कश्मीर में 31 वर्षों से बंद पड़े मंदिर के कपाट दोबारा खोले जाने पर घाटी भक्तिमय हो गई है। श्रीनगर का शीतलनाथ मंदिर (Sheetalanath Mandir) बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर भक्तों के दर्शन के लिए खोला गया। हब्बा कदल क्षेत्र में स्थित यह मंदिर वर्षों से मंगल ध्वनि से वंचित था। लेकिन अब यहां नियमित तौर पर पूजा अर्चना की जाएगी।
मुस्लिम समुदाय ने की काफी मदद
इस मंदिर को आतंकवाद और कश्मीरी हिंदुओं (Kashmiri Pandit) के पलायन के कारण 1990 में बंद करना पड़ा था। इस साल बसंत पंचमी के अवसर पर मंदिर को दोबारा खोलने के लिए स्थानीय लोगों और मुस्लिम समुदाय की काफी मदद मिली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि लोग यहां पहले पूजा करने आते थे, लेकिन आतंकवाद के कारण इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। आसपास रहने वाले हिंदू भी पलायन कर गए थे।
बसंत पंचमी का दिन ही क्यों?
बाबा शीतलनाथ भैरव की जयंती बसंत पंचमी पर आती है, और यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन यहां विशेष पूजा होती थी। स्थानीय लोग उस पर्व को धूमधाम से मनाते आए हैं।
यह भी पढ़ें :- माता वैष्णो के दर्शन के लिए प्राचीन गुफा के कपाट खोले गए, मान्यतानुसार गुफा में 33 करोड़ देवी देवताओं का है वास
कश्मीर में छाया अमन चैन
धारा-370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी
सुधार देखने को मिला है। तकनीकी स्तर पर सरकार राज्य में कई विशेष आयाम पर काम कर रही है। घाटी के हालात सुधर रहे हैं। मंदिरों का घाटी में पुनः खुलना इस बात का सूचक है कि कश्मीर घाटी में सनातन संस्कृति की वापसी शुरू हो चुकी है।