Wednesday, December 13, 2023

घर की छत को ही बना डाला अपना खेत, Terrace Farming के तहत गमले में उगाए सेब, अंगूर और स्ट्रॉबेरी

आजकल सभी का रुझान खेती की तरफ बढ़ रहा है। सभी को जैविक खाद से निर्मित सब्जियों और फलों का सेवन करना पसंद आ रहा है, लेकिन अगर बात खेती की हो तो मन में बस एक ही ख्याल उभरता है कि उपजाऊ भूमि और सिंचाई की सुविधा कैसे की जा सकेगी?

आज एक ऐसे शख़्स के बारे में जानेंगे जो गमले में सेब, अंगूर और स्ट्रोबेरी (Strawberry) उगा रहे हैं। शुरुआती दौर में उन्होंने मात्र 20 ग्रो बैग से अपने टेरेंस पर अपना कार्य प्रारंभ किया था।

राजमोहन का परिचय

राजमोहन (Rajmohan) एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं। वह केरल (Kerla) के तिरुअनन्तपुरम (Tiruvananthapuram) से सम्बंध रखते हैं। उनके पास रूफटॉप गार्डनिंग के बारे में बहुत ही ज्यादा अनुभव है। शुरुआत में उन्हें ना ही खेती की समझ थी, ना ही टेरेंस गार्डन की, लेकिन आज वह सौ से भी अधिक फल और सब्जियों को गमले में उगा रहे हैं।

Rajmohan from Kerala is growing fruits and vegetables by terrace farming

खेती का नहीं था अनुभव

वैसे तो उन्हें खेती का अनुभव नहीं था, लेकिन उनके मेहनत और कोशिश ने बहुत कुछ सिखाया। अक्सर लोग यह कहते हैं कि अंगूर अधिकतर पहाड़ी इलाकों में होता है, लेकिन राजमोहन ने अंगूर को अपने छत पर गमले में उगाया। उन्होंने वर्ष 2015 में 20 ग्रो बैग द्वारा अपने टेरेंस गार्डनिंग का शुभारंभ किया। आज उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 1,250 वर्ग फुट की छत पर लगभग 200 ग्रो बैग में सब्जियों और फलों को उगा रहें हैं।

Rajmohan from Kerala is growing fruits and vegetables by terrace farming

25 प्रकार से भी अधिक उगाते हैं सब्जियां

प्रारम्भिक दौर में उन्होंने ककड़ी, कद्दू और टमाटर आदि उगाये। जिस कारण उन्हें सब्जियों के उपज की समझ के साथ तऱीकों का भी ज्ञान हुआ। वर्तमान में वह अंगूर, बुश पैपर, हल्दी, मूंगफली, बैंगन, कस्तूरी, धनिया, गोभी, मिर्च, चिचिंडा, करेला, सेम, कुंदरू, फूलगोभी, अदरक, कृष्णा फल, सेब, बेर, शहतूत और स्ट्रॉबेरी, मक्का के साथ अन्य प्रकार के फल और सब्जियों को उगाते हैं। उनके गार्डन में उगी सब्जियों को जैविक खाद द्वारा तैयार किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

प्लास्टिक की चादर द्वारा की छत पर खेती

उन्होंने जानकारी दिया कि उन्होंने छत पर प्लास्टिक की चादर को खरीदकर बिछाया और ग्रो बैग रखने के लिए चादर के ऊपर मेटल स्टैंड एवं ईंट रखें। अब उन्होंने शेड नेट से छत को ढका और जल ना इकट्ठा हो। इसके लिए गमले और बोरे की मदद ली। उनके पड़ोसियों ने उनसे जो भी प्रश्न पूछे, उसका उन्होंने प्रयोग किया।

Rajmohan from Kerala is growing fruits and vegetables by terrace farming

आखिर कैसे की अपने छत पर अंगूर की खेती?

उन्होंने बताया कि मैंने अंगूर की खेती पर शोध किया और मार्केट से 1 माह पुराने अंगूर के कुछ पौधों को लगाकर उन्हें ग्रो में लगाया। अब उन्होंने उस मिट्टी को सूर्य के प्रकाश में कुछ दिनों के लिए रखा, आगे पानी के साथ चुने को मिलाकर, उसपर छिड़काव करते हुए कुछ दिनों के लिए उसे कपड़े द्वारा ढंक दिया। आगे उन्होंने कम्पोस्ट का ध्यान रखा और जब टहनियों में फल लगे तो उनका भी ध्यान रखते हुए जिन टहनियों में फल नहीं लगे उन्हें काट दिया।

खाद का निर्माण

उन्होंने बताया कि अंगूर की सिंचाई प्रतिदिन 2 बार करनी पड़ती है, वही कीड़े-मकोड़े से बचाव के लिए नीम के ऑयल का स्प्रे भी करना पड़ता है। उर्वरक के लिए वह नीमखली, पशु की हड्डी का पावडर, मूंगफली, चावल या लहसुन का उपयोग करते हैं। अपने पड़ोसियों को वह बीज देते हैं और टेरेंस गार्डन के गुड़ भी बताते हैं।