अक्सर हमारे साथ कुछ ऐसा होता है, जिसके डर से हमारी जिंदगी ही बदल जाती हैं कभी यह डर खुद के लिए होता है तो कभी यह अपने परिवार के लिए क्योंकि हम सभी चाहते हैं कि हमारा परिवार हमेशा स्वस्थ रहें। कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले रामवीर सिंह (Ramveer Singh) के साथ। जब उन्हें अचानक यह पता चला कि उनके एक दोस्त के चाचा को कैंसर हुआ हैं और डॉक्टर ने इसका कारण कीटनाशक से उपजे हुए पदार्थों का सेवन बताया तो वह यह सुन के सहम गए। – Ramveer Singh from Bareilly is impressed by an event and is growing vegetables through hydroponic system.
सब्जी उगाने के लिए छोड़ दिया जॉब
इस घटना का रामवीर (Ramveer) पर इस प्रकार असर पड़ा कि वह साल 2009 में अपने परिवार को रसायनिक युक्त सब्जी खाने से बचाने के लिए खुद सब्जी उगाने का फैसला कर लिए। एक तरफ परिवार को लेकर चिंता तो दूसरी तरफ उनकी नौकरी थी क्योंकि फुल टाइम जॉब करते हुए उनके पास इतना वक्त नहीं था कि वह खुद से सब्जियां उगा सकें। ऐसे में रामवीर अपने परिवार को महत्व देते हुए पत्रकारिता वाली जॉब को छोड़ दिया और जैविक सब्जियां (Organic Vegetables) उगाने के लिए वापस बरेली चले गए।
सब्जी उगाने की शुरूआत
बरेली आकर रामवीर एक फ्रीलांस पत्रकार के रूप में काम शुरू किए, जिससे घर की आमदनी भी बनी रहे और सब्जियां उगाने के लिए समय मिल सके। उसी का परिणाम है कि आज रामवीर के तीन मंजिला मकान पर सब्जियों के अनगिनत पौधे लगे हुए हैं। बालकनी से लेकर छत तक हर जगह पौधा ही पौधा लगा हुआ है।रामवीर अपने घर पर ही आधुनिक तरीके से हाईड्रोपोनिक (Hydroponic) खेती करके सब्जियां उगा रहे। इससे ना केवल उनके परिवार को रसायनिक मुक्त सब्जियां मिल रही है बल्कि सब्जी बेचकर वह लाखों की कमाई भी कर रहे हैं।
हाईड्रोपोनिक खेती देख रामवीर हुए प्रभावित
साल 2017-18 में रामवीर दुबई में हो रहे हाईड्रोपोनिक खेती (Hydroponic Farming) देखे, जिसको देख कर वह काफी प्रभावित हुए। बता दें कि हाईड्रोपोनिक खेती में बिना मिट्टी के केवल पानी से खेती की जाती है। साथ हीं इस तकनीक में कीटनाशक का भी कोई खतरा नहीं होता। इसके अलावा इस प्रोसेस में 80 प्रतिशत पानी की भी बचत होती है। इसके फायदे देख रामवीर हाईड्रोपोनिक खेती करने का फैसला कर लिए। हालांकि इस विषय पर उन्होने कोलकाता और मुंबई के कुछ जानने वालों से भी राय ली और इंटरनेट के जरिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त की। – Ramveer Singh from Bareilly is impressed by an event and is growing vegetables through hydroponic system.
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हैपोड्रोपोनिक्स सिस्टम से उगाए सब्जी
रामवीर (Ramveer) जानकारी इकट्ठा करने के बाद बरेली के पीलीभीत रोड पर स्थित अपने मकान में आधुनिक खेती शुरु किए। उन्होंने अपनी बालकनी और खिड़कियों से शुरूआत किया। साथ ही हैपोड्रोपोनिक सिस्टम के लिए वह पीवीसी पाइप का इस्तेमाल किया और उसमें छेद कर जालीदार गमले लगाने का जगह बनाएं। उसके बाद इन सभी पाइपों को एक दूसरे से जोड़ दिया। हैपोड्रोपोनिक्स सिस्टम का सबसे बड़ा लाभ है कि इसके जरिए कम जगह में सैकड़ों पौधे लगाए जा सकते हैं।
रामवीर के फार्म में 10,000 से अधिक पौधे है
पौधों को पानी देने के लिए रामवीर पाइप के एक छोर से मोटर पंप के जरिए पानी देते हैं, जिससे सभी पौधो तक आसानी से पानी पहुंच जाता हैं। 750 वर्ग मीटर में रामवीर करीब 10,000 से अधिक पौधे लगा चूके हैं। वह अपने फार्म में शिमला मिर्च, भिन्डी, मिर्चा, लौकी, टमाटर, फूलगोभी, पालक, पत्ता गोभी, मेथी, स्टाबेरी और हरी मटर जैसे सभी पौधे उगाते हैं। रामवीर द्वारा उगाया गया हर सब्जी कीटनाशक मुक्त है। इसका इस्तेमाल वह खुद के खाने में करने के साथ ही इसके जरिए अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।
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रामवीर के रेवेन्यू सालाना 70 लाख रुपए हैं
रामवीर के अनुसार हैपोड्रोपोनिक खेती के कई लाभ है इसमें ना तो मिट्टी का प्रयोग होता है और ना ही अधिक पानी का और इसके जरिए उगाए गए सब्जियां पोषक तत्व से भरपूर होती है। रामवीर के घर की ओर से आता-जाता हर व्यक्ति उनके घर को देखता रह जाता है। बता दें कि रामवीर का रेवेन्यू सालाना 70 लाख रुपए है। इस घटना से ना केवल रामवीर के परिवार को कीटनाशक मुक्त सब्जियां मिली बल्कि उनकी आय भी बढ़ गई। – Ramveer Singh from Bareilly is impressed by an event and is growing vegetables through hydroponic system.