कहते है न, जो खुश्बू अपने देश के मिट्टी में है वो दुनिया के किसी कोने में नही है। बहुत लोग अच्छी-खासी डिग्रियां तो अपने देश से हासिल करते है, लेकिन जब बात जॉब की आती है तो विदेशों का रुख पकड़ लेते है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जो अपने देश के मान और गौरव बढ़ाने के लिए विदेशों से अच्छी-खासी मिली ऑफर को ठुकरा देते है। इन्ही लोगों में से एक लड़के का चेहरा सामने आया है, जिन्होंने अपने देश के प्रति प्रेम के चलते तथा अपने वतन के लिए कुछ कर जाने की जुनून के वजह से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (US agency NASA) के ऑफर को तीन बार ठुकरा दिया।
कौन है, वो शख्स?
हम बात कर रहे है, 19 वर्षीय वैज्ञानिक गोपाल जी (Scientist Gopal Jee) का, जो बिहार (Bihar) राज्य के भागलपुर (Bhagalpur) जिले के छोटे से गाँव के रहने वाले है। उनके पिता का नाम प्रेम रंजन कुंवर (Prem Ranjan Kunwar) है, जो पेशे से एक किसान है। आर्थिक स्थिति सही नही होने के कारण उनके पास उतना पैसा नही था, जिससे वो अपने बेटे की प्रतिभा को आगे ले जा सकें। लेकिन गोपाल जी ने कभी कोशिश करना नही छोड़ा और 21 अगस्त 2017 को उन्होंने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की। गोपाल जी के देश के लिए कुछ करने के जुनून ने नासा (NASA) के साथ काम करने के ऑफर को ठुकरा दिया। ―Gopal ji, a 19-year-old scientist living in Bihar, India, turned down the offer to work with the American agency NASA for the sake of patriotism.
देश प्रेम के जज्बे ने नासा (NASA) के साथ काम करने के ऑफर को ठुकराया
वैज्ञानिक गोपाल जी (Scientist Gopal Jee) का कहना है कि, उनकी बचपन से एक ही इच्छा थी कि वो बड़े होकर अपने वतन के लिए कुछ करें। महज 19 साल की उम्र में इस लड़के ने एक से एक कारनामे करके दिखाया है। इतनी कम उम्र में इस लड़के के नाम दो-दो पेटेंट है। इतनी खूबियों के वजह से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा उनके साथ काम करना चाहती है, लेकिन इस लड़के ने नासा के ऑफर को तीन बार ठुकराया है। उनकी तमन्ना है कि, भारत में ही रहकर देश के लिए कुछ करना है। ―Bihar boy turned down offer to work with NASA.
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दो-दो पेटेंट किया अपने नाम
19 वर्षीय वैज्ञानिक गोपाल (Scientist Gopal Jee) जी अभी बीटेक कर रहे हैं तथा अभी तक केला और पेपर बायो सेल्स को लेकर दो पेटेंट अपने नाम कर चुके हैं और अभी भी कई दूसरे प्रयोगों पर काम कर रहे हैं। इतना ही नही उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी बतौर स्पीकर आमंत्रण मिल रहे हैं। आपको बता दें कि, गोपाल जी अन्वेषक, शोधकर्ता और मोटिवेशनल स्पीकर हैं तथा डिजिटल एजुकेशन प्लेटफॉर्म के ब्रांड अम्बेस्डर हैं और जिस वजह से उनको बड़ी धनराशि मिलती है।
बेकार पड़े केले के पत्तों से किया बिजली बनाने का आविष्कार , मिला इंस्पायर अवार्ड
वैज्ञानिक गोपाल जी, जब 10वीं वर्ग के विद्यार्थी थे तब उन्होंने बेकार पड़े केले के पत्तों से बिजली बनाने का आविष्कार किया था। तब उनको इंस्पायर अवार्ड मिला था। ―Bihar boy turned down offer to work with NASA.
Goponium Alloy का किया आविष्कार
गोपाल जी ने अधिकतम तापमान को बरदास्त करने वाली Goponium Alloy का भी आविष्कार किया। इसके बाद इनसे मिलने अमेरिका के वैज्ञानिक आने लगे। उसके बाद उनको तीन बार नासा से भी ऑफर आया लेकिन अपने देश भारत के लिए कुछ करने की जुनून ने उस ऑफर को ठुकरा दिया। गोपाल जी का कहना है कि, “मैं अपने देश भारत के लिए कुछ करना चाहता हूं जिससे समाज को कुछ दे सकूं।” ―Bihar boy turned down offer to work with NASA.
दुबई (Dubai) में होने वाले एक कार्यक्रम में चीफ स्पीकर की हैसियत से बुलावा आया
वैज्ञानिक गोपाल जी (Scientist Gopal Jee) को अब हर जगह सम्मानित करने के लिए बुलाया जाता है। उनको दुबई (Dubai) में होने वाले एक कार्यक्रम में चीफ स्पीकर की हैसियत से बुलाया गया था तथा अपैल माह में होने वाले सालाना साइंस फेयर के लिए भी यूएई में आमंत्रित किया गया था, इसके अलावा देश के भी अन्य हिस्सों से बतौर मोटिवेशनल स्पीकर बुलाया जाता है। उनके कहना है कि, उनमे सबसे ज्यादा खास बात यह है कि, चाहे वो कितनी भी मुश्किल में फंसे हो लेकिन कभी हार नही मानते बल्कि अपनी कोशिश जारी रखते है तथा उनको इस बात पर पूरी तरह से विश्वास रहता है कि अच्छे काम की हमेशा सराहना होती है।