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पति की मदद के लिए 3 बच्चों की मां बनी जम्मू-कश्मीर की पहली महिला E-Rickshaw ड्राइवर

Seema Devi, The First Female E-Rickshaw Driver of Jammu & Kashmir

एक समय में महिलाओं को सिर्फ चूल्हा-चौका और घर-परिवार की देखभाल करने के लिए जाना जाता था लेकिन अब महिलाएं समाज की इस बेड़ियों को तोड़कर आगे निकल रही हैं। अब भी अब साबित कर रही हैं कि महिलाएं घर के कामों के अलावा अन्य कार्य भी कर सकती हैं और यही वजह है कि आज हम सभी की अलग-अलग क्षेत्र में महिलाएं नजर आ रही हैं। कोई पायलट के रूप में तो कोई डॉक्टर, इन्जीनियर, साइंटिस्ट, ट्रक चालक, ऑटो चालक, बाइकर आदि जैसे अलग-अलग रुप में दिखाई दे रही हैं।

यह कहानी भी एक ऐसी ही महिला की है जिसने चूल्हे-चौके और बच्चे पालने की बेड़ियों को तोड़कर आगे निकली और आज जम्मू-कश्मीर की पहली महिला ई-रिक्शा चालक बनी है। उनके ई-रिक्शा चालक बनने से वह कई लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गई है। Seema Devi, The First Female E-Rickshaw Driver of Jammu & Kashmir.

कौन है वह महिला?

हम बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के नागरोटा की रहनेवाली सीमा देवी (Seema Devi) की, जो आम गृहिणी से आज जम्मू-कश्मीर की पहली महिला ई-रिक्शा ड्राइवर (First Female E-Rickshaw Driver of Jammu-Kashmir) बनकर मिसाल पेश की हैं। उनके तीन बच्चे हैं 15 साल का एक बेटा तथा 12 और 14 वर्ष की बेटी हैं।

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कैसे आया E-Rickshaw चलाने का विचार?

सीमा देवी की जिंदगी भी आम महिलाओं की तरह ही घर-परिवार सम्भालने और बच्चों की देखभाल में गुजर रही थी। उनके घर में सिर्फ उनके पति ही आमदनी का एक मात्र जरिया थे, लेकिन इतनी महंगाई में सिर्फ उनके पति की कमाई से घर-परिवार का भरण-पोषण करना बहुत ही मुश्किल था। सीमा देवी ने बताया कि, घर चलाने के लिए उनके पति दिन-रात मेहनत करते थे लेकिन सिर्फ उनके अकेले की कमाई से परिवार चलाना काफी चुनौतीपूर्ण काम था।

ऐसे में उन्होंने अपनी पति की मदद करने, और परिवार को अच्छी जिंदगी और बच्चों को उच्च शिक्षा देने विचार से कुछ करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने नौकरी भी करनी चाही, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली। घर-परिवार चलाने के लिए पति की मदद करनी जरुरी थी, ऐसे में उन्होंने ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। वह कहती हैं कि जब महिलाएं हवाईजहाज उड़ा रही हैं तो ई-रिक्शा क्यों नहीं। हालांकि, हमारे समाज मे आज भी महिलाओं का काम करना अच्छा नहीं लगता है लेकिन सीमा देवी ने किसी की परवाह नहीं की और अपने मार्ग पर बढ़ती गईं।

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पति ने दिया साथ

सीमा देवी (E-Rickshaw Driver Seema Devi) के ई-रिक्शा (E-Rickshaw) चलाने के फैसले में उनके पति ने उनका पूरा साथ दिया। ई-रिक्शा चलाने के लिए उन्होंने खुद का रिक्शा खरीदने का सोचा और इसके लिए उन्होंने 30 हजार लोन लेकर 3 हजार की EMI पर खुद का ई-रिक्शा खरीदा। इतना ही नहीं सीमा के पति ने उन्हें ई-रिक्शा कैसे चलाते हैं इसकी भी शिक्षा दी और परिणामस्वरुप सीमा 4 महीने से जम्मू-कश्मीर के नागरोटा और आस-पास के सड़कों पर E-Rickshaw दौड़ा रही हैं।

सीमा के रिक्शे में बैठकर सुरक्षित महसूस करती हैं महिलाएं

सीमा देवी कहती हैं कि, आज महिलाएं ट्रेन चला रही हैं, लड़ाकू विमान तक उड़ा रही हैं। महिलाओं की इस रूप से प्रेरणा लेकर वह भी आगे बढ़ी। उन्होंने आगे बताया कि, उनके रिक्शे में सफर करने में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। इतना ही नहीं बच्चे भी उनके ऑटो में बैठकर स्कूल का सफर तय करते हैं। आज उनके इस कार्य से स्थानीय लोगों ने दूसरों के लिए प्रेरणा कहा है और अनेकों लोग उनसे प्रेरित भी हो रहे हैं। Seema Devi, The First Female E-Rickshaw Driver of Jammu & Kashmir.

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