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पिता से मिली समाजसेवा की प्रेरणा, जबलपुर की सरिता अब जरूरतमन्दों को मुफ्त भोजन और राशन उपलब्ध कराती हैं

एक ऊक्ति है “मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है” इसलिए हमारी जिंदगी व हमारे प्रयास से अगर जरूरतमंदों को मदद मिल जाए तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है।

समाजसेवा की बात की जाए तो आज के समय में महिलाएं पुरुषों से तनिक भी कम नहीं हैं। आज बात एक ऐसी हीं महिला सरिता सिंह राजपूत की जिन्होंने समाजसेवा को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बनाया और वे उसके लिए सतत् प्रयासरत हैं। The Logically के साथ हुए साक्षात्कार में उन्होंने समाजसेवा हेतु अपने प्रयासों को साझा किया। आइए जानते हैं…

सरिता सिंह राजपूत मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं। वर्तमान में वे रोटरी क्लब ईस्ट की 2021-22 अवधि की प्रेसिडेंट है। समाज सेवा से जुड़े हुए हर कार्य को बेहद संजीदगी से लेकर उसके लिए प्रयास करने को वह अपना कर्तव्य मानती हैं। अपने स्तर से और अपने रोटरी क्लब के सहयोग से वे हमेशा लोगों की मदद का कार्य करती रहती हैं।

Sarita singh from rotary club jabalpur

बचपन से रहा है समाजसेवा से लगाव-

अपने अंदर समाज सेवा का भाव कैसे जागा इस पर The Logically से बात करते हुए सरिता सिंह राजपूत बताती हैं कि समाज सेवा एक तरह से मुझे विरासत में मिली है। हमारे पिताजी समाजसेवा से जुड़े हुए थे तो उनको देखकर हमारे अंदर भी प्रेरणा जागी और मुझे बचपन से हीं समाज सेवा के प्रति लगाव हो गया। स्कूल और कॉलेज समय से हीं हमने समाज सेवा के कार्यों में अपना हाथ में बंटाना शुरू कर दिया था। जब हमारी कॉलोनी में किसी गरीब घर में बेटी की शादी होती थी तो हम अपने दोस्तों व आस-पड़ोस के लोगों के साथ मिलकर उसके लिए कुछ सामान इकट्ठा कर उसकी मदद करते थे-(Sarita Singh Rajput Rotary club East Jabalpur)

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भूखों को खाना खिलाने से लेकर वस्त्र वितरण (Sarita Singh Rajput Rotary club East Jabalpur)

सरिता सिंह राजपूत समाज में व्याप्त भूखमरी की समस्या को बेहद संजीदगी से लेती हैं। भूखे लोगों को वह पेट भर सकें इसके लिए वह गरीबों के बीच खाना वितरण करवाती हैं। विभिन्न अवसरों पर वे भूखों को खाना खिलाने के कार्य को और बृहदता देती हैं। अपने स्तर पर जितना संभव हो सके वे वस्त्र का भी वितरण करती हैं। वे ठंड के दिनों में अलग-अलग तरह के गर्म कपड़े व कंबल इत्यादि बांटती हैं।

जरूरतमंदों की मदद को लेकर गहरी व असाधारण सोंच

सरिता सिंह राजपूत (Sarita Singh Rajput) जरूरतमंद लोगों की मदद करने हेतु गहरी सोंच रखती हैं। वह कहती हैं कि “हम लोग अपने शौक, खाने, घूमने पर ढेर सारे पैसे खर्च कर देते हैं लेकिन समाज में ऐसे कई बच्चे, बुजुर्ग और जवान लोग हैं जो खाने को तरस रहे हैं तो वह पैसे अगर हम वहां खर्च ना कर या कटौती कर इन गरीबों को पेट भरने में लगा दें तो वह कहीं ज्यादा सार्थक होगा। भूखमरी व अशिक्षा जैसी समस्याओं पर काम करके उसे खत्म करना हीं हमारा उद्देश्य है। इसके लिए वे कहती हैं कि हमारी मदद कुछ निश्चित लोग तक हीं पहुंच पाएंगा इससे कहीं बेहतर यह है कि कुछ ऐसा इंतजाम किया जाए जिससे उनके लिए आमदनी का स्रोत का निर्माण हो जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर सकें और अपने बच्चों को उचित शिक्षा भी प्रदान कर पाएं।

महिलाओं और बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने की कार्ययोजना

वे महिलाओं और बच्चियों को किसी भी कीमत पर आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वे कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने जा रही हैं जिसके अंतर्गत वे बच्चियों को सिलाई प्रशिक्षण, पार्लर प्रशिक्षण देंगी। वे कहती हैं कि अगर वह सिलाई सीख जाएंगी तो बड़े-बड़े दुकानों से संपर्क करके उनके कपड़े सिल सकेंगी, पार्लर का प्रशिक्षण कर विभिन्न अवसरों पर या रोजमर्रा की जिंदगी में घर-घर जाकर पार्लर का काम करके पैसे कमा सकेगी। पैसे कमा कर वे लोग ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि अपने परिवार को दो जून की रोटी और शिक्षा भी मुहैया करा सकेंगे।

गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा

सरिता सिंह गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने हेतु प्रमुखता से काम करने को समर्पित हैं। वे अशिक्षा को समस्याओं की जड़ बताती हैं। इसके लिए वह बताती हैं कि हमारे पास ना तो इतना पैसा है और ना हीं साधन जिसके बल पर हम बड़े स्कूल खोल सकें लेकिन हमारे जान-पहचान के कुछ विद्यालय हैं जहां पर क्लास खत्म हो जाने के बाद उसी विद्यालय में हम गरीब बच्चों को 2-3 घंटे पढ़ाएंगे। निजी विद्यालयों के अच्छे शिक्षकों से उन बच्चों में बेहतर शिक्षा संचार होगा।

पेड़-पौधों से है खूब लगाव

सरिता सिंह राजपूत(Sarita Singh Rajput) जी पर्यावरण संरक्षण हेतु भी कार्य करती हैं। वे बीज से पौधे तैयार करती हैं और फिर उसे लोगों में वितरित करती हैं। बरसात के महीनों जब कभी भी कहीं आना-जाना होता है तो वे अपने पास बीज रख लेती हैं और फिर चलती गाड़ी में से सङक किनारे उसका छिङकाव करती जाती हैं। घर पर भी उन्होंने पेङ-पौधे और सुन्दर गार्डनिंग लगा रखी है। वे अपने पर्यावरण संरक्षण के कार्य के साथ-साथ लोगों को भी उसके लिए जागरूक करती हैं।

कई लोगों से मिला समर्थन और सहयोग- (Sarita Singh Rajput Rotary club East Jabalpur)

सरिता सिंह राजपूत समाज सेवा के क्षेत्र में आज जिस मुकाम पर है उसमें कई लोगों का योगदान और समर्थन है। उन सभी का जिक्र करते हुए करते हुए सरोज सिंह बताती हैं कि “सबसे पहले मेरे पिता श्री प्रताप सिंह चौहान जी ने मुझे समाज सेवा के प्रति प्रेरित किया। शादी के बाद मेरे पति अधिवक्ता जे.एस.राजपूत जी ने भी इस कार्य में मेरी खूब मदद की”। सरिता सिंह राजपूत विशेष रूप से अपने रोटरी क्लब के सदस्यों प्रति भी उनके सहयोग और समर्थन के लिए आभार प्रकट करती हैं। वह बताती हैं कि “अंजू भार्गव दीदी का विशेष आभार कि उन्होंने मेरे काम को देखते हुए रोटरी क्लब के अगले प्रेसिडेंट के लिए मेरे नाम को सुझाया। क्लब की सेक्रेटरी कविता श्रीवास्तव जी ने भी मुझे इन कार्यों के लिए को प्रोत्साहित किया”।

सरिता सिंह राजपूत कहती हैं कि भीख देने से भूखमरी, लाचारी और गरीबी की समस्या दूर नहीं होगी। अगर परिवार का कोई एक सदस्य कमाने लगे तो कम से कम 5 परिवार सदस्यों का भरण-पोषण संभव हो सकेगा। हमें उस एक सदस्य के कमाने के लिए साधन का इंतजाम करना होगा। अगर हर बच्चा पढ़ कर अपनी नौकरी के बाद कुछ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ले ले तो हमारे हिंदुस्तान बहुत आगे निकल जाएगा। हम भीख वाली प्रथा को खत्म करना चाहते हैं।

सम्पर्क माध्यम (Sarita Singh Rajput Rotary club East Jabalpur)

सरिता सिंह राजपूत रोटरी क्लब ईस्ट जबलपुर की आगामी प्रेसिडेंट हैं। समाजसेवा हेतु सतत् प्रयासरत सरोज जी से आप इन माध्यमों पर सम्पर्क कर सकते हैं।

Mobile No:-8770031350
Whatsapp No:- 9424754986

Summary: Sarita singh Rajput is a resident of Jabalpur Madhyapradesh, Sarita is an active member of rotary club and has started many initiative to help needy person. Sarita singh is setting an example of hope and service in her state through rotary club.

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