इस संसार में भांति-भांति के लोग हैं। कुछ लोग खुद और अपने परिवार वालों के लिए जिंदगी जीते हैं और उनको बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं तो वहीं कुछ लोग दूसरों के लिए जीते हैं और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने हेतु सतत् प्रयत्नशील रहते हैं। सेवा में अपनी जिंदगी को समर्पित कर देना हमेशा हीं गर्व वाली बात होती है। परोपकारिता को अपनाकर दूसरों के लिए जिंदगी समर्पित करने के क्षेत्र में एक नाम रणजीत यादव का है। The Logically से बात करते हुए उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की और हमें बताया कि कैसे वे प्रशासन की नौकरी करते हुए समाजसेवा से जरूरतमंदों का उत्थान कर रहे हैं। आईए जानते हैं उनकी प्रेरक कहानी…
रणजीत यादव उत्तरप्रदेश के अयोध्या जनपद में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। वे एक समाजसेवी भी हैं। वे एक तरफ अपनी ड्यूटी के समय लोगों की रक्षा करते हैं तो दूसरी तरफ ड्यूटी के बाद आसपास के लोगों और पर्यावरण की सेवा और रक्षा करते हैं। रणजीत पिछले 4 सालों से रक्तदान करते आ रहे हैं। उन्होंने कई बार ब्लड बैंक में जाकर तो रक्तदान किया हीं है साथ ही अगर किसी का एक्सीडेंट हुआ और उसे रक्त की जरूरत हुई तो रणजीत वहां मौजूद रहते हैं और हर संभव मदद देने की कोशिश करते हैं। खुद कार्य करते हुए वे अन्य लोगों को भी जागरूक करते हैं ताकि वे भी रक्तदान करें जिससे कभी किसी की जान रक्त के अभाव में ना जाए।
रणजीत यादव पर्यावरण के लिए भी काम करते हैं। वे अक्सर पेड़-पौधे लगाया करते हैं और अन्य लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए जागरुक करते हैं। रंजीत चिड़ियों के लिए भी दाना-पानी का हमेशा ध्यान रखते हैं। The Logically से बात करते हुए रणजीत जी ने बताया कि “बचपन में वे और उनके भाई चिड़ियों के लिए दाना रखा करते थे और जब चिड़िया दाना चुगने आती तो वे उसे पकड़ने की कोशिश किया करते थे। और ऐसे में ही एक दिन एक चिड़िया गलती से मर गई। फिर माँ ने सब की पिटाई की और समझाया कि उनका घर पिंजड़ा नहीं पेड़ है और हमें उन्हें पकड़ने की बजाय आजाद छोड़ना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। तभी से उन्होंने पक्षियों की रक्षा करने की ठान ली और उनके आश्रय देने और पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ भी लगाना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़े :- इस डॉक्टर के पहल से 3.2 करोड़ गरीब लोग नेत्रहीन होने से बच गए, पद्मश्री सम्मान से इन्हें नवाज़ा जा चुका है
वे कई स्कूल और कॉलेजों में भी जाकर लोगों और बच्चों को जागरूक करते हैं। ना सिर्फ पर्यावरण और रक्तदान के लिए बल्कि यातायात, नशामुक्ति और शिक्षा के महत्व के लिए भी बच्चों को जागरूक करते हैं। वे बताते हैं कि “उन्होंने अपनी पढ़ाई बहुत मुश्किल से की है, उन्हें बचपन में पढ़ने के लिए दूसरों से किताबें लेनी पड़ती थी”। वे बच्चों को समझाते हैं कि उन्हें जो मिल रहा वे उसे गवाएं नहीं अपितु उसका सम्मान करें और उसके महत्व को समझें।
रणजीत ने कई कविताएं और कहानियां भी लिखी हैं। कुछ कविताएं तो यातायात की सुरक्षा और नशामुक्ति को लेकर है और कई कहानियां लोगों को जागरूक करने के लिए है। उनकी ये कहानियां उन्हीं की आवाज में आकाशवाणी लखनऊ पर छह बार प्रसारित भी की जा चुकी हैं। रणजीत हमेशा गरीबों की मदद भी करते रहते हैं वे कहते हैं कि “मैंने कई मुश्किलें देखी है और अब मेरे पास मेरे वेतन का सहारा है तो मैं जरूरतमंद लोगों की मदद करना चाहता हूं। ताकि उनकी मुश्किलें कुछ हद तक कम हो सके।”
एक बार जब वे अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहे थे स्टेशन पर कुछ लोग ठंड से ठिठुर रहे थे। एक मां अपने बच्चे को आंचल में से ढंके बैठी हुई थी। यह देखते ही रणजीत ने तुरंत सभी के लिए कंबल और उस बच्चे के लिए जैकेट मंगवाया और उन्हें बांटा। रंजीत बताते हैं कि जरूरतमंदों की मदद करने के बाद उनके चेहरे की खुशी देखकर जो खुशी मिलती है वो खुशी और कहीं नहीं मिलती।
रणजीत को अपने इन कामों के लिए कई बार पुरस्कार और सम्मान भी मिल चुका है। दिल्ली में नेशनल आइकोनिक पर्सनालिटी अवॉर्ड, कानपुर में खाकी सम्मान पुरस्कार, अयोध्या में नन्दीग्राम सम्मान इत्यादि। रणजीत कहते हैं कि वे समाज में एक बदलाव लाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि सभी अपनी जिम्मेदारी को समझें और समाज तथा पर्यावरण में अपना योगदान दें। साथ हीं रणजीत कहते हैं कि -“अक्सर लोगों की मानसिकता होती है कि कई पुलिस वाले नकारात्मक सोच वाले होते हैं, मुझे उनकी भी सोच बदलनी है और यह बताना है कि हम पुलिस वालों में भी भावनाएं होती हैं”।
रणजीत यादव जी जिस तरह हर तरीके से समाज उत्थान का कार्य कर रहे हैं वह अन्य लोगों के लिए प्रेरणा है। The Logically समाज उत्थान को बहुत हीं संजीदगी और समर्पण से करने वाले रणजीत यादव जी को नमन करता है।