यदि कोई युवा चाहे तो वह अपनी मेहनत और योग्यता के आधार पर सफलता की नई इबारत लिख सकता है। भारतीय युवा अपनी योग्यता और कुशलता से पूरे विश्व को खुद की काबिलियत का लोहा मनवाया है। हम आपकों ऐसे हीं एक सफल युवा उद्दमी के बारे में बताएंगे जिसने विदेश की अच्छी-खासी नौकरी को त्यागकर अपने दम पर कामयाबी हासिल किया है।
समीर गहलौत
समीर गहलौत (Sameer Gehlaut) की बात करें तो समीर गहलौत ने देश के सबसे बड़े ऑनलाइन और रिटेल ब्रोकरेज फर्म इंडियाबुल्स की नींव रखा है। उनका जन्म हरियाणा (Hariyana) के रोहतक में एक कारोबारी परिवार में हुआ। समीर के पिता का नाम बलवान सिंह गहलौत (Balawan Singh Gehlaut) है और वह एक खनन व्यापारी हैं। समीर ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वर्ष 1995 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से उपाधि धारण किया। परंतु समीर कुछ अलग करना चाहते थे। उनके अंदर कुछ अलग करने का जुनून और जज्बा था। उन्होंने अपने जोश और जज्बे की वजह से अमेरिकन तेल कंपनी में काम करने के लिए विदेश चले गए। वहां समीर ने 2 वर्षों तक काम किया। उसके बाद वापस अपने देश भारत लौट आए और अपने पिता के कारोबार में हाथ बंटाने लगे।
समीर ने पिता के व्यवसाय में कुछ दिन हाथ बताने के बाद खुद की राह बनाने का निर्णय लिया। समीर ने स्वयं की राह बनाने के लिए दिल्ली (Delhi) के हौजखास बस टर्मिनल के पास एक छोटे से कमरे में ब्रोकरेज का काम करना आरंभ किया। वर्ष 1999 में समीर अपने दो मित्रों के साथ मिलकर ऑर्बिट सिक्योरिटीज नाम की एक खस्ताहाल ब्रोकरिंग फॉर्म को सस्ते कीमतों में खरीदते हुये इंडिया बुल्स (Indiabulls) की नींव रखी।
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उसके बाद वर्ष 2000 मे डॉटकॉम बुलबुला फूटा तो समीर ने अपने बिजनेस को ऑनलाइन करने की राह में संभावनाओं की खोज आरंभ कर दिए। समीर ने सिर्फ 26 वर्ष के उम्र में ही रिटेल इनवेस्टर्स के लिए इंडिया बुल्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की स्थापना किया। उन्होंने स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल जैसे विश्वव्यापी कारोबारी को असर डालते हुए उंची छलांग लगाई। समीर के उंचे विचार और बेहतरीन नेतृत्व की वजह से लगभाग 10 वर्षों में ही इंडिया बुल्स (Indiabulls) देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन और रिटेल ब्रोकरेज फॉर्म बन गई।
वर्तमान में इस कंपनी के पास भारत (India) में कई हजार एकड़ के बढ़िया भूभाग हैं। इसके साथ हीं समीर की इस कम्पनी के पास हजारों करोड़ रुपए का मार्केट कैपिटल है। समीर सिर्फ 34 वर्ष की उम्र में हीं भारत के सबसे युवा अरबपति बन गए थे। इसके अलावा उन्होंने विश्व के अमीर व्यक्तियों के लिस्ट में भी अपने नाम दर्ज करवाया है। उनके कम्पनी में इन्वेस्ट करने वाले लक्ष्मी नारायण मितल भी अपनी इन्वेस्ट की हुई राशि से 300 गुना रकम बना चुके हैं।
समीर ने एक छोटे से कमरे से आरंभ करके बीत रहे समय के साथ कठिन परिश्रम की वजह से उनका आज बहुमंजिला फाइव स्टार ऑफिस तक का सफर बहुत हीं सुन्दर वह प्रेरणास्त्रोत है। The Logically समीर गहलौत को उनके सफर को सलाम करता है।