Wednesday, December 13, 2023

इस गांव के लोगों ने पशुओं के लिए बनाए छप्पन भोग, एक दिव्यांग ने अपनी पेंशन दान दी तो किसी ने पॉकेट खर्च लगा डाले: पशु प्रेम

अभी तक हम सभी ने मंदिरों में भगवान के सामने छप्पन भोग लगते हुए देखे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पशुओं के लिए भी छप्पन भोग लगाए जा सकते हैं। जी हां, बीकानेर (Bikaner) के नापासर में सजा छप्पन भोग का मकसद जरा हटकर था। यहां के युवाओं ने भूखे पशुओं की भूख मिटाने के लिए छप्पन भोग का व्यव्स्था किया था।

Rajsthan villagers prepared 56 types of fruit for animals and cattles

नापासर (Napasar) के युवाओं की नेक पहल

कोरोना महामारी के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके वजह से पशुओं को चारा मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे में नापासर के कुछ युवाओं ने पशुओं की भूख मिटाने के लिए छप्पन भोग करने की सोची। पिछ्ले एक माह से पशुओं के लिए कुछ-न-कुछ प्रबंध किया जा रहा है। कभी चारा डालकर तो कभी पानी पिलाकर। इसी बीच छप्पन भोग के लिए दर्जनभर युवाओं ने जोश के साथ काम किया।

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किसी ने जेब खर्च तो किसी ने दो महीने की पेंशन राशि किया समर्पित

मानवता भरे इस काम में युवाओं ने जेब खर्च तो वहीं दिव्यांग जयकिशन ने अपनी दो महीने की पेंशन राशि दान कर दी। उनका मानना है कि इस मुश्किल दौर में पशुओं को चारा मिलना काफी मुश्किल है। ऐसे में आवारा घूम रहे पशुओं की भूख मिटाना सबसे बड़ा धर्म है।

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छप्पन भोग में तरह-तरह की सब्जियां और फल थे शामिल

अच्छी राशि इकट्ठे होने के बाद पशुओं के लिए छप्पन भोग का इंतजाम हुआ। इस भोग को पशुओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था, इसलिए उसमें मिठाईयां न होकर छप्पन प्रकार के फल और सब्जियां थी। छप्पन भोग में हरी सब्जियां, फल, गुड़, खल, चूरि, तरबुजा, पपीता, केला, चीकू, सेव, मतीरा और अनार शामिल थे। इसके अलावा सब्जी में ककड़ी, टमाटर, भिन्डी, पालक और खीरा सहित भिन्न-भिन्न प्रकार की सब्जियां मिलाई गई। युवाओं की टीम ने बहुत ही शिद्दत से फलों को सलीके से काटकर प्रसाद के रूप में सजाया। उसके बाद इस छप्पन भोग को ऊंट गाड़ी में सजाकर कस्बे में और आसपास के गांवों में प्रत्येक पशु तक पहुंचाया गया।

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टीम में ये रहें शामिल

दिव्यांग जयकिशन, नवरतन आसोपा, रविकांत आसोपा, अजय आसोपा, जगदीश तंवर, खुशबू आसोपा, मनोज आसोपा, विकास माली, सीताराम आसोपा, अनुज आसोपा, विजय कुमार राठी, मनोज आसोपा, निरंजन आसोपा और शुभम ये सभी एकत्र होकर इस नेक कार्य को किए।