अगर हम मेहनत करेंगे तो हमारी किस्मत भी हमारी साथ देगी, क्योंकि किस्मत उन्हीं का ही साथ देती है जो मेहनत करते हैं। बिना हाथ हिलाए निवाला भी हमारे मुंह के अंदर नहीं जाएगा। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिन्होंने ये साबित कर दिया कि केवल डिग्री प्राप्त करने से ही मंजिल नहीं मिलती,इसके लिए मन में मंजिल पाने की सच्ची लगन और निष्ठा होनी चाहिए। जी हां हम बात कर रहे है, भारत के पंजाब राज्य के बठिंडा जिला के रहने वाले राजवीर सिंह (Rajveer Singh) की।
परिचय
राजवीर सिंह( Rajveer Singh)पंजाब(Panjab) के एक छोटे से गांव मेहराज(Mehraj) के रहने वाले है। आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद राजवीर सिंह ने अपनी मां की बीमारी के कारण पढ़ाई छोड़ दी,पैसों की किल्लत के कारण उन्होंने खेती के साथ-साथ कुछ सहायक धंधों की शुरुआत की और अपने आमदनी में बढोत्तरी किया।
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कैसे की शुरुआत :-
राजवीर सिंह ने 40 साल की उम्र में अपने सपनों को साकर करने के लिए मछली फार्म हाउस बनाया और धीरे-धीरे उनके आमदनी में वृद्धि होती गई। उनके कारोबार का दायरा बढ़ता गया और आसपास के जिलों में भी उन्होंने मछली पालन का कार्य शुरू कर दिया।सभी तरह के लागत खर्च निकालकर राजवीर सिंह की सालाना कमाई 45 लाख रुपए है।
विलुप्ति हो रहे पक्षियों को रखा अपने फार्म हाउस में :-
अपने गांव ‘ मेहराज ‘ में करीब 4 एकड़ में उन्होंने फॉर्म हाउस के चारों ओर दो हजार से ज्यादा विभिन्न-विभिन्न तरह के पेड़-पौधे लगाए हैं,जिससे फल और हरियाली के साथ साथ फार्म हाउस की सुंदरता भी बढ़ गई है। प्रकृति सौंदर्यकरण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विलुप्त हो रहे विभिन्न तरह के पक्षियों को अपने फॉर्म हाउस में पाला है।
ऑर्गेनिक सब्जी के साथ अपने खेतों मे अनाज की भी किया उपज :-
राजवीर ऑर्गेनिक सब्जी के साथ-साथ अपने खेतों में अनेकों तरह की अनाज का उपज भी करते हैं। एक खास बातचीत में राजवीर ने बताया, मां की बीमारी के बाद 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने मैट्रिक तक की ही पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने मछली पालन के लिए प्रशिक्षण लिया था। कुछ दिनों बाद उन्होंने 10 एकड़ बंजर जमीन को साफ सफाई करवाया और 4 एकड़ जमीन में मछली फार्म हाउस बनवाया। शुरुआती में कारोबार साधारण स्तर में रहा, अगले साल से उन्होंने पंचायती नहरों को ठेके पर लेकर मछली पालन शुरू किया और उनकी आमदनी में काफी बढ़ोतरी हुई।
सूरतगढ़ में लीज पर जमीन लेकर किया मछली पालन, कारोबार को बढ़ाया आगे :-
30 गांव के पंचायती नहरों के साथ ही साथ वो राजस्थान के सूरतगढ़ में पिछले 10 वर्षों में लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन को लीज पर लेकर मछली पालन कर रहे हैं। एक एकड़ में लगभग 15 क्विंटल मछली का उत्पादन होता है जिससे उनकी अच्छी आमदनी हो गई है। राजवीर सिंह के अनुसार पंजाब में मछली की खपत ज्यादा नहीं है, इसके बावजूद भी मंडीकरण की कोई समस्या नहीं है। उनके फॉर्म हाउस के मछलियों का सप्लाई पटियाला ,चंडीगढ़, श्रीनगर और दिल्ली के साथ-साथ अन्य भी राज्यों में फैली हुई है। राजवीर सिंह का कहना है, मछली पालन में पानी की आवश्यकता होती है इसलिए कभी कभी सूखे की स्थिति से निपटने के लिए ट्यूबवेल की व्यवस्था की गई है जिसकी लागत कमर्शियल रेट से महीने का 25000 से 30000 के बीच होता है और कभी-कभी ज्यादा बरसात में भी नुकसान होता है।