खाद्य पदार्थों में यूं तो कई खाद्य पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं उसी में से सत्तू भी एक खाद्य सामाग्री है जिससे हम सभी अवगत हैं। डॉक्टरों के अनुसार सत्तू को पेट के इलाज के लिए रामबाण माना जाता है। सत्तू का नाम लेते ही अक्सर हमें बिहार की याद आती है या यूं कहें तो सत्तू बिहार की पहचान भी मानी जाती है, क्योंकि बिहार का जो सबसे फेमस व्यंजन है लिट्टी-चोखा उसमें लिट्टी को सत्तू से हीं बनाया जाता है। सत्तू को हम एनर्जी ड्रिंक भी कह सकते हैं। अक्सर हम राहगीरों और यात्रियों को सत्तू का सेवन करते हुए देखते हैं। लेकिन आजकल सत्तू में मिलावट भी किया जा रहा है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
एक ऐसे शख्स है जिसने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लोगों को एकदम शुद्ध सत्तू उपलब्ध कराने के लिए अपनी अमेरिका की नौकरी छोड़ कर बिहार वापस लौट आए और सत्तू का बिजनेस आरंभ किया। उनके द्वारा आरंभ किए गए सत्तू का कारोबार आज 15 लाख का टर्नओवर पार कर चुका है।
सचिन कुमार (Sachin Kumar) जब भी बाजार में लोगों को सत्तू का सेवन करते हुए देखते तो उनके मन में विचार आया कि क्यूं ना लोगों को शुद्ध सत्तू उप्लब्ध कराया जाए। इस विचार की वजह से उन्होंने कुछ अलग करने के बारे मे फैसला किया। सचिन ने सत्तुज के नाम से अपना एक ब्रांड भी बनाया। उन्होंने अपनी खुद की कंपनी से शुद्ध सत्तु बेचने का कार्य आरंभ कर दिया। सिर्फ एक बार के काम से हीं उनका सालाना टर्नओवर 15 लाख पार कर चुका है।
सचिन की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) जैसे बड़े मेट्रो शहरों में हुआ है। सचिन ने जब एमबीए (MBA) की पढ़ाई पूरी कर ली तब उनके पास अमेरिका (America) के एक अच्छी कम्पनी से नौकरी का ऑफर आया था। वह नौकरी करने के लिए अमेरिका भी गए परंतु वह अपने देश में रहकर हीं कुछ अलग करना चाहते थे। विशेषत: वह बिहार की संस्कृति को एक नई पहचान दिलाना चाहते थे तथा इसके साथ हीं वह अच्छा-खासा मुनाफा भी कमाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अमेरिका से वापस लौटने का फैसला किया और वापस अपने देश लौट आए।
सचिन ने खुद का एक नया ब्रांड शुरू किया और उसका नाम रखा “सत्तुज”। उन्होंने अपने ब्रांड के द्वारा शुद्ध सत्तू जी बेचना आरंभ किया। उसके बाद जब सचिन को अनुभव हुआ कि उनके ब्रांड का सत्तू गुणवत्ता पर खरा उतर गया है तो वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट (Flip cart) और अमेजन (Amazon) से जुड़ गए। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट और अमेजन से सचिन की कम्पनी की सत्तु की अच्छी-खासी बिक्री होने लगी। सचिन ने बताया कि वह अपने शब्दों का सैंपल 10 देशों में भेजे हैं। सचिन की कंपनी का सत्तू बहुत जल्द हीं इंटरनेशनल एयरपोर्ट तथा रेलवे स्टेशनो पर भी मिलने शुरू हो जाएंगे। सचिन के सत्तुज ब्रांड का सत्तू शीघ्र हीं न्यूयॉर्क देश में भी बिकने वाली है।
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सचिन बताते हैं कि वह इसे आरंभ करने से पहले इसका अच्छी तरह से रिसर्च तथा सर्वे किया। उसके बाद उन्होंने ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर भी अधिक ध्यान दिया। वह लोगों से इसके बारे में फीडबैक भी लेते रहे। सचिन अनेको इंटरनेशनल ब्रांड्स को भी अपना सत्तू दिखा चुके हैं।
सचिन ने बताया कि जब वह इस कार्य को शुरू करने वाले थे तो बहुत सारे लोगों ने उन्हें हतोत्साहित भी किया। कई लोगों ने कहा कि यह सब फालतू का काम है। परंतु सचिन ने लोगों की उन सब बातों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ते रहे।
वर्तमान में उनके पास 10 लोगों की टीम है। सभी लोग मिलकर इस काम को कर रहे हैं। उन्हें स्टार्टअप नायक और बिहार स्टार्टअप कॉनकेल्व नामक सम्मान से सम्मानित भी किया जा चुका है। सचिन की कंपनी का सत्तू की बिक्री सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में भी हो रही है।
सचिन ने एक पोर्टल bangletangle.in भी आरंभ किया है। यहां सचिन मिथिला पेंटिंग और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स की बिक्री भी कर रहे हैं। सचिन ने बताया कि बिचौलिये के शोषण की वजह से इन कलाकारों को उनकी मेहनत का सही हक नहीं मिल रहा था। मार्केट में कलाकारों के प्रोडक्ट्स की बिक्री अच्छे मूल्यों में हो रही थी परंतु कलाकारों को बेहद कम राशि का भुगतान किया जाता था। इसलिए सचिन ने bangletangle.in बेवसाइट का निर्माण किया।
इस पोर्टल के माध्यम से कलाकारों को इस बात की जानकारी मिल रही है कि उनके प्रोडक्ट्स की बिक्री हो रही है या नहीं हो रही है। यदि उनके प्रोडक्ट्स की बिक्री हो रही है तो कितनी कीमतों पर बिक्री हो रही है। इससे फायदा यह हो रहा है कि कलाकारों को अब उनकी मेहनत का सही फल मिल रहा है।
सचिन ने अपनी मेहनत से साबित किया है कि यदि कुछ हासिल करने के लिए कठिन मेहनत किया जाए तो कामयाबी जरूर मिलती है। The Logically सचिन कुमार के कार्यों की प्रशंसा करता है।