भारतीय परम्परा अन्य देश के सभी परम्पराओं से महान है। हमारे यहां एक दुसरे को सम्मान देने के साथ हीं साथ बड़े को सेवा भावना से देखा जाता है। वास्तव में यह परम्परा हमें महान बनाती है। हमलोगों ने अनेकों ऐसे उदाहरण देखे होंगे जिसमे हमारे यहां लोग अपने माता-पिता के सेवा के लिए अपने कईं जरूरीयात कामों को भी छोड़ देते हैं।
आज हम बात करेंगे एक ऐसी हीं लड़की की, जिसने अपने बीमार पिता के सेवा के लिए लाख रुपये से ज्यादा का नौकरी छोड़ कर पिता की सेवा करने लगी, आज के समय में वे अपने संघर्ष के बदौलत वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं।
आईये जानते है उस संघर्षशील लड़की से जुड़ी सभी जानकारियां:-
कौन है वह लड़की?
हम बात कर रहे हैं रेहना शाहजहां की, जो कि मूल रुप से केरल के कोट्टायम में रहने वाली है। उनके पिता का नाम पी.एम. शाहजहां तथा मां का नाम सीएम रफीथ है। उनके पति का नाम है जो कि पेशे से एक इंजीनियर हैं। वे एक समय जामिया यूनिवर्सिटी में होने वाले एमकॉम के एंट्रेंस परीक्षा में आधे नम्बर प्राप्त होने की वजह से सीट नहीं पा सकी थी। इसके बावजूद भी उन्होंने अपने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कैट परीक्षा पास की इसके बाद उनके मेहनत का फल मिला। उन्होंने अपने सफलता से खुश होकर ऑनलाइन सर्टिफ़िकेट कोर्स करने का निर्णय लिया।
ऑनलाइन कोर्स की अगर सीमा की बात करे तो हम पायेंगे कि अभी तक एक दिन में 75 कोर्स करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड था लेकिन अब तक का वर्ल्ड रिकॉर्ड की बात जाए तो रेहना ने अब एक दिन में 81 ऑनलाइन सर्टिफिकेट हासिल करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उनकी अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत ऑनलाइन सर्टिफिकेट में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रच दिया है। आज के समय में हर वह बाकी लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। उन्होंने आज के समय में अपने ऑनलाइन सर्टिफिकेट को हासिल करके विश्व रिकॉर्ड बना दिया।
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पिता के सेवा ले लिए ठुकराई लाखों की नौकरी
ऑनलाइन कोर्स में विश्व रिकॉर्ड हासिल बनाने वाली केरल के रेहना को दुबई के एक कंपनी में मैनेजमेंट प्रोफेशनल के लिए बहुत अच्छे पैकेज पर नौकरी पा ली थी लेकिन उन्होंने अपने बीमार पिता के लिए भारत में हीं रहना पसंद किया। उन्होंने लाखों रुपये के महीने वाली नौकरी छोड़ यह साबित किया कि उनके लिए परिवार सर्वोपरी है।
पढाई के दौरान एनजीओ से जुड़ी रही
रेहाना अपने पढाई के दौरान दिल्ली के एक प्राइवेट NGO से जुड़ी रही। इस दौरान वे उस NGO के विमेंस मेनिफेस्टो के अनुसार समाजिक कार्यों में अपनी खासी रुचि भी रखती थी। उन्हें शुरु से हीं समाजिक कार्यों में काफी रुचि रही है।
लोगों के लिए बनी प्रेरणा
अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल करने वाली रेहना शाहजहां ने यह साबित कर दिया कि घर के जिम्मेदारियों के साथ हीं साथ अपने सफलता से जुड़े कार्यक्रम पर भी ध्यान देकर सफलता हासिल की जा सकती है। एक दिन में 81 ऑनलाइन कोर्स की डिग्री लेना आज के समय में कोई साधारण बात नहीं है, इसलिए उनके इस सफलता की चर्चा हर तरफ है।