हमारा देश भारत (India) कृषि प्रधान देश कहा जाता है। यहां ऐसा बहुत कुछ पाया जाता है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और उनमें से एक केसर (Saffron) है।
दुनियाभर में भारत के केसर (Saffron) की एक खास पहचान है। वह अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। पहले भारत में केवल कश्मीर (Kashmir) में ही केसर (Saffron) की खेती होती थी, परंतु अब बुंदेलखंड (Bundelkhand) के हमीरपूर में भी केसर (Saffron) की खेती की शुरुआत हो चुकी है।
केसर की खेती से किसानों को लाभ
जानकारों की मानें तो अगर किसान इसमें सफल होते हैं, तो केसर (Saffron) की खेती से किसानों को अधिक मुनाफा होगा। बुंदेलखंड (Bundelkhand) के एक किसान कहते हैं कि पहले हमें संदेह था कि क्या यहां केसर उग पाएगा, परंतु अब इसकी खेती देख खुशी है कि ऐसा हुआ। आमतौर पर केसर (Saffron) की खेती ठंडे क्षेत्र में होती है मगर बुंदेलखंड ठंडा क्षेत्र नहीं है, जिस कारण यहां फसलों में 5 से 6 बार पानी देना पड़ता है।
Bundelkhand: Some farmers in Hamirpur's Niwada village have begun cultivating saffron in the drought-hit area
— ANI UP (@ANINewsUP) March 16, 2021
"We were skeptical whether saffron would grow here but we're glad that it did. Since it isn't a cold area, crops need to be watered 5-6 times/day," a farmer said (16.03) pic.twitter.com/qpZ1jT19iQ
बुंदेलखंड दूसरा राज्य जहां केसर उगाया जा रहा
ऐसा पहला बार हुआ है कि ठंडे प्रदेश के बाहर केसर (Saffron) के पौधे की खेती की गई है। अगर बुंदेलखंड के किसान इसमें सफल होते हैं, तो यह उन किसानों की किसमत बदल देगी। केसर (Saffron) बाजारों में काफी महंगा होने के साथ ही सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले मसाला भी है। भारत में बुंदेलखंड ऐसा दूसरा राज्य होगा, जहां केसर (Saffron) उगाया जा रहा है।