आमतौर पर गाय कई तरह से हमारी मदद करती है और अगर हिंदू धर्म के अनुसार देखा जाए तो इसकी पूजा देवता समान की जाती हैं। गाय के प्रति लोगों की जागरूगता भी बढ़ रही हैं। आज हम एक ऐसे सामाजिक संस्थान के बारे में बात करेंगे, जो गाय को स्वस्थ रखने के लक्ष्य से गोशालाएं खुलवाए हैं। उनका मानना हैं कि गोधन स्वस्थ रहेगा तो सभी को आरोग्य प्राप्त होगा। इसके लिए गोशाला कमेटियां और सामाजिक संस्थाएं इस भीषण गर्मी के मौसम में गाय की सेवा कर रहे हैं। – A social institution, which started Gaushalas with the goal of keeping the cow healthy, where many types of products are now being made.
गोशाला में कई तरह के प्रॉडक्ट बनाए जाते हैं
इस पूरी गोशाला में सबसे प्रसिद्ध अर्जुन गेट स्थित श्री राधा कृष्ण गोशाला (Radha Krishna Goshala) है, जहां पर गाय के दूध से निर्मित बिस्कुट, रस्क और गोधन अर्क सहित कई प्रॉडक्ट बनाए जाते हैं। इस गोशाला में बनने वाला शुद्ध फिनायल हमेशा डिमांड में रहता है। गोशाला संचालकों के अनुसार इससे अच्छा रिस्पांस मिलना पर अब इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आ गई है। इस समय अर्जुन गेट स्थित गोशाला के देखरेख दायित्व प्रधान कृष्ण लाल तनेजा (Krishna Lal Taneja) हरमीत सिंह हैपी (Harmeet Singh Happy) सहित उनके सहयोगियों कर रहे हैं।
गोशाला का सबसे पहला लक्ष्य गो सेवा है
तनेजा (Taneja) बताते हैं कि गोशाला का सबसे पहला लक्ष्य गो सेवा करना है। इस कार्य के महत्वपूर्णता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इसमें कोई बेरोजगार व्यक्ति नहीं जुड़ा बल्कि प्रसिद्ध कई जाने-माने चिकित्सक, अधिकारी, व्यापारी, उद्यमी व अन्य वर्गों के लोग जुड़ कर समाजसेवा कर रहे हैं। यहां उनके खाने-पीने के साथ ही चिकित्सा और स्वास्थ्य रक्षा का भी पूरा खयाल रखा जाता है। जानकारों के अनुसार गोशाला में एक हजार से अधिक गोवंश हमेशा रहता है और उनकी सेवा करने के लिए स्टाफ भी रखे गए है। – A social institution, which started Gaushalas with the goal of keeping the cow healthy, where many types of products are now being made.
यह भी पढ़ें:-मात्र 10 रूपये के ये प्रोडक्ट्स बेचकर रोजाना कमाएं हजारों रूपए: जानें पूरी डिटेल्स
गंध रहित गोधन अर्क को लोग काफी पसंद कर रहे है
प्रधान कृष्ण लाल तनेजा बताते हैं कि गोशाला में पिछले कुछ समय से गाय के दूध और आटे से निर्मित कुरकुरे बिस्कुट और रस्क तैयार किए जा रहे हैं और यह इन दिनों काफी डिमांड में भी हैं। प्रतिदिन गौशाला के स्टाफ वहां के आसपास के इलाकों में जाकर गाय के लिए रोटी तथा उनकी खाने के लिए अन्य सामग्री खरीद कर लाते हैं। इसके अलावा गोशाला में विशेष प्रकार की मशीन से तैयार किए जाने वाले गंध रहित गोधन अर्क को भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं। बता दें कि इस गंध रहित गोधन अर्क को बनाना आसन नहीं हैं। इसके लिए कई तरह के तकनीक और मशीन का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह शुद्ध फिनाइल तैयार होता है।
करनाल की यह गौशाला गाय के दूध के बिस्कुट बना रही है, जो कि शुद्ध और पौष्टिक हैं। वाह। pic.twitter.com/aGXUQNJMGP
— sanatanpath (@sanatanpath) July 1, 2022
डिमांड के अनुसार बढ़ाया जा रहा है उत्पादन
शुद्ध फिनाइल के डिमांड को देखते हुए गोशाला कमेटी इसका उत्पादन बढ़ाने का काम कर रही है, जिसकी खास प्रक्रिया शुरु भी कर दी गई है। इसे तैयार करने का खास तरीका है जैसे पशुओं के खड़े होने के स्थान पर नौ-नौ इंच की ईंटें रखी गई हैं, जो गिरने के कुछ ही समय में मूत्र सोख लेती हैं। इसके अलावा बाल्टी तथा अन्य चीजों में भी गोमूत्र इकट्ठा किया जाता है और उसी से गोधन अर्क तथा फिनाइल जैसी चीज बनाई जाती हैं। इसमें गोमूत्र के अलावा और कई प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों मिला कर तैयार होती हैं शुद्ध फिनाइल और अर्क।
गोमूत्र को दवा कंपनियों में भेजा जाता है
यह तो हर कोई जानता हैं कि गो मूत्र हमें कैंसर, लीवर, किडनी रोग से ठीक होने में मदद करती हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण के लिए गोशाला से गो मूत्र नियमित रूप से दवा कंपनियों को भेजा जाता है। यहां सफाई को भी बहुत ज्यादा अहमित दी जाती हैं। इसके लिए गोबर उठान के लिए हर गोशाला में पर्याप्त मात्रा में छोटी-छोटी ट्रालियां रखी गई हैं। छोटी ट्रालियां में नियमित रूप से गोबर एकत्र करके बड़ी ट्राली तक पहुंचाया जाता हैं और पूरे दिन में दो बार यह गोबर बड़ी ट्राली की मदद से कुंजपुरा स्थित गोबर गैस प्लांट भेजा जाता है। गैस प्लांट में गोबर की मदद से गैस तैयार किया जाता है। – A social institution, which started Gaushalas with the goal of keeping the cow healthy, where many types of products are now being made.