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MBA पास इस किसान की कमाई है 50 लाख रुपये, जुकीनी, गोबी और शिमला मिर्च की खेती से हो रही बम्पर कमाई

आज कृषि में नए-नए तकनीकों का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है और बेहतर उत्पादन भी प्राप्त किया जा रहा है। इन सबके बाद भी कुछ लोगों को खेती घाटे का सौदा लगता है। उन्हें लगता है खेती में फायदे से अधिक घाटे का सामना करना पड़ता है क्यूंकि कभी मौसम की मार तो कभी उत्पादन का उचित मूल्य न मिलना जैसे दिक्कतों को झेलना पड़ता है। आज की कहानी ऐसी सोंच रखने वालों के लिए बदलने वाली है। आज बात एक ऐसे MBA कर चुके शख्स की जिसने एमबीए करने के बाद भी खेती का चुनाव किया और आज उनका टर्न ओवर 50 लाख से अधिक हो रहा है।

शशांक भट्ट (Shashank Bhat) उत्तरप्रदेश के लखनऊ (Lucknow) के जानकीपुरम कॉलोनी के रहने वाले हैं। उनकी उम्र 34 वर्ष है। उन्होनें MBA किया हुआ है। खेती आरंभ करने के बारे में शशांक ने बताया कि, साल 2013 में एमबीए करने के बाद क्या करना है कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। ग्रामीण परिवेश में होने की वजह से खेती-बाड़ी से जुड़े थे इसलिए कृषि करने का विचार किया। उन्होंने बताया कि उनके मामा का कृषि कार्य के उपकरणों का व्यापार था। उनके साथ 6 महीने रहकर खेती की सभी बारीकियों के बारे में जानकारी हासिल किया।

Shashank Bhatts vegetable

शशांक आगे बताते हैं कि उस दौरान मुझे लगा कि परंपरागत खेती मे लागत के अनुसार से मुनाफा अधिक नहीं है। ज्यादातर किसानों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किस मौसम में किस फसल की खेती करें जिससे मुनाफा अधिक हो। अधिकांश किसान इस बात से अपरिचित होते हैं कि किस बीज का और किस खाद का प्रयोग करना उत्तम रहेगा। उन्हें सरकारी योजनाओं के बारें में भी जानकारी न होने के वजह से वे मात खा जाते हैं। ऐसे में शशांक ने सब्जियों की खेती करने का निश्चय किया। उन्होंने व्यापारियों और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए शिमला मिर्च की खेती करना आरंभ किया। उन्होंने चिनहट ब्लॉक के लुडामऊ गांव में एक किसान से लीज पर 5 एकड़ की जमीन लेकर खेती आरंभ कर दिया। उन्होने बताया कि 2 वर्ष में 5 लाख रुपये खर्च हुए और 15 लाख का फायदा हुआ।

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शशांक ने बताया कि शिमला मिर्च की खेती से हुए फायदे से हौसला बढ़ा। उसके बाद शशांक ने इंटरनेट और कुछ साथी किसानों को देखकर वर्ष 2019 में फूलगोभी की खेती करने का विचार किया। आपको बता दें कि गोभी की खेती में समय का बहुत बड़ा महत्व होता है। यदि बाजार में आपकी गोभी सीजन शुरु होने से पहले आ गई तो फायदा अधिक होगा क्योंकि उस वक्त उत्पादन कम और मांग अधिक होती है। अगैती फसल की मांग अधिक होती है। इस बात का ध्यान रखते हुए शशांक ने मई के महीने में बीज तैयार कर लिया। उन्होंने बताया कि 15 सितम्बर तक गोभी तैयार हो गई थी। वहीं अधिकतर किसान सितंबर के महीने में पौधे लगाते हैं। शशांक बताते है कि मार्केट में उनकी गोभी 45 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक्री हुई। उसके बाद 20 अक्टूबर तक गोभी की कीमत में गिरावट हुई फिर भी 25 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक्री हुई। उसके अनुसार 22 एकड़ से लगभग 40 लाख रुपये का फायदा हुआ। फसल को तैयार करने में कुल लागत 9 लाख रुपये आई थी।

जैसे जीव को जिंदा रहने के लिए प्रतिदिन भोजन की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार पेड़-पौधों को भी जिंदा रहने के लिए खाद, पानी की जरुरत होती है। इस बात को जो कोई भी समझ लेता है उसके लिए खेती फायदे का सौदा हो जाता है। यदि कोई किसान अधिक मुनाफा कमाना चाहता है तो उसे वह आधुनिक विधि से खेती से संभव हो पाता है। आधुनिक खेती करने के लिए ड्रीप इरिगेशन, मोल्चिँग, स्प्रिंकलर आदि जैसी सुविधा होनी जरुरी है। इसके अलावा बहुत सी सरकारी योजनाएं भी चलती हैं जिसकी मदद से किसान कम लागत मे अधिक फायदा कमा सकता है।

वर्तमान में शशांक 2 एकड़ में शिमला मिर्च, 2 एकड़ में जुकनी तथा 2 एकड़ में ब्रोकली की खेती कर रहे हैं। शशांक ने अपने गांव के लगभग 2 दर्जन लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है। गांव के लोग इस बात से खुश है कि उन्हें जीवन-यापन करने के लिए गांव में ही रोजगार मिल गया। गांव और आस-पास के किसान शशांक से प्रेरित होकर सब्जियों की खेती कर रहे हैं और अच्छा-खासा फायदा भी कमा रहे हैं।

देखें शशांक भट्ट द्वारा किए गए खेती का वीडियो –

शशांक कहते है कि, एमबीए में 8 लाख रुपये खर्च करने के बाद उन्हें 20 से 25 हजार रुपये महीने की नौकरी मिल रही थी, जिससे वे संतुष्ट नहीं थे। ऐसे में उन्होंने नौकरी करने के बजाय खेती करने के बारे में सोंची। वह कहते है कि इस वर्ष 22 एकड़ में फूलगोभी की खेती से 40 लाख रुपये का फायदा शायद नौकरी से कभी नहीं कमा पाता।

The Logically शशांक भट्ट को उनकी सफल खेती करने के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाईयां देता है।

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