अक्सर हम फिल्मों में देखते हैं कि सामने से एक ट्रेन आ रही होती है और ट्रैक पर कोई युवक या बच्चा गिर जाता है, तब तक फिल्म का हीरो (Mayur Shelke) आकर उस युवक या बच्चे की जान बचा लेता है। उपर्युक्त बातें अभी तक हमने फिल्मों में ही देखा है, वास्तविक जीवन में कभी ऐसा देखने को नहीं मिला लेकिन हाल ही में एक ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसे वास्तविक में देखकर भी यकीन करना मुश्किल है।
हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें रेलवे प्लेटफार्म पर एक मां अपने बच्चे का हाथ पकड़कर जा रही है, तभी अचानक से बच्चे का हाथ छूटता है और वह रेलवे ट्रैक पर जा गिरता है। मां और बच्चा दोनों चीखने लगते हैं और इसी बीच कुछ मीटर की दूरी पर सामने से एक ट्रेन आ रही होती है।
मां और बेटे के बीच कुछ गज की दूरी थी, लेकिन मां अपने बच्चे को बचाने के लिए हाथ आगे नहीं कर रही है। यह देखकर लगता है कि मां को अपने बच्चे की परवाह नहीं है या उसे अपनी जान का डर है, लेकिन हकीकत यह है कि उस बच्चे की मां को दिखाई नहीं देता है, इसलिए अपने बच्चे को बचाने के लिए वह असहायों की तरह सिर्फ जोर-जोर से चीख रही थी। सामने से ट्रेन आ रही थी और बच्चे के सर पर मौत मंडरा रहा था, तभी एक शख्स (Mayur Shelke) तेज़ रफ्तार से भागता हुआ आता है और अपने जान की परवाह किए बिना उस बच्चे के प्राणों की रक्षा करता है।
A Good Samaritan:
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 19, 2021
At Vangani station of Central Railway, Pointsman Mr. Mayur Shelkhe saved the life of a child just in the nick of the time. He risked his life to save the life of the child.
We salute his exemplary courage & utmost devotion to the duty. pic.twitter.com/V6QrxFIIY0
आप सोच रहे होंगे यह कोई काल्पनिक या फिल्मी बातें है, लेकिन यह घटना वास्तविक है। आपको बता दें कि यह घटना महाराष्ट्र (Maharashtra) की है, जो CCTV कैमरे में कैद हो गई। उस बच्चे को बचाने वाले शख्स का नाम मयूर शेलके (Mayur Shelke) है और वह रेलवे कर्मचारी हैं।
रेलवे कर्मचारी (Railway Staff) मयूर शेलके (Mayur Shelke) ने बताया कि वे ड्यूटी पर थे, तभी उन्होंने यह सब देखा और बच्चे को बचाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने बच्चे को उठाकर प्लेटफॉर्म पर चढ़ाया और जैसे-तैसे करके खुद प्लेटफॉर्म तक आए। ठीक उसी वक्त तेज़ रफ्तार से उद्यान एक्सप्रेस वांगनी स्टेशन से गुजरी। यदि सही समय पर वे ऊपर नहीं आते तो उनकी भी जान जा सकती थी। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि शेलके Mayur Shelke) फील्ड वर्कर हैं और उनका यह देखना कार्य है कि ट्रेन सिग्नल सही से काम कर रहा है या नहीं। शेलके (Mayur Shelke) द्वारा किए गये बहादूरी भरे कार्य पर रेलवे को गर्व है।
Shri Mayur Shelkhe the ‘real life hero’ appreciated by staff & DRM of Mumbai Division of Central Railway. ?? pic.twitter.com/8fCSR6S4Vy
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 19, 2021
रेल मंत्री पीयुष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्वीट कर कहा कि, शेलके (Mayur Shelke) द्वारा किया गया कार्य सभी पुरस्कारों से कम है। उन्होंने लिखा कि उन्हें शेलके पर गर्व है। आपको बात दें कि एशियन इंस्टीटयूट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट ने मयूर शेलके (Mayur Shelke) को उनकी साहस और बहादुरी के लिए 50 हज़ार रुपये इनाम दिए है। वहीं बच्चे की मां संगीता शिरसत ने कहा कि उन्होंने मेरे बच्चे की जान बचाई, इसके लिए जीतना भी धन्यवाद दें कम है।
कहते हैं नेकी करने वालों का साथ देने ख़ुद ईश्वर भी आते हैं, मयूर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। रेलवे कर्मचारी शेलके (Mayur Shelke) की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है।
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