जल हर प्रकार के जीव के जीने का आधार है। जल की एक एक बूंद बहुत-बहुत बहुमूल्य है। यह बात हम मनुष्य बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन फिर भी जल का दुरुपयोग करते हैं । जल को कैसे बचाया जाय, इसपर किसी का ध्यान नहीं जाता है। आजकल एक बाल्टी पानी के लिए लोगों को न जाने कितने समय तक लाइन में खड़ा होना पड़ता है, क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है, जल ही जीवन है। अगर अभी जल के बचत के बारे मे नही सोचा गया तो आनेवाले कुछ सालों में पानी की कमी से सारा जीवन अस्त-वयस्त हो जायेगा, सब जगह जल के लिए तरह तरह के झगड़े और दंगे फसाद होने लगेंगे।
आईये आज आपको एक ऐसी सोसाइटी के बारे में बताते हैं, जहां पानी के लिए लोगों को प्रतिदिन हजारो रुपये खर्च करने पड़ते थे, लेकिन आज पैसों की बचत हो रही है और दूसरो के लिए भी पानी की सप्लाई हो रही है।आईये जानते है वहां के लोगों ने ऐसा क्या किया जिससे यह सब सम्भव हो पाया।
पुणे मे स्थित एक सोसाइटी है जिसका नाम है रोजलैंड रेजीडेंसी सोसाइटी। वहां साल 2008 में जलस्तर नीचे गिरने के कारण सभी बोरवेल सूख गये जिसके चलते वहां पानी की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी। पुणे कारपोरेशन से भी रोजलैंड सोसाइटी को उनके जरुरत के हिसाब से सिर्फ 30% जल का ही सप्लाई होने लगा, जिसके चलते वहां रहने वाले परिवारों के लिए मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ गयी। उसी सोसाइटी में संतोस मास्कर 2007 से रहते थे, वे रोजलैंड रेजीडेंसी सोसाइटी के RWA के अध्यक्ष थे। एक बार जल की समस्या का हल निकालने के लिए रेजीडेंसी सोसाइटी के लोगों ने बैठक किया और सामूहिक रुप से यह निर्णय लिया गया की रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से इस समस्या का हल निकाला जाये।
संतोस मास्कर ने लोगों को समझाया कि बारिश के पानी से सोसाइटी के जमीन का जलस्तर ठीक नही हुआ तो भी किसी न किसी दुसरे सोसाइटी के जमीन के जलस्तर में जरुर सुधार आयेगा। उन्होंने बताया की इस पायलट प्रोजेक्ट में 40 हजार का खर्चा आयेगा। सोसाइटी के लोगों को संतोस मास्कर की बात बहुत अच्छी लगी और उन्होंने इस काम के लिए हामी भर दी । आगे चलकर सोसाइटी के लोगों 60 हजार रुपए का योगदान दिया। इसके लिए सोसाइटी के लोगों ने एक साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट का निर्माण किया। पहली बार वहां 3 टावर लगाये गये जहां बारिश के पानी से चार्ज कर इसका इस्तेमाल किया गया। इसके लिए छत पर बारिश का पानी जमा कर उसको स्टैंड फ़िल्टर के माध्यम से बोरवेल मे डाला गया। यह प्रयोग करने से आनेवाले साल मे गर्मी के दिनो मे 2 से 3 बोरवेल मे पानी आने लगा। इससे सोसाइटी के लोगों में साहस बढ़ा और उन्होंने प्रत्येक साल 2, 3 बोरवेल मे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने शूरू कर दिया। अभी तक वहां 30 प्लांट लगाये जा चुके हैं, और आनेवाले कुछ दिनो में बचे हुये 5 प्लांट का काम भी पूरा हो जायेगा। जिसके चलते वहां के सभी बोरवेल मे पानी आने लगेगा।
रोजलैंड रेजीडेंसी सोसाइटी के लोगों की अब कोशिश है की वह इस काम को दुसरे अलग-अलग जगह और सोसाइटी तक पहुँचाया जा सेक और वहां भी जल की समस्या से निजात मिल सके। ऐसा करने से बहुत सारे फायदे भी होंगे उदाहरण के लिए ले लिजिये जमीन के जलस्तर मे भी सुधार आयेगा और पानी की बचत भी होगी।