे समाज के आधे सच हैं। आधे तो वे हैं जिन्हें हमारा समाज खिलौना बना देता है। खास कर उन बच्चियों को जिन्हें हमारे देश में मां दुर्गा का रूप कहा जाता है। राजस्थान (Rajasthan) के दक्षिणी भाग में चाइल्ड ट्रैफिकिंग की समस्या सीमा रेखा को पार कर चुकी है। उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों के लोगों को गरीब होने की सजा भुगतनी पड़ रही है।

दुर्गा राम मुवाल (Durga Ram Muwal)

उपर्युक्त क्षेत्र के लोगों का शिक्षित न होने और नौकरियों की कमी की वजह से अपने बच्चों को ‘बंधक’ बनाना पड़ता है। इसे सुधारने के लिए पुलिस और कई एनजीओ काम कर रहें हैं। उदयपुर के एक सरकारी स्कूल के टीचर दुर्गा राम मुवाल (Durga Ram Muwal) नागौर जिले के रहने वाले हैं। वह 10 साल से उदयपुर के एक स्कूल में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने बच्चों को बचाना ही अपने जीवन का मकसद बना लिया है।

saves 40 teacher from trafficking

दुर्गा ने 8 वर्षों में 40 से अधिक बच्चों को बचाया

दुर्गा के पास एक ऐसा मुखबिरों का नेटवर्क है जो उन्हें गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बच्चों को जबरन मजदूरी करने से बचाने में मदद कर रही है। दुर्गा ने 8 वर्षों में 40 से अधिक बच्चों को बचाया है। जब दुर्गा ने उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर परगियापाड़ा गांव के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया तो उन्होंने देखा कि कुछ छात्रों ने स्कूल आना बंद कर दिया

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दुर्गा ने की पूरी छान बिन

उसके बाद दुर्गा ने इस पर ध्यान देना चालू किया। जब उन्होंने इसकी छान बिन शुरू की तो उन्हें पता चला कि यह क्षेत्र गुजरात की सीमा के पास हैं। उन्हें पता चला कि कुछ दलाल छात्रों को जबरन ले जाते हैं। हर रोज इन बच्चों से 18 घंटे काम करवाया जाता हैं और उसके बदले उन्हें सिर्फ़ 50 रुपये मजदूरी दी जाती है। उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा उनका अन्य तरीकों से भी शोषण होता है।

दुर्गा ने बच्चियों को बचाने का किया फैसला

दुर्गा ने बताया कि कुछ महीने पहले एक लड़की वहां से लौट कर आई। लौटने के बाद वह शॉक में थी। उन्होंने कहा, “जब मुझे पता चला कि उसका शारीरिक शोषण भी हुआ है, तब उन्होंने इन बच्चों के लिए कुछ करने का निश्चय किया।

The logically दुर्गा राम मुवाल के कार्य की तारीफ करता है और उमीद करता है कि उन्हें इस कार्य में ऐसे ही कामयाबी मिलती रहे और एक दिन ऐसा आए जब हमारे समाज से चाइल्ड ट्रैफिकिंग या बच्चियों का शारीरिक शोषण न के बराबर हो।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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