साल 2007 में आई बहुचर्चित फिल्म ‘ओम शांति ओम’ के सुप्रसिद्ध डायलॉग “जिस चीज़ को पूरी शिद्दत से चाहो, पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिशों में लग जाती है” से तो हर कोई परिचित होगा ही। इतना ही नही बहुत से लोगों ने इस डायलॉग की सच्चाई को जानने के लिए इसे लाइफ में प्रैक्टिकली आज़मा कर भी देखा होगा और बहुत से लोगों को अपने इस प्रयास में जीत भी मिली होगी।
अगर हम आपसे कहें कि अपनी हंसमुख अदाकारी और दिलकश अंदाज से लोगों को मुर्गा बनाकर श्रोताओं को हंसाने वाले ‘98.3 FM – रेडियो मिर्ची’ (98.3 FM- Radio Mirchi) के चिर-परिचित रेडियो जॉकी (Radio Jockey -RJ) नावेद सिद्दिकी (Naved Siddiqui) भी उन्ही लोगों में से एक है तो आपका रिएक्शन क्या होगा?
साल 2000 में रेडियो की दुनिया मे कदम रखने से पहले एयरटेल कंपनी के कॉल सेंटर में बतौर कस्टमर सर्विस रिप्रेजेन्टेटिव काम करने वाले RJ नावेद की सक्सेस और मोटिवेशनल स्टोरी को आज हम अपने पाठकों के सामने इस लेख के ज़रिये सामने लाने का प्रयत्न कर रहे हैं।
बेहद साधारण जीवन रहा है RJ नावेद का
दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी(Jamia University) से मास कम्यूनिकेशन(Mass Communication) की पढ़ाई कर चुके नावेद अपने जीवन के हर अच्छे-बुरे पहलू को एक अनोखे हंसाने वाले अंदाज में बताने के लिए जाने जाते हैं वे कहते हैं – “मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से संबंध रखता हूं, वहीं के एक सरकारी स्कूल से मैंने पढ़ाई की, जहां 6th क्लास में जाकर हमें पहली बार इंगलिश भाषा के दर्शन हुए, जब हमें पहली बार टीचर पढ़ाने आये तो एक बच्चे ने पूछ डाला कि सर INN का मतलब क्या होता है। टीचर ने जवाब दिया अन्दर, तो दोबारा उनसे पूछा गया कि वो तो IN होता है, इस INN का क्या मतलब है तो टीचर बोले थोड़ा सा और अंदर। ऐसे में आप बेशक ही समझ गये होगें कि हमें कैसे पढ़ाया गया होगा”
नावेद रेडियो ज्वाइंन करने से पहले करते थे एयरटेल के कॉल सेंटर में जॉब
एयरटेल ऑफिस के कॉल सेंटर (Call Center of Airtel Office) में काम करने के दौरान हासिल अपने अनुभव को साझा करते हुए नावेद कहते हैं – “नौकरी की तलाश में दिल्ली आकर एयरटेल ऑफिस के कॉल सेंटर में बतौर कस्टमर सर्विस रिप्रेजेन्टेटिव काम करने के दौरान मुझसे यह कहा जाता कि किसी भी कस्टमर का कॉल आने पर आपको उनके साथ अलग टोन(Tone) में बात करते हुए उनकी प्रॉब्लम सॉल्व करनी है, इस दौरान मैंने रियलाइज़ किया कि दरअसल ये वो काम नही जो मैं असल ज़िंदगी में करना चाहता हूं, क्योंकि यहां आपको अपनेआप को वो बनकर दिखाना होता है जो आप असल में नही हो, यहां आपको कस्टमर के ही स्टाइल व टोन में बात करते हुए उनकी समस्या हल करनी पड़ती है”
अलग-अलग आवाज़े निकालने की वजह से नावेद के साथ हुए कई मज़दार वाक़ये
बतौर कस्टमर सर्विस रिप्रेजेन्टेटिव जॉब करते हुए अपने साथ हुए मज़ेदार वाक़यों के बारे में बताते हुए नावेद कहते हैं – “अलग-अलग आवाज़े व टोन निकाल लेने की वजह से मुझे रात 2 से 3 बजे की नाइट शिफ्ट दे दी जाती थी। ऐसे में रात को मैं जब लड़कों की कॉल्स अटेंड करता और लड़की की आवाज निकाल कर उन्हे कंपनी के प्लान्स् बेचा करता तो वे लड़के मुझे न केवल पटाने की कोशिश करते बल्कि शादी करने के प्रपोज़ल्स भी दिया करते थे, जिन्हे मैं प्लान बेचने की खातिर स्वीकार भी कर लिया करता था, सच कहूं तो मुझे उस दौरान पैसों की बहुत ज़रुरत हुआ करती थी इसलिए ये सब काम मुझे करने ही पड़ते थे”
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RJ बनने का सुझाव कहां से मिला नावेद को
अपने मोबाइल पर एक दिन अचानक ही यह मैसेज पढ़कर कि ‘अगर आपको Radio Jockey बनना है तो ये नंबर डायल करें’ ने नावेद को इस क्षेत्र में काम करने के लिए उत्साहित किया। लेकिन पैसों की तंगी से जूझ रहे नावेद ने वह नंबर अपने दोस्त के मोबाइल से डायल किया। जहां उनसे कहा गया कि Delhi Times के पहले पन्ने का पहला लेख पढ़ें, लेकिन न तो उनके पास वो अखबार था न ही कोई आर्टिकल। फिर भी उन्होने हिम्मत न हारते हुए अपना ऑडिशन दिया। लेकिन अल्लाह का करम देखें कि उसी दौरान अज़ान भी शुरु हो गई। ऐसे में शोर से बचने के लिए उन्होंने एक शांत दुकान में जाकर न केवल अपना ऑडिशन दिया हैं बल्कि सिलेक्ट भी हो गए।
3000 प्रतियोगियों को मात देकर की जीत हासिल
साल 2000 में Radio Mirchi द्वारा ऑर्गेनाइज़ किये गये RJ Hunt Show में नावेद ने 3 हज़ार प्रतियोगियों को हराया। तब से लेकर आज तक नावेद Radio Mirchi में बतौर मेन एंकर काम कर रहे हैं जहां वो ‘Sunset Samosa’, Mirchi Murga’ ‘Dr. Love’ और ‘Total Family’ जैसे शोज़ होस्ट कर रहे हैं।
कैसे हुई मिर्ची मुर्गा शो की शुरुआत
RJ नावेद बताते हैं – “रेडियो जवाइंन करने के बाद हमें एक टास्क मिला जिसमें हमें लिसनर्स को प्रैंक कॉल्स करके मैसेज देने होते थे। उस शो के दौरान हम न केवल लोगों को हंसाते बल्कि कभी-कभी वो रो भी पड़ते थे, कुछ लोगों को हम सबक भी सिखाते और उन्हे भी प्रैंक करने के तरीके सिखाते, धीरे-धीरे मैं अपने काम में इतना सटीक हो गया कि मैंने नोटिस किया कि मेरे इस शो से लोगों में व्यवहारिक बदलाव भी आ रहे हैं, मेरे इस अंदाज़ को बेशक ही लोगों ने सराहा, उसी का परिणाम है कि मैं मिर्ची मुर्गा शो के ज़रिये आज तक आप लोगों को हंसाने में सफल हो पा रहा हूं”
अपने वन लाइनर्स और मुर्गा शो के लिये प्रसिद्ध हैं नावेद
बेशक ही वर्तमान में नावेद एक RJ होने के नाते न केवल लोगों को गुदगुदाने की क्षमता रखते हैं बल्कि इंडिया रेडियो फॉरम(India Radio Forum) अवार्ड्स जीतने के बाद अपने शो रेडियो मिर्ची और अपने मज़ाकिया वन लाइनर्स की वजह से लोगों के दिलों मे एक खास मुकाम हासिल करने में सफल हुए हैं।
लिसनर्स के मुताबिक ही वॉइस में लाने होते हैं चेंज
Your Story डिज़िटल मीडिया से हुई बात में नावेद कहते हैं कि – “साल 2000 में जब मैंने रेडियो ज्वाइन किया तो मानों हर कोई मुझे सुझाव देने लगा कि ऐसे करो, वैसे करो, लेकिन सच तो यह है कि जैसे हर फील्ड का अपना एक तरीका और एक पैटर्न होता है वैसा ही कुछ रेडियो के संदर्भ में भी है, ऐसा नही कि हमें हर शो में अपने एक अंदाज़ को बरकरार रखना होता है बल्कि ये फील्ड आपसे डिमांड करती है कि आप अपने लिसनर्स के मुताबिक खुद में, अपनी आवाज़ में और अंदाज में बदलाव लेकर आयें”
कई अवार्ड् के हकदार रह चुके हैं नावेद
वर्तमान में तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस् पर नावेद के शो खासी सराहना बटोर रहे हैं। बता दें कि अपनी सम्मोहित कर लेने वाली आवाज़ और मज़ाकिया अंदाज के चलते RJ नावेद ने अपने रेडियो कैरियर में कई पुरुस्कार भी हासिल किये हैं जैसे ‘Sunset Samosa’ के लिये ‘National Television Award’ और 2015 में आयोजित Golden Mike in the year में ‘The Indian Icon Award’ व ‘Best RJ award’ अवार्ड्स जीते हैं।
पैसा कमाने के लिए नावेद ने दुबई का रुख भी किया
बिज़नैस स्टडी(Business Study) में बैचलर डिग्री लेने के बाद ये सोचकर कि दुबई जाकर ढ़ेरों पैसा कमाया जा सकता है नावेद दुबई भी गये लेकिन वहां लगातार 12 से 14 घंटे खड़े रहकर उन्हे ग्राहको को अपना प्लान समझाना पड़ता था जिसके बदले उन्हे केवल 1000 Dirham मिला करते जिसमें गुज़ारा करना उनके लिए मुमकिन नही था। ऐसे में वापस भारत आकर उन्होने रेडियो ज्वाइंन कर लिया।
गोल्स् अचीवमेंट के लिये कोशिशें भी है ज़रुरीः RJ नावेद
अपने मज़ाकिया अंदाज से सबको लुभाने वाले नावेद कहते हैं कि -“यह डायलॉग काफी हद तक सही है कि जिस चीज़ को पूरी शिद्दत से चाहो, पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिशों में लग जाती है, लेकिन मेरा अनुभव इसमें एक लाइन और एड करता है वो ये कि केवल चाहने या मांगने से ही सबकुछ नही होता, कुछ प्रयास खुद भी करो तब ही असल मुकाम हासिल होता है, मैंने अपनी ज़िदगी में अभावों से भरे दिन भी देखे हैं लेकिन कभी हिम्मत न हारकर हर अनुभव से एक सबक लेते हुए आज अपने सपने को सार्थक होते भी देख रहा हूं”