ताजी और शुद्ध सब्जियां खाना सभी की चाहत होती है। हर कोई चाहता है कि वह और उसका परिवार जैविक तरीके से उगाये हुए ताजे फल और सब्जियों का सेवन करे। ऑर्गेनिक विधि से उगाये हुए फल और सब्जियों के सेवन से हमारा स्वास्थ्य सही रहता है, तरह-तरह के बीमारियों से मुक्ति मिलती है। अपने सेहत को ध्यान में रखते हुयें आजकल लगभग हर कोई ऑर्गेनिक विधि से खेती कर फल और सब्जियों का उत्पादन कर रहें हैं। सरकार भी ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये खेती करना तो सरल है लेकिन शहरी क्षेत्रों में रहनेवाले लोग चिंतित रहते हैं कि बिना मिट्टी के खेती कैसे करे और शुद्ध सब्जियां कैसे उगाये। आज की यह कहानी उन सभी चिंताओं को दूर करने में कारगर साबित होगी। आज हम आपको बनाते जा रहें है, बिना मिट्टी का इस्तेमाल किये अपने घर की छत पर भी जैविक तरीके से फल और सब्जियों का उत्पादन कैसे कर सकते हैं। इस विधि में अधिक जमीन की जरुरत नहीं होती हैं और ना अधिक पैसे खर्च होते है। आइये जानतें हैं।
अरुण अरोड़ा अजमेर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने छत पर ही एक बिजनेस शुरु किया है। जिससे घरवाले भी ताजी सब्जियों के सेवन कर सकेंगे तथा उनकी कमाई अच्छी हो रही है। अरुण अरोड़ा अपने छत पर देशी और विदेशी दोनों सब्जियों को उगा रहें है।
बिना मिट्टी का उपयोग किये सब्जियों का उत्पादन करने की विधि
इस विधि में मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। इस विधि से सिर्फ पानी से फल और सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। इस विधि को हाइड्रॉपोनिक्स विधि कहते है। हाइड्रॉपोनिक्स तरीके से खेती करने में खाद की जगह पर सूखे नारियल के छिलके को कोकोपीट के रूप में उपयोग किया जाता है। आपकों बता दें कि इस विधि में पानी की बर्बादी नहीं होती है। अन्य खेतों के तुलना में इस विधि से खेती करने पर केवल 10 फीसदी जल का ही उपयोग किया जाता है।
यह भी पढ़े :- बिना मिट्टी का इस्तेमाल किये नई पद्धति से उगा रहे हैं सैकड़ो प्रकार की सब्जियां, खड़ी कर दिए खुद की कम्पनी
हाइड्रॉपोनिक्स विधि से भिन्न-भिन्न सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है। उदाहरण के लिये, पालक, टमाटर, तरोई, मेथी, पुदीना, बैगन, चेरी, भिन्डी, फूलगोभी, शिमला मिर्च और देसी टमाटर जैसी अन्य कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती है।
ऑर्गेनिक फार्मिंग को सरकार की तरफ से भी बढ़ावा दिया जा रहा है। लेकिन अधिकतर किसानों को जैविक खेती के बारे में अधिक जानकारी नहीं है कि यह खेती कैसे की जाती है। उसके लिये सर्टीफिकेट कहां से मिलेगा और बाजार क्या है, या ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिये आवश्यक सामान कहां से मिलेगा। इन सभी सवालों के जवाब के लिये सरकार ने किसानों के लिये एक जैविक खेती पोर्टल (https://www.jaivikkheti.in) विकसित किया है। इसकी सहायता से आप अपने सवालों के जवाब प्राप्त कर सकते हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार केंद्र सरकार परम्परागत खेती को बढ़ावा देने के लिये 2015-16 से 2019-20 तक 1632 करोड़ आवंटित किया है।
आपकों बता दें कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने PKVY (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) बनाई है। इससे प्राकृतिक खेती के लिये प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मिलेगी।