थार रेगिस्तान का प्रमुख हिस्सा जैसलमेर अपने शानदार रेत के टीलों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। रेत के टीलों के अलावा भी जैसलमेर पिछले कुछ समय से अन्य कारणों के लिए लोकप्रिय बना हुआ है।
लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए चलाया जा रहा है स्कूल
दरअसल जैसलमेर के केंद्र में प्रसिद्ध सैम ड्यून्स से सिर्फ छह मिनट की दूरी पर एक वास्तुशिल्प चमत्कार है, जहां पर लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने और उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से, रत्नावती गर्ल्स स्कूल चलाया जा रहा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
वास्तुकार डायरला केलॉग द्वारा किया गया डिजाइन
पीले बलुआ पत्थर से बने रत्नावती गर्ल्स स्कूल कोई एयर कंडीशनर नहीं है। जालीदार दीवार और हवादार छत यहां की सुंदरता और बढ़ता है। पाकिस्तान की सीमा से सटे कोनई गांव में आने वाले पर्यटक अक्सर इस स्कूल को देखने आते हैं। इस इमारत को न्यूयॉर्क स्थित वास्तुकार डायरला केलॉग द्वारा अंडाकार आकार में डिजाइन किया गया था।
400 लड़कियों को दी जाएगी शिक्षा
रिपोर्ट के अनुसार CITTA के संस्थापक माइकल ड्यूब (Michael Dube) दस साल की मेहनत के बाद इस इमारत को बनाने में सफलत हुए थे। जानकारों के अनुसार थार रेगिस्तानी इलाके की बीपीएल छात्राओं को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। यहां कक्षाएं, एक पुस्तकालय, एक कंप्यूटर केंद्र और एक बस सुविधा शामिल है। इस स्कूल में 400 लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने के साथ ही मध्याह्न भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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छात्राओं के माताओं को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
रत्नावती गर्ल्स स्कूल के परिसर में एक प्रदर्शनी स्थान और एक कपड़ा संग्रहालय भी है। इसके अलावा एक अलग भवन में स्कूली छात्राओं की माताओं को बुनाई और वस्त्रों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उमीद है कि जल्द ही इस योजना पर काम होगा और कक्षाएं खुलेंगी।
सब्यसाची मुखर्जी द्वारा डिजाइन होगा स्कूल यूनिफॉर्म
अभी इस स्कूल में कक्षा 5 तक शिक्षा प्रदान किया जाएगा और बाद में इसे कक्षा 10 तक अपग्रेड किया जाएगा। यहां पढ़ने वाली छात्राओं की वर्दी को प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी (Sabyasachi Mukherjee) द्वारा डिजाइन किया गया है, जिसमें राजस्थान और गुजरात की काफी लोकप्रिय प्राचीन अजरख वस्त्र का उपयोग होगा