केसर को विश्व के सबसे कीमती पौधों के रूप में जाना जाता है। भारत में इसकी सबसे ज्यादा खेती जम्मू कश्मीर में होती है। कहते हैं कि केसर (Saffron) ठंडी जगहों पर ही की जा सकती है। आपको बता दें कि एक गांव ऐसा है, जहां के किसान सूखे जमीन पर केसर (Saffron) की खेती कर रहे हैं। इस बात पर विश्वास कर पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन यह सच है कि बुंदेलखंड के हमीरपुर में नवादा गांव के किसान सूखे इलाके में भी केसर (Saffron) की खेती कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, यह कैसे मुमकिन है?
पारंपरिक खेती के तरीकों से अलग हटकर अब किसान अलग-अलग तकनीके अपना रहे हैं। वहीं कुछ किसान नई तकनीकों पर काम करना भी आरम्भ कर चुके हैं। बहुत से किसान उन खेतियों को भी करने की कोशिश कर रहे हैं, जो मौसम के हिसाब से नहीं होती है। कुछ ऐसा ही बुदेलखंड के एक गांव में देखने को मिला है, जहां गांव के किसान सभी तरह की खेती कर रहे हैं, जो यहां पहले कभी नहीं होती थी।
खबरों की मानें तो पहले यहां के किसानों ने स्ट्रॉबेरी (Strawberry) की खेती की। स्ट्रॉबेरी (Strawberry) की खेती से भी इनका व्यवसाय अच्छा चल रहा है। स्ट्रॉबेरी (Strawberry) की खेती में सफल होने के बाद यहां के किसानों ने केसर (Saffron) की खेती करना प्रारंभ की, जो केवल जम्मू कश्मीर में ही होती थी और यहां के केसर (Saffron) काफी मशहूर भी है। दरअसल कश्मीर के केसर (Saffron) को ही जीआई टैग मिला हुआ है। बुंदेलखंड के किसानों ने भी अपने गांव में केसर की खेती कर सबको हैरान कर दिया है।
हमीरपुर के किसानों ने रचा इतिहास
बुंदेलखंड के हमीरपुर में नवादा गांव के किसानों ने इतिहास रचा है। यहां के किसान अब सूखे इलाके में भी केसर (Saffron) की खेती कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सूखी जमीन में भी केसर (Saffron) की खेती जा सकती है। उनके इस कार्य ने सबको चकित करके रख दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार एक किसान ने बताया कि हमें उम्मीद नहीं थी कि यहां केसर (Saffron) की खेती हो पाएगी। दरअसल बात यह है कि यह कोई ठंडा क्षेत्र नहीं है मगर इसे ठंडक देने के लिए खेत में 1 दिन में 5 बार पानी देने की आवश्यकता होती है।
अगर यूपी जैसे क्षेत्र में भी किसान केसर (Saffron) की खेती कर लेते हैं, तब यहां के किसानों की आय में काफी असर देखने को मिलेगा। बता दें कि अभी केसर (Saffron) की मांग काफी ज्यादा है और इसके भाव भी काफी ज्यादा हैं। ऐसे में अगर किसान सूखे प्रदेशों में भी यानी कम ठंडक में भी केसर की खेती कर पाए, तो इससे अच्छी खासी कमाई की जा सकती है।
तीन से साढ़े तीन लाख रुपए किलो तक बिकता है केसर
केसर (Saffron) की कीमत तीन से साढ़े तीन लाख रुपए किलो है। दुनिया में इसकी कीमत इसकी क्वालिटी पर लगाया जाता है। अलग-अलग बाजारों में केसर (Saffron) की कीमत लगभग 3 से 5 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक है। केसर (Saffron) के पौधों में अक्टूबर से पहले सप्ताह में फूल लगने शुरू हो जाते हैं और नवंबर तक यह तैयार हो जाता है। वैसे इसे उगाने के लिए काफी लंबा प्रोसेस होता है और मुश्किलों से भरा भी होता है। पर अगर इसकी खेती अच्छे तरीके से की जाय तो अच्छी-खासी कमाई भी की जा सकती है।
सबसे ज्यादा केसर की खेती ईरान में होती है
ईरान का खोरसान प्रांत केसर (Saffron) की खेती के लिए काफी मशहूर है। अगर देखा जाए तो इस प्रांत की महत्त्व ऐतिहासिक तौर पर किया जाता है। इसे ‘लैंड ऑफ द सन’ यानी सूरज की धरती भी कहा जाता है क्योंकि यहां सूरज सबसे पहले निकलता है। यही बात ईरान में केसर (Saffron) की खेती को रोचक बना देती है। यहां केसर (Saffron) की खेती का सीजन अक्टूबर के मध्य में शुरू होता है।
नवादा गांव के किसानों ने केसर (Saffron) की खेती की है, इससे कई किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी। अब दूसरे किसान भी पुराने खेती के साथ-साथ नई तकनीकों के साथ खेती करना प्रारंभ करेंगे।