शुरुआत चाहे छोटी हो या बड़ी प्रयास से मुकाम जरुर हासिल होता है। इस बात को सच साबित कर दिए हैं रमेश बाबू (Ramesh Babu) ने। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो व्यक्ति कभी सड़क किनारे लोगों का बाल काटता था आज वह करोड़पति बन चुका है। इस पर विश्वास करना तो मुश्किल है, लेकिन आपको बता दें कि यह सच है। आज हम आपको रमेश बाबू की जीवन के उन दिनों के बारे में बताएंगे, जिसमें वह अपनी कड़ी मेहनत से आज इस मुकाम पर पहुंचने में सफल हुए हैं। – Ramesh Babu, who once cut people’s hair, has become the owner of Tours and Travelers.
7 साल की उम्र में पिता को खो दिए
रमेश बाबू के पिता पी. गोपाल (P. Gopal) बेंगलुरु में एक नाई का काम किया करते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन रमेश बाबू पर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब केवल 7 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। उस समय उनके पास बेंगलुरु के ब्रिज्ड रोड के पास केवल एक छोटा सी दुकान थी। रमेश बाबू के दो और भाई-बहन भी थे। ऐसे में पिता की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। उनकी मां ने अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी देने के लिए लोगों के घरों में काम करना शुरु कर दिया।
दिन भर कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी रमेश बाबू की मां एक महीने में 40 से 50 रूपए ही कमा पाती थी, जिससे वह अपने बच्चों के लिए खाने-पीने से लेकर उनकी पढ़ाई तक सारा इंतजाम करती थी। दुकान खाली पड़ा था इसलिए उनकी मां ने दुकान 5 रूपए प्रतिदिन के किराए पर किसी और को दे दिया। रमेश बाबू भी मां की मदद के लिए छोटे-मोटे काम किया करते थे। किसी भी तरह दसवीं तक की पढ़ाई जारी रखी। दसवीं पास करने के बाद रमेश बाबू ने पढ़ाई छोड़ कर अपना दुकान चलाने का फैसला किया।
सैलून चलाने के साथ ही खरीदे गाड़ी
दुकान का नाम रखा गया इनर स्पेस (Inner space)। यह दुकान रमेश बाबू के स्कूल के पास ही था। उनके आने पर यह दुकान तुरंत ही चल पड़ा। कुछ दिन दुकान चलाने के बाद रमेश बाबू ने आगे कुछ करने का फैसला किया और उन्होंने कार खरीदने का सोचा। सैलून से बचाए कुछ पैसे और अंकल से मिली मदद से उन्होंने 1993 में मारुति वैन खरीदा, लेकिन रमेश बाबू खुद पूरे दिन सलून में व्यस्त रहते थे जिससे उन्हें गाड़ी चलाने का समय ही नहीं मिलता था। ऐसे में उन्हें यह आईडिया आया कि गाड़ी किराए पर दे दी जाए। – Ramesh Babu, who once cut people’s hair, has become the owner of Tours and Travelers.
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लग्जरी कार रेंटल और सेल्फ ड्राइव बिजनेस की हुई शुरूआत
आमतौर पर कई लोग ऐसे हैं, जो अपने गाड़ी किराए पर देते हैं, लेकिन रमेश बाबू का यह फैसला उनकी किस्मत ही बदल डाली। रमेश बाबू की मां जिसके घर में काम करती थी उसके मदद से उनका पहला कांटेक्ट ही इंटेल (Intel) कंपनी में मिला, जिससे जल्द ही रमेश बाबू का बहुत अच्छा कस्टमर बेस बन गया और उन्हें यह अंदाजा हो गया कि ऑटोमोबाइल रेंटल से वह अच्छी कमाई कर सकते हैं। साल 2004 में रमेश बाबू ने लग्जरी कार रेंटल और सेल्फ ड्राइव बिजनेस शुरू किया। इसमें सबसे पहले उन्होंने 38 लाख रूपए की मदद से मर्सिडीज ई क्लास लग्जरी सदन में निवेश किया।
रमेश बाबू बने टूर्स एंड ट्रैवलर्स के मालिक
बहुत हीं जल्द रमेश बाबू की मेहनत रंग लाई और उनके गेराज में गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़नी लगी, जिसमें 3 मर्सिडीज और 4 बीएमडब्ल्यू गाड़ियां मौजूद थीं। रमेश अपनी मेहनत से टूर्स एंड ट्रैवलर्स के मालिक बन गए। साल 2004 में शुरू हुआ रमेश बाबू का बिजनेस, जो कि आज भी उसी प्रकार चल रहा है। अब वह ना केवल बेंगलुरु में बल्कि दिल्ली चेन्नई में भी अपना बिजनेस चला रहे हैं।
कामयाबी की बुलंदी पर पहुंचने के बावजूद रमेश बाबू आज भी 5 घंटे अपने सलून में काम करते हैं और वह अपने रेगुलर कस्टमर के बाल भी खुद ही काटते हैं। रमेश बाबू उन लोगों के लिए प्रेरणा है जिन्हें लगता है कि छोटी शुरुआत से बड़ा मुकाम हासिल नहीं किया जा सकता। – Ramesh Babu, who once cut people’s hair, has become the owner of Tours and Travelers.