हम शिक्षकों को अक्सर देखते हैं कि वह अपने बच्चों को हर वह शिक्षा देना चाहते हैं जो उनके पास हो। आज हम आपको ऐसी शिक्षिका के बारे में बताएंगे जिन्होंने 100 से भी अधिक पौधों को लगा रखा है और अपने बच्चों को उसके जरिए हिंदी व्याकरण और साइंस पढ़ा रही हैं। संगीता श्रीवास्तव जो प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका हैं।
संगीता श्रीवास्तव
संगीता श्रीवास्तव (Sangeeta Shrivastwa) उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) से नाता रखती हैं। वह एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका हैं। वह छत पर पर लगभग 100 से भी अधिक पौधों को लगा रखी है और उन्हीं के माध्यम से वह अपने बच्चों को हिंदी व्याकरण और विज्ञान पढ़ाती हैं। वह यूट्यूब वीडियो बनाकर पढ़ाई कराती हैं।
बचपन से था बागानी का शौक
उन्होंने यह जानकारी दिया कि उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों में ज्यादा रुचि थी और बागानी का शौक था। जब वह अपने घर की जिम्मेदारियों से थोड़ी हल्की हुई तब उन्होंने अपनी छत पर पेड़ पौधों को लगाना शुरू किया। शुरुआती दौर में उन्होंने 10 पौधों से अपने बागानी की शुरुआत की थी। लेकिन अब उनके पास 100 से भी ज्यादा पौधे मौजूद हैं। इन पौधों में फल-फूल, औषधीय पौधे और सब्जियों के साथ सजावटी पौधे भी मौजूद हैं। उन्होंने फलदार वृक्ष में अनार, आम और कीवी हैं वहीं औषधीय में एलोवेरा, तुलसी, नीम और गिलोय शामिल हैं और सब्जियों में बैंगन, पालक, भिंडी और लौकी है।
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घर के वेस्ट समान में उगातीं हैं पौधे
वह पौधों को उगाने के लिए घर की बाल्टी, पुराने आटे या चावल के बैग, फटे पुराने कपड़े और डिब्बे का उपयोग करती हैं। वह अपने स्कूल के बच्चों को भी यही शिक्षा देती हैं कि वह घर के वेस्ट सामग्रियों से पौधों को लगाएं और पर्यावरण का संरक्षण करना सीखें। आज उनके स्कूल में बहुत सारे पेड़-पौधे लगे हैं।
जैविक खाद का करती हैं उपयोग
वह पौधों में उर्वरक के लिए उपले मंगाकर उसे पानी में भिंगोकर एनपीके को मिलाकर जैविक खाद का निर्माण करती हैं। साथ हीं जो किचन वेस्ट मटेरियल है उनका भी उपयोग करती हैं। वह पौधों के लिए जरूरतानुसार मिट्टी, उर्वरक एनपीके और वर्मीकम्पोस्ट को मिलाती हैं। वह अपने पौधों की सिंचाई के लिए वाटर फिल्टर से निकले हुए बेकार पानी का उपयोग करती हैं साथ ही सूर्य का प्रकाश मिले इसके लिए उन्होंने अपनी छत पर लगे पौधों में नेट लगाया है। उनका सहयोग उनके पति भी करते हैं।
खुद से बनाया है यूट्यूब चैनल
उन्होंने अपने बच्चों को पौधों के विषय मे जानकारी देने के लिए 4 वर्ष पूर्व यूट्यूब चैनल बनाया। लेकिन यह अपने जीवन में इस कदर बिजी रहती थी कि इस यूट्यूब पर ज्यादा समय नहीं दे पाती। लेकिन इस लॉकडाउन में में उन्होंने हर संडे को एक वीडियो पोस्ट किया और उसे लगभग 5 सौ से 1 हजार बच्चों ने देखा भी है।
पौधों के जरिए पढ़ाना है आसान
उन्होंने यह जानकारी दिया कि जब उन्हें अपने बच्चों को हिन्दी व्याकरण पढ़ाना है तो यह आसान लगता है। अगर उन्हें जातिवाचक संज्ञा के बारे में बताना हो तो वह उन्हें पेड़ का उदाहरण देकर समझाती हैं। जैसे “यह आम का पेड़ है”। वही अगर व्यक्तिवाचक बताना हो तो “यह एक दसहरी आम का पेड़ है”।
बागानी कर बच्चों को जिस तरह संगीता पढ़ा रही हैं वह वन्दनीय है। The Logically संगीता श्रीवास्तव जी को उनकी बागानी और उसे बच्चों को भी सिखाने के लिए उन्हें सलाम करता है।