ऐसे बहुत कम ही लोग होंगे जिन्हें कभी मधुमक्खी या ततैया ने डंक नहीं मारा होगा। बचपन में खेल कूद या अनजाने में ही कहीं न कहीं आपका सामना इनसे जरूर हुआ होगा। मधुमक्खियों (Honeybee) के डंक का दर्द शायद अब तक ताजा जरूर हो गया हो तो ये भी याद अा गया होगा कि बढ़े बूढ़े आहत स्थान यानी कि जहां मधुमक्खी ने डंक मारा हो वहां चूना या लोहा घिसने को कहते हैं।
कभी गौर किया है कि मधुमक्खी इंसानों को डंक मारकर दर्द पहुंचाने के बाद, ख़ुद भी कयों मर जाती है? कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? क्या इंसानों में ज़हर होता है या कोई मधुमक्खी नाशक, ततैया नाशक केमिकल (Chemical)?

मधुमक्खियां कब डंक मारती हैं?
मधुमक्खियां तभी डंक मारती हैं जब उनके छत्ते को ख़तरा होता है। यूं ही उड़कर डंक नहीं मारती मधुमक्खी, अगर उस पर आप चढ़ जायें या उसे ज़बरदस्ती मारने की कोशिश करें तो वो आत्मरक्षा करते हुए डंक मार सकती हैं।
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तो इसलिए डंक मारने के बाद हो जाती है मौत
मधुमक्खी का डंक (Stinger) दो Barbed Lancets से बना होता है। मधुमक्खी के डंक मारने के बाद वो अपना डंक बाहर नहीं खींच सकती है। डंक के साथ ही वो अपने पाचन नली (Digestive Tract) का कुछ हिस्सा, मांशपेशियां (Muscles) और नसें (Nerves) भी छोड़ जाती हैं। और इस वजह से ही उसकी मौत हो जाती है।

मधुमक्खियां भी रखती हैं सिक्योरिटी
मधुमक्खी के जाने के बाद भी कई मिनटों तक आपके घाव पर ज़हर फैलता रहता है। इस वजह से डंक को
तुरंत कुरेदकर निकालने की सलाह दी जाती है।वर्कर बीज़ (Worker Bees) प्रजनन (Reproduction) नहीं करती और इसलिये वो छत्ते की सुरक्षा करती हैं ताकि अंदर प्रजनन करने वाली मधुमक्खियां सुरक्षित रहें।
पर ततैया नहीं मरता, बल्कि झुंड के साथ दोबारा वार करता है
बहुत लोगों का मानना है कि ततैया (Wasps) इंसान को डंक मारने के बाद मर जाती हैं BBC के लेख के अनुसार, ततैया कई बार आपको डंक मार सकती है। यही नहीं, अगर आप किसी ततैया को तंग करते हैं तो इसके पूरे आसार हैं कि वो झुंड लेकर आये, आप पर हमला करने के लिये! वैज्ञानिकों की हिदायत यही है कि ततैया दिखे तो शांति से वहां से निकल लें और उसे मारने की कोशिश न करें।
