आजकल लोगों का गार्डेनिंग के प्रति नजरिया बदला है और वे खूब गार्डेनिंग कर रहे हैं जिससे पर्यावरण के संरक्षण साथ उनका शौक भी पूरा हो रहा है। जगह की किल्लत की वजह से लोग बालकनी, टेरेस और अपने बरामदे में भी सजावटी पौधों के साथ सब्जी, फल, फूल एवं औषधीय पौधों को लगा रहे हैं। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे बागवान की है जो करीब 20 साल से गार्डनिंग कर रहे हैं। उनके छत पर आपको 4000 के करीब पौधे मिलेंगे।
बागवान रामविलास कुमार
वह बगवान हैं रामविलास कुमार (Ramvilas Kumar) जो हरियाणा (Haryana) के करनाल (Karnal) के निवासी हैं। उन्होंने आज जो कुछ भी किया है बल्कि स्वयं के अनुभव से किया है और आज अन्य लोगों से अपने अनुभव को साझा कर लोगों को गार्डेनिंग के लिए जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई संपन्न करने के बाद बतौर शिक्षक नौकरी भी किया है और वर्तमान में वह कंस्ट्रक्शन बिजनेस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने चौथी मंजिल पर पौधों को लगाया है और वह अपने गार्डनिंग का काफी ध्यान रखते हैं। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
बचपन से ही था गार्डनिंग का शौक
वह यह बताते हैं कि मैं बचपन से ही गार्डनिंग से बेहद लगाव रखता था और फूलों के प्रति बहुत ही आकर्षित भी हुआ करता था। अगर मुझे कहीं रास्ते में रंग-बिरंगे फूल दिखते तो मेरा मन प्रसन्न होता और ये जिज्ञासा होती कि मैं उन्हें घर पर ले जाकर लगाऊं। उन्होंने ऐसा ही किया और कुछ ही वर्षों में उनके बगीचे में बहुत से फल,फूल एवं सब्जियां उग चुके हैं। उन्होंने अपने छत पर नींबू, अमरुद एवं चीकू इत्यादि के पौधों को उगाया है। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
छत पर हैं 3 हजार से अधिक पौधें
रामविलास (Ramvilas) के गार्डन में आपको लगभग 3000 से अधिक ड्रम तथा गमले मिलेंगे। उन्होंने अपने छत पर मिट्टी के गमले एवं प्लास्टिक के ड्रम को काटकर उसमें पौधों को लगाया है। उन्होंने अपने छत पर पूरी तरह से फैलाते हुए पौधों को लगाया है ताकि भार एक जगह ना हो। वह अपने गार्डनिंग इस तरह ध्यान रखते हैं कि उससे छत को कोई परेशानी ना हो। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
पड़ोसियों में भी बांटते हैं सब्जियां तथा फल
उनके बगीचे में आपको लौकी, टमाटर, ककड़ी, खीरा, तोरई, मटर, पालक, पेठा, मूली, चुकंदर, फलिया, बैंगन, गोभी, पुदीना, धनिया, एलोवेरा, अश्वगंधा, तुलसी, आड़ू, ड्रैगन फ्रूट, आदि बहुत से पेड़ पौधे मिलेंगे। उनके घर वालों के खाने योग्य फल एवं सब्जियां उनके गार्डन से ही मिल जाते हैं। इसके अतिरिक्त वह अपने गार्डन के फल और सब्जियों को अपने पड़ोसियों में बांटते भी है। जब लॉकडाउन लगा था उस दौरान भी उन्होंने लोगों को सब्जियां दी थी।-Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
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ऐसे रखते हैं अपने गार्डन का ख्याल
वह बताते हैं कि मैंने इतनी वर्षों में जो कुछ भी किया है वह अपने अनुभव से ही सीखा है। वह बताते हैं कि मैं अपने पौधों में उर्वरक के तौर पर किसी मिनरल्स का उपयोग नहीं करता बल्कि जैविक खाद को डालता हूं। मैं स्वयं ही अलग तरीके से जैविक उर्वरक का निर्माण भी करता हूं। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए अपनाए ये तरीका
पौधों में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए वह बॉनमिल की जगह पत्थरों के चुरा का उपयोग करते हैं। अगर आप भी ऐसा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पत्थरों का चूरा लेना होगा और फिर इसे अपने गमले में एक मुठ्ठी डाल देनी होगी। आप इसे एक बार डालेंगे तो यह लगभग 2 से 3 साल तक पौधों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। इसके अतिरिक्त आप चाहे तो जब पौधे लगाने के लिए पॉटिंग का निर्माण कर रहे हैं तो उसमें भी पत्थरों का चुरा डाल सकते हैं। इससे भी कैल्शियम की कमी पूरी होती रहेगी। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
ऐसे करें बैक्टीरिया से उर्वरक का निर्माण
वह जैविक उर्वरक के निर्माण में बैक्टीरिया कल्चर में रसोई से निकलने वाले कचरे एवं सूखे पत्तों का उपयोग करते हैं। अगर आप इस तरह की खाद का निर्माण करते हैं तो आपको डीकंपोजर बैक्टीरिया की आवश्यकता होती है। आप चाहें तो इसे मार्केट से भी खरीद सकते हैं या फिर वेस्ट डीकंपोजर भी ले सकते हैं। आप इन्हें एक्टिंव करने के लिए दही, पानी एवं गुड़ में मिश्रित कर लीजिए फिर आप इसे बाल्टी में भरकर ठंडे स्थान पर रख दें। कुछ दिनों के उपरांत आप यह देखेंगे कि ये सक्रिय हो चुके हैं। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
कुछ मुख्य बातें
वह बताते हैं कि जब पतझड़ के मौसम में पौधे गिरते हैं तो उन्हें इकट्ठा करता हूं फिर उर्वरक बनाता हूँ। आप भी चाहें तो इसे बना सकते हैं। आप ड्रम या बाल्टी में अपने जरूरतानुसार उन्हें इकठ्ठा कर लें। अब इसमें नल बनाए और फिर सूखे पतों तथा रसोई के जैविक कचरे को परत इसमें डालें। अब आप इसमें ऊपर से बैक्टीरिया कल्चर को डालें। अब पुनः सूखे पते एवं रसोई के कचरे को इसमें डाल दें। अब आपको इसमे कुछ दिनों तक पानी डालने की जरूत है। अब इसे पूरा भरकर 4 माह के लिए छोड़ दें।-Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
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हो चुका है उर्वरक का निर्माण
अब जब आप उन गमलों में देखेंगे तो ये उर्वरक तैयार हो चुका है और इसका रंग गहरा हो चुका। आप इसे नल से बाहर निकालें और 1/3 भाग मिलाए तथा पौधों में इनका छिड़काव करें। ये उर्वरक पौधों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं साथ ही इनके द्वारा उगाए गए उत्पाद से हमें कोई समस्या नहीं होती। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
सोशल साईट्स के माध्यम से करते हैं लोगों की मदद
आज रामविलास (Ramvilas) अन्य लोगों के उदाहरण बने हुए हैं और लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सोशल साइट्स का उपयोग करते हैं। उन्होंने अपना यूटुयब चैनल भी बनाया है तथा गूगल मीट के तहत वह लोगों को कक्षाएं भी देते हैं । उनसे प्रेरित होकर अम्बाला की रहने वाली रीना जैन भी गार्डेनिंग कर रही हैं और जो समस्या होती है वह गूगल मीट के जरिए उनसे पूछ लेती हैं।-Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
अगर आप भी गार्डेनिंग के प्रति जागरूक हैं और गार्डेनिंग करना चाहते हैं तो रामविलास (Ramvilas) जी के युट्यूब चैनल तथा गूगल मीट की कक्षा से मदद ले सकते हैं। -Haryana’s RamVilas Kumar has done gardening on the terrace, has grown about 3000 plants
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