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पिता के देहांत के बाद मां ने बर्तन पोंछा कर बेटे को पढ़ाया, 92% मार्क्स के साथ शुभम पटना के दूसरा टॉपर बना

जीवन में शिक्षा प्राप्त कर अपने परिवार व देश का नाम ऊंचा करने के लिए जिस बात की सबसे अधिक आवश्यकता होती है वह है मनुष्य का दृढ़ संकल्प व भीतर निहित लगन और मेहनत की भावना। यदि ऐसा होता है तो किसी भी प्रकार की बाधा आपका रास्ता रोकने की हिम्मत कभी नही कर सकती।

पटना डिस्ट्रिक्ट के सेकेंड टॉपर और 12वीं कक्षा के छात्र शुभम कुमार (Shubham Kumar) के साथ भी ठीक ऐसा ही हुआ है। जिन्होंने विज्ञान संकाय में 464 अंक प्राप्त करते हुए जिले के दूसरे टॉपर के रुप में पहचान प्राप्त की है। बेटे की इस सफलता पर उनकी विधवा मां आशा (Asha) बेहद खुश हैं।

विज्ञान संकाय परीक्षा में 92.8% मार्क्स पाकर शुभम बने दूसरे पटना टॉपर

पटना कॉलेजिएट हाई स्कूल के शुभम कुमार साइंस सब्जेक्ट के 12 वीं कक्षा के छात्र हैं। अपनी लगन, दृढ़ सकंल्प और मां की मेहनत को ज़ाया न करते हुए और 464 अंक प्राप्त करते हुए पटना जिले के विज्ञान संकाय के दूसरे टॉपर के रुप में स्थान बनाया है। वहीं, साइंस फैक्लिटी की ही स्टेट टॉपर सोनाली को 471 मार्क्स मिले हैं।

शुभम वर्ष 2009 में अपने पिता को खो चुके हैं

बता दें कि साल 2009 में ही शुभम कुमार अपने पिता को खो चुके हैं, इन परिस्थितियों में आजीविका कमाने हेतु व बेटे को शिक्षित बनाने के लिए उनकी मां आशा देवी लोगों के घरों में बर्तन मांजने का काम करती हैं। बेटे की इस सफलता को देख आज आशा बेहद खुश हैं।

Shubham Kumar science topper

फिज़िक्स, इंग्लिश और हिंदी में अंक कम आने का दुःख रहेगाः शुभम

शुभम कहते हैं – “फिज़िक्स में 5 नंबर और मिलने चाहिए थे, अंग्रेज़ी और हिंदी में भी मार्क्स कम हैं, कैमेस्ट्री में 95 और मैथ्स में 98 प्रतिशत नंबर मिले हैं, मुझे उम्मीद थी कि 90 फीसदी से ऊपर नंबर आएंगे, मुझे ये लगा कि मैं स्कूल टॉपर हो सकता हूं, लेकिन जब मुझे बिहार बोर्ड ने फिज़िकल वेरिफिकेशन और इंटरव्यू के लिए बुलाया, तब लगा कि शायद मैं जिले की टॉपर सूची में शामिल होने वाला हूं, आज पटना जिले का दूसरा टॉपर बनकर मैं बेहद खुश हूं”

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भविष्य में साइंटिस्ट बनना चाहते हैं शुभम

शुभम की मेहनत और परिणामस्वरुप मिली सफलता ये दर्शाती है कि लाइफ में आगे बढ़ने के लिए अधिक पैसे की नही बल्कि संकल्पित होने की ज़रुरत होती है। भविष्य के बारे में शुभ का प्लान है कि वो साइंस के क्षेत्र में ही आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिक बनें। उन्हें साइंस फील्ड में रिसर्च व नये-नये एक्सपैरिमेंट्स करना बेहद पसंद है। अगले वर्ष वे जेईई (JEE) का एग्ज़ाम देकर आईआईटी में एडमिशन लेना चाहते हैं।

बिहार बोर्ड द्वारा पहले तीन राज्य टॉपर को लैपटॉप देने का भी प्रावधान है

यूं तो शुभम कुमार विज्ञान संकाय में पटना जिले के दूसरे टॉपर बने हैं, पर उनकी ये दिली इच्छा है कि उन्हे भी लैपटॉप मिले जिससे कि आगे की पढ़ाई में मदद मिल सके। दरअसल, बिहार बोर्ड द्वारा मेधावी छात्रों के लिए एक योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत पहले तीन स्टेट टॉपर्स को लैपटॉप दिये जाने का प्रावधान है। इन हालातों में शुभम लोगों से इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या उन्हे भी लैपटॉप की सुविधा प्राप्त हो सकती है जिससे आगे पढ़कर वे अपने साइंटिस्ट बनने के सपने को पूरा कर सकें।

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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