आज के समय में अधिकांश लोग खेती किसानी को छोड़ कर कमाई का अलग जरिया ढूंढ रहें हैं। वहीं कई किसान खेती में नये-नये प्रयोग कर के लाखों का मुनाफा कमा रहें हैं। कानपुर के किसान रमन शुक्ला ने भी परंपरागत खेती से अलग स्ट्रॉबेरी की खेती शुरु कर लाखों की आमदनी कमा रहें हैं।
खेती में हैं सफलता की ऊंचाई पर
कानपुर, महाराजपुर के भीतरगांव ब्लॉक के दौलतपुर के निवासी रमन शुक्ला (Raman Shukla), गांव में स्ट्राबेरी की खेती (Strawberry Farming) कर के दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं। उन्होंने 20 हजार रुपए की लागत से दो बिस्वा जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करनी शुरु की। इस खेती में उन्होनें 3 महीने तक कड़ी मेहनत की, परिणामस्वरूप पहली बार के उत्पादन में ही 30 हजार रुपये की आमदनी हुई।
कैमारोजा प्रजाति के स्ट्रॉबेरी की करतें हैं खेती
आपको बता दें कि रमन शुक्ला, अमेरिका (America) के कैलिफोर्निया में होने वाले स्ट्रॉबेरी (Strawberry) के कैमारोजा प्रजाति की खेती करते हैं। रमन शुक्ला की खेती देख बाकी किसान भी उनसे काफी प्रेरित हो रहें हैं। शुक्ला बताते हैं कि उनके एक परिचित ने वर्ष 2019 में स्ट्रॉबेरी की खेती करने का सुझाव दिया था। उसके बाद उन्होंने लखनऊ के एक व्यापारी से 10 हजार रुपये में कैलिफोर्निया से एक हजार कैमारोजा प्रजाति के स्ट्रॉबेरी का पौधा मंगवाया। उसके बाद 2 बिस्वा जमीन पर इसकी रोपाई की।
यह भी पढ़ें :- जानिए क्या होता है वर्टिकल फार्मिंग जिसमें जमीन के बजाय दीवारों पर खेती की जाती है: Vertical Farming
जैविक खाद का इस्तेमाल किए
रमन (Raman Shukla) बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती में किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग ना कर के उन्होनें गोबर और जैविक खाद का प्रयोग किया है। रोपाई के 25 दिन बाद ही उन्होनें सभी पौधों के नीचे पॉलिथीन बिछा दी, ताकी फल मिट्टी से बचे रहें।
कैमारोजा प्रजाति की खासियत
अमेरिका के कैलिफोर्निया में होने वाले स्ट्रॉबेरी के कैमारोजा प्रजाति की विशेषता यह है कि, इस प्रजाति के पौधे बहुत कम समय में ही फल देने लगते हैं, और अन्य स्ट्रॉबेरी की अपेक्षा यह अधिक बड़े और स्वादिष्ट होते हैं। स्वादिष्ट होने के साथ ही यह विषाणुरोधी भी होते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 250 ग्राम के 20 डिब्बे तक स्ट्रॉबेरी निकल रही है। व्यापारी इसे खेतों से ही 60 रुपये प्रति डिब्बे की खरीददारी कर रहें हैं। यदि देखा जाए तो रमन को एक दिन में 1000 से 1200 रुपये की आमदनी होती है। इसके हिसाब से अभी तक वे 30 हजार रुपये कमा चुकें हैं। वे अपनी फसल को नौबस्ता, गोविंदनगर और किदवईनगर के बाजारों में भी बेचते हैं।
लागत से 8 से 10 गुना अधिक मुनाफा
रमन शुक्ला (Raman Shukla) के अनुसार, खेती में जितनी लागत आती है उससे 8 से 10 गुना अधिक मुनाफा होता है, और यदि उत्पादन अच्छा हुआ तो कमाई भी और अधिक होगी। खेती में अच्छा मुनाफा होने पर इस वर्ष रमन ने 2 बीघा जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने का निर्णय लिया है। उनके गांव के किसान ओम प्रकाश त्रिपाठी बताते हैं कि रमन शुक्ला के इस खेती को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
हो सकती है 10 टन तक पैदावार
इसके एक पौधे से हर बार लगभग 1 से 2 किलो तक स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होता है। स्ट्रॉबेरी का अच्छा ग्रोथ 20 से 30 डिग्री तापमान में है। यदि कोई किसान 1 हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) कर रहा है तो उसे 5 से 7 टन की पैदावार होती है, लेकिन फसल की ग्रोथ अच्छी रही तो 10 टन तक भी पैदावार हो सकती है। 250 ग्राम के डिब्बे में पैक कर के इसकी मार्केटिंग अच्छे से की जा सकती है। एक डिब्बे में 14-15 स्ट्रॉबेरी होता है, जिसकी कीमत 60 रुपये प्रति डब्बा है। वहीं बाजार में इसकी कीमत 240 रुपए प्रति किलो है।