भारत और नेपाल से जोड़ने वाली पर्यटन सेवा रामायण एक्सप्रेस ट्रेन को इस महीने के आखिरी में शुरु होने की संभावना बताई जा रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने इस महीने की शुरुआत में जयनगर से नेपाल के कुरथा से जोड़ने वाली पहली ब्रॉड गेज यात्री रेल सेवा का उद्घाटन किया गया था। जो जनकपुर से कुरथा की दूरी 10 किलोमीटर कम करती है। पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने सीमा पार रेल लिंक को नेपाल सरकार को दे दिया था। जिसमें इसका निर्माण के लिए भारत के तरफ से लगभग 548 करोर रुपए की सहायता भी भारत सरकार ने किया था।
बताया जा रहा है कि भारत और नेपाल के बीच चलने वाली रामायण एक्सप्रेस ट्रेन इन 20 दिनों में अयोध्या से चलकर सीतामढ़ी, वाराणसी, प्रयागराज, जनकपुर, चित्रकूट, कांचीपुरम, नासिक, हंपी, रामेश्वरम, भद्राचलम जैसे स्थानों से गुजरेगी। बताया जाता है कि रामायण एक्सप्रेस यात्रा ट्रेनें लगभग 160 यात्री ही सफर कर सकते हैं। जिसमें इस रामायण एक्सप्रेस यात्रा 3 में प्रथम और द्वितीय श्रेणी ही वातानुकूलित होंगे।
इस यात्रा में अस्थाई तौर पर जनकपुर में एक रात्रि विश्राम भी शामिल किया गया है। यहां पर लोग भगवान राम और जानकी सीता मंदिर का दर्शन कर सकेंगे। बताया जाता है कि यह स्थान माता सीता का जन्म स्थल है और इसी स्थान पर भगवान राम ने माता सीता के साथ विवाह किया था। रामायण एक्सप्रेस यात्रा ट्रेन जनकपुर रामायण सर्किट की ट्रेनों में शामिल किया गया था। परंतु पैकेज में बिहार के सीतामढ़ी से नेपाल तक बस यात्रा भी शामिल थी जिसकी दूरी लगभग 35 किलोमीटर है।
बताया जा रहा है कि रामायण एक्सप्रेस यात्रा ट्रेन का किराया मौजूदा ट्रेनों के किराए से दुगुना हो सकता है। यह रामायण एक्सप्रेस यात्रा ट्रेन का परिचालन भारत गौरव ट्रेन योजना के तहत शुरू किया जाएगा।
अब पर्यटकों को जनकपुर जैसे तीर्थ स्थानों पर भगवान राम और माता जानकी सीता के दर्शन करने के लिए काफी सुनहरा मौका भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। जिसे लोग धार्मिक स्थानों पर आनंदपूर्वक यात्रा कर सकेंगे।