कोयला ईंधन का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है बिजली के आविष्कार से पहले केवल कोयला ही एक मात्र ऊर्जा का स्रोत था। अगर इसके निर्माण की बात करें तो करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर होने वाली प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप,बाढ़, ज्वालामुखी का निकलना, आकाश में बिजली का गिरना आदि घटनाओं के कारण पृथ्वी पर उपस्थित पेड़ पौधों जमीन के अंदर दब गए जिस कारण कोयले का निर्माण हुआ।
भारत में अगर कोयले की बात करें तो भारत का लगभग 70 से 80 फीसदी कोयला झारखंड व उड़ीसा के खदानों से निकाला जाता है। आपने कोयले से जुड़ी एक चीज हमेशा देखी होगी। आपने देखा होगा कि कोयला ढोने वाली मालगाड़ खुली रहती है (Open Wagon)। इससे कोयला के चोरी (Coal Theft) होने का डर रहता है। साथ ही कोयला के बरसात में भीगने का भी डर रहता है। पर इन सारी चीजों को देखते हुए भी कोयले से भरी मालगाड़ी पूरी की पूरी खुली हुई रहती है। ऐसा हम फिल्मों में भी देखते आए हैं। पर आखिर ऐसा क्यों किया जाता है आइये जानते हैं।
कोयला को जमीन से निकलना
(Coal in Open Wagon)
कोयला दुनिया के हर हिस्से में पाया जाता है इसके बड़े भंडार अमेरिका, रूस, चीन और भारत में है। यह जमीन के अंदर काफी गहराई में पाया जाता है। इसको निकालने के लिए बड़ी बड़ी मशीनो और बहुत सारे आदमियों की जरुरत होती है। इसकी प्रक्रिया भी काफी लंबी होती है।जमीन के अंदर खुदाई करने के बाद बड़े-बड़े ट्रक में इसे लादा जाता है। ट्रक में लादने के बाद इसे मालगाड़ी से एक-जगह से दूसरे जगह पहुँचाया जाता है। पर जिस मालगाड़ी में इसे डाला जाता है उसके ऊपर का हिस्सा यानी कि छत खुला रहता है। जिसे बॉक्स एन वैगन (BOXN Wagon) का जाता है। इस तरह कोयले को रखने का कई कारण हैं।
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निकालने में होती है सुविधा (Coal in Open Wagon)
आपको बता दें कि जब कोयले को खदान (Coal Mines) से निकालने के बाद उसे मालगाड़ी में रखा जाता है तो उसे डालने में सहूलियत होती है। क्योंकि जिस मालगाड़ी में कोयले को डालना होता है उसे पहले यार्ड में लाया जाता है ताकि कोयले की ढुलाई आसानी से हो सके। यार्ड में ही मालगाड़ी के वैगनों में कोयले को डाला जाता है। मालगाड़ी में कोयले की लोडिंग बुलडोजर से होती है या फिर मशीन से। खुले वैगन होने के कारण इनसे लोडिंग आसान होती है। यदि वैगन बंद हो तो उसमें लोडिंग में ही काफी वक्त लग जाता है। लोडिंग में अगर वक्त लगेगा तो कोयले को ससमय पहुँचने में दिक्कत होगी। इसलिए इसे खुले वैगन में डाला जाता है।
उतारने में भी आसानी (Coal in Open Wagon)
खुले हुए वैगन में डालने से दूसरी सहूलियत यह हो जाती है कि इसे उतारना भी बहुत आसान हो जाता है। मशीनों की मदद से इसे जल्द से जल्द उतार भी लिया जाता है। समय की बर्बादी भी कम होती है और यह आसानी दे एक जगह से दूसरे जगह पहुँच भी जाता है। कई जगह तो वैगन को सीधा पलट दिया जाता है जिससे कोयला बहुत कम समय में मालगाड़ी से उतार लिया जाता है। बिजली घरों में यह उपाय अत्यंत ही कारगर साबित होता है।
आग से बचाव होना (Coal in Open Wagon)
कोयले को ओपन वैगन में ढोने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि कोयला अत्यंत ज्वलनशील होता है। ज्वलनशील होने के कारण इसमें आग झट से पकड़ लेती है। एक बार अगर कोयले में आग लग जाए तो इसे बुझाना बहुत ही कठिन हो जाएगा। खासकर अगर बंद मालगाड़ी के डब्बों में कोयला हो और इसमें आग लग जाए तो इससे भयंकर आग भी लग सकती है। इसलिए रेलवे इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए कोयले को ओपन वैगन में ढुलवाता है। ओपन वैगन रहने से इन दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
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