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पैसे नहीं रहने पर कोर्ट में फफक कर रो पड़ा यह बुजुर्ग, जज ने चुकाया सारा कर्जा: इंसानियत की मिसाल

Rajendra Tiwari wept in the court, the judge repaid the bank loan

हमारे यहां ऐसे बहुत से लोग हैं जो लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इसी कड़ी में आप एक ऐसे जज के बारे में जानेंगे जिन्होंने अदालत में सुनवाई के दौरान लोन चुकता कर एक बुजुर्ग की मदद की। अपने इस दरियादिली से वह चर्चा के पात्र बने हुए हैं। आईए जानते हैं उस दरियादिली जज के बारे में विस्तार से…..

ये किस्सा जहानाबाद का है जहां शनिवार के दिन अदालत में सुनवाई की गई। इस वक्त यहां के जज राकेश कुमार सिंह ने एक ऐसा कार्य किया जिसने सभी का दिल जीत लिया। जब लोक अदालत में जज साहब बैठे और सुनवाई जारी हुआ तो उन्होंने ये सुना कि एक गरीब बुजुर्ग ब्राह्मण ने कर्ज लिया था। ये कर्ज बैंक द्वारा लिया गया था जो बेटी की शादी के लिए था।

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बुजुर्ग ब्राह्मण ने लिया लोन

ये बुजुर्ग ब्राह्मण जब अदालत में आए तो वह जज साहब से बोले, ” साहब बेटी की शादी से काफी कर्ज में डूबा हूं मेरे पास इतने पैसे नहीं की मैं बैंक वालों का कर्जा चुका सकूं। वह ब्राह्मण इस कदर फफक कर रो रहा था कि जज साहब का दिल पसीज गया और जज साहब उस बुजुर्ग शख्स की मदद के लिए आगे आए।

वह बुजुर्ग ब्राह्मण हैं राजेन्द्र तिवारी जिन्होंने 18 वर्ष पूर्व बैंक से लोन लिया था। हालांकि उन्होंने ब्याज दर जमा की थी परंतु स्थिति बेहतर ना होने के कारण वह उसे भी चुकाना बन्द कर दिए। इसके बाद उनके पास नोटिस आया जिसका कोई रिप्लाई नहीं दिया गया। बार-2 नोटिश भेजने के बाद जब कोई जबाब नहीं मिला तो ये बात कोर्ट में चली गई।

जज ने चुकाया कर्जा

जब ये बात कोर्ट में गई और सुनवाई के लिए बुजुर्ग कप वहां बुलाया गया तो उन्होंने कहा मैं पहले से ही कर्ज में डूबा हूं, बेटी की शादी में काफी कर्जा लिया जो अभी तक चुका रहा हूं। मेरे पास मात्र 5 हजार रुपए ही हैं आप चाहें तो ले सकते हैं। इससे आगे मैं कुछ नहीं कर सकता। इतना कहकर वह रोने लगे जिसे देख जज साहब का कलेजा निकल गया।

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जज की हुई प्रशंसा

उन्होंने बैंक के अधिकारी को बुलाया और बोला मैं कर्जा चुकाता हूं तुम शांत रहो। उन्होंने अपने जेब से 10 हजार रुपए निकाला और अधिकारी को दिया जिससे सब हक्का-बक्का रह गए। जब ये बात सभी को मालूम चला तो वह जज साहब की खूब प्रशंसा करने लगे।

जानकारी के अनुसार बेटी की शादी के लिए जो लोन लिया गया था उसमें से 18 हजार रुपए बाकी था जिसमें से 10 हजार जज साहब 3 उनके बेटे तथा 5 हजार राजेन्द्र तिवारी द्वारा बैंक अधिकारी को देकर बैंक का पूरा कर्जा चुका दिया गया।

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