हमारे की सेना हमेशा ही अपने प्राणों की परवाह किए बिना हमारी रक्षा के लिए तत्पर रहती है।
जब पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध के वक़्त टोलोलिंग की चोटी पर अपनी पकड़ बना ली थी, तब देश के लिए बहुत बड़ी चुनौती उन्हें यहां से बाहर निकालने की थी। हालांकि ऐसा करना आसान नहीं था।
विवेक गुप्ता को मिला दुश्मनों को भगाने का ऑर्डर
हमारे देश के परमवीर सिपाही विवेक गुप्ता (Vivek Gupta) राजपुताना राष्ट्रीय रायफल्स में थे। उन्हें ऑर्डर दिया गया कि दुश्मनों को बाहर निकालना है और चोटी पर अपनी पकड़ बनाना है। – remembering major vivek Gupta on the occasion of kargil diwas
दुश्मनों को कराया अपने अदम्य साहस से परिचय
मेजर विवेक गुप्ता (Vivek Gupta) ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्ध में अगुवाई कर रहे थे। उनके अगुवाई में देश के वीर तोलोलिंग की चोटी पर सैनिकों ने अपनी साहस का परिचय दिया। मेजर विवेक गुप्ता (Vivek Gupta) ने भी घुसपैठियों को अपने साहस के बदौलत परास्त किया। – remembering major vivek Gupta on the occasion of kargil diwas
लगी दो गोलियां भी
विवेक गुप्ता (Vivek Gupta) को दुश्मनों के साथ हुए झड़प में 2 गोलियां भी लगी लेकिन उन्होंने हार नहीं माना और 3 दुश्मनों को मौत के घाट उतारकर बंकर पर अपना बर्चस्व कायम कर तिरंगा फहराया।
महावीर चक्र से हुए सम्मानित
वह दिन 13 जून का था, तब देश के वीर सपूत मेजर विवेक गुप्ता (Vivek Gupta) शहीद हो गये थे। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक दुश्मनों को धूल चटाया। उन्हें मरणोपरांत अपने अदम्य साहस के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। – remembering major vivek Gupta on the occasion of kargil diwas
रो पड़े थे कपिलदेव
यह युद्ध 1999 में हुआ था। उस क्रिकेट वर्ल्ड कप भी चल रहा था। तब उस वक्त इंडिया टीम के कप्तान कपिलदेव जी पेपर में शहीदों को फोटोज देखकर रो पड़े थे। उन्होंने सरकार से यह बात कही थी कि पाकिस्तान के साथ कोई क्रिकेट नहीं खेलना। – remembering major vivek Gupta on the occasion of kargil diwas
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