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लगभग 1.5 लाख झुग्गी झोपड़ियों को पेंट से सजाकर दे चुकी हैं नया रूप, गन्दी बस्तियों को खूबसूरत बना रही हैं ‘रूबल नेगी’

झुग्गी-झोपड़ियां’ यानि बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों और पॉश कॉलोनियों के बीच समाज के गरीब तबके के सर छुपाने के लिए बसी एक ऐसी जगह जिसे भले ही समाज का पढ़ा-लिखा व अभिजात्य वर्ग हिकारत की नज़र से देखता हो, लेकिन एक कड़वा सच ये भी है कि आज ये झुग्गियां हमारे समाज का एक अभिन्न अंग बन चुकी हैं।

वर्तमान में समाज के अखण्डित बन चुकी इन्ही झुग्गी कॉलोनियों को एक कलात्मक व रुचिकर रुप देने के लिए मुंबई की आर्टिस्ट रुबल नेगी(Rubel Negi) इन दिनों काफी चर्चा में हैं। अपने ‘मिसाल मुंबई’ अभियान(Misaal Mumbai Campaign) के तहत रुबल अब तक महाराष्ट्र की लगभग 30 झुग्गी-बस्तियों और गांवों के घरों की दीवारों को मनमोहक रंगों व अनोखी कलाकृतियों से सजा चुकी हैं।

Rubel Negi painting mission

‘मिसाल मुंबई’ अभियान के ज़रिये 1 लाख 50 हज़ार घरों को बनाया है आकर्षक

मुंबई की आर्टिस्ट रुबल नेगी ने साल 2018 में ‘मिसाल मुंबई’ अभियान की शुरुआत की थी। तब से लेकर आज तक रूबल व उनकी टीम ने झुग्गी–बस्तियों के तकरीबन 1 लाख 50 हज़ार घरों को अपनी कल्पना और रंगो के माध्यम से सुंदर बनाया है। इतना ही नही बाहरी दीवारों पर भी खूबसूरत तस्वीरे बनाई हैं। अभी तक वे महाराष्ट्र के करीब 30 झुग्गी-बस्तियों और गांवों की काया पलट कर चुकी हैं।

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पेंटिंग के ज़रिये सामाजिक मुद्दों को दर्शाती हैं रूबल

रूबल कहती हैं – “मुझे अपनी पेंटिग का विषय चुनने के लिए समाज के भीतर बसे लोग और सामाजिक मुद्दे ही प्रेरित करते हैं। इनके द्वारा मैं महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, रोज़गार जैसे मुद्दों को उठाती हूं, मेरा मानना है कि पेंटिग वो माध्यम हैं जिसके ज़रिये सामाजिक विषयों को सबके सामने न केवल लाया जा सकता है बल्कि उनके प्रति जागरुकता भी फैलाई जा सकती है”

बच्चों के लिए आर्ट वर्कशॉप भी आयोजित करती हैं रूबल

15 सालों में रूबल 800 मूर्तियां व पेंटिंग बना चुकी हैं। इसके अलावा वे 62 बालवाड़ी भी चलाती हैं, जिसके द्वारा गरीब बच्चों को आरंभिक शिक्षा दी जाती हैं। उनकी संस्था पूरे देश में बच्चों के लिए आर्ट वर्कशॉप का आयोजन भी करती है।

पिछले दो दशकों से पेंटिग कर रही हैं आर्टिस्ट रूबल नेगी

अपने जीवन को कला के नाम करते हुए रूबल पिछले दो दशको से पेंटिंग कर रही हैं। मुंबई का अभिन्न अंग बन चुकी झुग्गियों को अपनी कला से सजाते हुए रूबल ने न केवल उन झुग्गियों का कायाकल्प कर दिया है बल्कि मुंबई की खूबसूरती भी बढ़ाई है।

हाईजीन व सैनेटइज़ेशन के प्रति भी लोगों को जागरुक करता है ‘मिसाल मुंबई’

मुंबई की आर्टिस्ट रूबल नेगी समय-समय पर लगने वाली अपनी वर्कशॉप्स् के द्वारा झुग्गी बस्तियों के लोगों के बीच हाईज़ीन व सैनेटाइज़ेशन के महत्व को भी फैलाती हैं।

महाराष्ट्र के बाहर भी अपनी पेंटिग का जादू बिखेर चुकी हैं रूबल

रूबल के फांउडेशन ने महाराष्ट्र के बाहर राजस्थान, तेलंगाना, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बसी झुग्गी बस्तियों को भी अपनी पेंटिंग के द्वारा एक नवजीवन दिया है।

लोगों को पॉज़िटिव एनर्जी देते हैं ये रंगः रूबल

इस सच को झुठलाया नही जा सकता कि समय के साथ इन झुग्गियों पर से ये रंग फीके पड़कर उतर जाएंगे, लेकिन इन रंगों ने लोगों की सोच में जो सकारात्मक बदलाव किये हैं वे बेशक ही सालों तक बने रहेंगे और उन्हे एक नई ऊर्जा भी देंगे।

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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