दिल्ली शहर का नाम सुनते ही हमारे ज़हन में एक ख़्याल अवश्य ही आता है, “प्रदूषण.” यहां घनी आबादी होने के कारण हमेशा ही ईको-सिस्टम में परेशानी रहती है।
आज हम आपको एक ऐसी महिला से रूबरू कराएंगे जो दिल्ली (Delhi) से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपने छत को गार्डन में तब्दील कर दिया है।
यहां पक्षियों की आवाज़ से मन मोहित हो जाता है। रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) ने अपने छत पर हरियाली-ही-हरियाली फैला रखा है, जहां अनेकों पक्षियों का बसेरा है।
15 वर्षों से कर रहीं हैं गार्डनिंग
रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) गार्डनिंग का शौक रखती हैं। वे लगभग 15 वर्षों से इससे जुड़ी हैं। वे फल-फूल एवं सब्जियों को उगाती हैं। वे अपने गार्डन में फल-फुल सब्जियों के उत्पादन के लिए किसी भी रासायनिक उर्वरक का उपयोग नहीं करती हैं, जिससे पक्षियों का बसेरा बना रहता है।
उनके बगीचे में सनबर्ड, गौरैया, टेलबर्ड और बुलबुल पक्षियों के घोंसले है, जिनकी चहचहाहट पूरे घर में गूंज उठती है।
मूल प्रान्त है पटना
रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) का मूल प्रांत पटना है, परंतु वे कई वर्षों से दिल्ली की निवासी बनी हुई है। वे बचपन से ही पेड़-पौधों में रुचि रखा करती थी, क्योंकि उनके पिता एग्रीकल्चर ऑफिसर थे। वे रोजमर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त थी जिस कारण पौधों के साथ वक़्त नहीं गुजारती थीं।
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मिला शौक पूरा करने का अवसर
उन्होंने जब अपना घर खरीदा तब उन्हें यह मौका मिल पाया कि वे अपने शौक को पूरा कर सकें। हालांकि शहरों में बगानी के लिए जमीन नहीं होते, इसलिए उन्होंने पौधों को लगाने के लिए छत का उपयोग किया।
उनका छत 1 हज़ार एस्क्वायर फुट का है और उन्हें छत पर जितनी स्थान मिली उसमें पौधों को लगाया। शुरुआत में उन्होंने फल-फूल को अपने बगीचे में लगाया।
करती हैं स्वंय उर्वरक का निर्माण
शुरुआती दौर में वे अपने पौधों की देखभाल के लिए माली को रखा करती थीं, जो रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करता था। जब उन्हें ऑर्गेनिक उर्वरक के बारे में जानकारी मिली तब उन्होंने अपने किचन वेस्ट, पतियों में कोकोपीट, गाय का गोबर एवं मिट्टी मिलाकर उर्वरक का निर्माण करने लगीं। वे छिड़काव के तौर पर पौधों में दूध का भी उपयोग करती हैं।
ग्रो बैग में उगाती हैं पौधें
वे अपने पौधों को उगाने के लिए ग्रो बैक का उपयोग करती हैं एवं अपने बगीचे में कई डीआई वाई (DIY) एक्टिविटीज भी करती हैं। उन्होंने अपने छत पर बंबू आर्टिस की मदद से एक झोपड़ी भी बनवाई है, जिसमें रहने पर उन्हें अपने गांव का एहसास होता है।
यूट्यूब चैनल से ले सकते हैं जानकारी
मच्छरों से निजात पाने के लिए उन्होंने अपने बगीचे में स्ट्रांग खुशबूदार पौधों को भी लगाया है। रश्मि द्वारा निर्मित गार्डन लोगों को बहुत ही पसंद आ रहा है।
अगर आप भी बगीचे से जुड़ी कोई भी जानकारी एकत्रित करना चाहते हैं, तो उनके यूट्यूब चैनल द्वारा जानकारी ले सकते हैं। उन्होंने अपने यूटूब चैनल को 1 वर्ष पूर्व बनाया था, जिसके आज 3 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।