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छात्र ने बनाया सोलर छाता , इसमें फैन के साथ मोबाइल चार्ज सॉकेट भी है: पुलिसकर्मियो को दिया तोहफे में

भीषण गर्मी से सभी लोग परेशान हैं । हम अपने घरों में हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका सड़कों पर रहना मज़बूरी है । इस तपती गर्मी में Covid-19 के डयूटी में तैनात पुलिसवालों के पास धूप में खड़ा होने के अलावा और कोई चारा नही है।

लेकिन इसी बीच एक बेहद सुकून वाली खबर है कि इन पुलिस कर्मियों को राहत देने के लिए इंजीनियरिंग के छात्र अदीब मंसूरी ने एक ऐसा छाता बना दिया है जो उन्हें न केवल छांव देगा बल्कि ठंडी हवा के साथ इसमें मोबाइल चार्जिंग के भी ऑप्शन हैं।

कैसे आया यह ख्याल
सोलर पैनल पर काम करने के बाद अदीब ने एक एक छाता बनाने का निर्णय कर लिया था जो उनके कॉलेज के गार्ड को दिया जा सके । इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज के इन्क्यूबेशन डिपार्टमेंट में काम करना शुरू किया और छाता बनकर तैयार हो गया ।

यह काम कैसे करता है
इस अलग किस्म के छाते में सोलर प्लेट लगाई गई है जो धूप में बैटरी को चार्ज करता रहेगा।
इस छाते में चार्जिंग सॉकेट लगा है जिससे मोबाइल चार्ज किया जा सकता है और साथ ही इसमें लगी लाइट रात में मददगार है । इस तरह यह छाता एक पूरी कॉम्पैक्ट टेक्नोलॉजी का नमूना है ।




छाते का इतेमाल करते पुलिसकर्मी

कहाँ से मिली प्रेरणा
अदीब अपने बचपन से ही ठेला पर जूस और फल बेचनेवालों के मजबूती से प्रेरित रहते थे । उन्हें तपती धूप में भी खड़ा होकर काम करते देख , ये ठान चुके थे कि आगे चलकर इनके लिए कुछ खास करना है । इनके द्वारा बनाये गए 2 छातों को पुलिसकर्मियों को दिया जा चुका है जिसे अच्छा फीडबैक आ रहा है । अदीब को एक छाता बनाने में लगभग 3000 रुपये का खर्च आ रहा है , जो सामान्य है । ऐसे ही अनेक छाता बनाकर अदीब और भी लोगों को तपती धूप से राहत देना चाहते हैं।
अदीब के प्रयास को logically नमन करता है और साथ ही इन्हें भविष्य में सफल होने की शुभकामनाएं देता है ।

अंजली पटना की रहने वाली हैं जो UPSC की तैयारी कर रही हैं, इसके साथ ही अंजली समाजिक कार्यो से सरोकार रखती हैं। बहुत सारे किताबों को पढ़ने के साथ ही इन्हें प्रेरणादायी लोगों के सफर के बारे में लिखने का शौक है, जिसे वह अपनी कहानी के जरिये जीवंत करती हैं ।

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