ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका मानना है कि मतस्य पालन मात्र हमारे लिए घाटे का सौदा है और इसमें कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकती। लेकिन आज के युग में किसी भी क्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है क्योंकि जमाना काफी विकसित हो चुका है। आज हम आपको एक ऐसे शख़्स के विषय में बताएंगे जो मतस्य पालन से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
वह शख़्स हैं शशिकांत (Shashikant) जो झारखंड (Jharakhand) से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बन्द पड़ी कोयले की खदान में मतस्य पालन प्रारंभ किया और आज वह अच्छा पैसा कमा रहे हैं। आज वह अपने क्षेत्र के सभी लोगों के लिए उदाहरण बने हैं। किसी ने नहीं सोंचा कि वह बन्द पड़े कोयले की खदान को अपने आय का स्रोत बनाएंगे। -Fish Farming
खदान में शुरू किया मतस्य पालन
हमसे भी इस बात से परिचित हैं कि जब कोयले की खदान से कोयले निकाल दिया जाते हैं तो यह खाली हो जाता है और इसमें पानी जम जाता है। उन्होंने सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड की बंद पड़ी खदान में मत्स्य पालन शुरू किया। जब उन्होंने इस खदान को देखा तो उन्होंने सोचा कि मैं क्यों ना यहां कुछ ऐसा काम करुं जिससे अच्छी खासी कमाई हो सके। -Fish Farming
बनाया युवाओं की टीम
मत्स्य पालन शुरू करने से पहले उन्होंने युवाओं के टीम का निर्माण किया और फिर मत्स्य डिपार्टमेंट से कांटेक्ट किया। उन्होंने डिपार्टमेंट को यह बताया कि वह बंद पड़ी कोयले की खदान में मत्स्य पालन को शुरू करना चाहते हैं। फिर उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला और तब जाकर उन्होंने यहां मत्स्य पालन प्रारंभ किया। -Fish Farming
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मिला मेहनत का फल
उन्होंने वर्ष 2010 में इसकी शुरुआत की और वह इसमें सफल हुए। मत्स्य पालन में सफलता हासिल करने और युवाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें कई सम्मान मिले। उनके खदान में प्रतिदिन 40 से 50 किलोग्राम तक मछलियां निकलती है। इससे अच्छी खासी कमाई करने के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी देते हैं। उनके क्षेत्र में उनकी एक अलग पहचान बन चुकी है। -Fish Farming