Monday, December 11, 2023

अब 4 नही बल्कि 5 महासागर हैं पृथ्वी पर, जानिए उस 5वे महासागर के बारे में जिसे पाठ्यक्रम में शामिल किया गया

अभी तक हमने पृथ्वी के चार महासागरों के बारे में पढ़ा था लेकिन, अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब पृथ्वी पर 5 महासागरों (5 Oceans) को पुष्टि की गई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, 8 जून World Ocean Day पर नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी (NGS) ने हाल ही में एक सागर को महासागर की मान्यता दी है, जिसका नाम साउदर्न महासागर (Southern Ocean) है। इसलिए अब हमें स्कूलों में 4 महासागरों के बजाय 5 महासागरों के बारे में बताया जाएगा।

Southern ocean
Southern ocean

साउदर्न महासागर (Southern Ocean) नाम का पांचवा महासागर का हुआ उजागर

साउदर्न महासागर (Southern Ocean) नाम का पांचवा महासागर पृथ्वी पर अंटार्कटिका में अवस्थित है। इसके पहले पृथ्वी पर चार महासागर थे। अंटलांटिक, प्रशांत, हिंद और आर्कटिक। साउदर्न महासागर के आने के बाद इन महासागरों की संख्या 4 से बढ़कर 5 हो गई है।

पानी ठंडा होता है, इस महासागर का

इस महासागर पर सिर्फ बर्फीली चट्टानें, हिमखंड और ग्लेशियर स्थित है इसलिए पांचवे महासागर में पानी काफी ठंडा है। इसे महासागर की मान्यता देने के लिए वैज्ञानिकों ने लंबा समय लिया था, इसके संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी तरह का समझौता नहीं हुआ था। अब मान्यता मिलने के बाद अब स्टूडेंट्स साउदर्न ओशन के बारे में नई जानकारियां हासिल करेंगे।

Southern ocean
Southern ocean

अब दुनिया भर के सभी किताबों में पढ़ने होने 4 के बजाय 5 महासागरों के बारे में

अब अलग-अलदे देशों की किताबों में 4 के बजाय 5 महासागरों के बारे में जानकारी शामिल किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि साल 1915  में अंटार्कटिका को भी नक्शे में शामिल किया गया था। साउदर्न को छोड़ एनजीएस (NGS) ने चारों महासागरों को सीमाओं में बांधा और उनके नाम महाद्वीपों की सीमाओं के आधार पर रखे गए थे और southern ocean का नाम किसी महाद्वीप के नाम से नहीं जाना जाएगा। इनका वजह यह है कि ये अंटार्कटिका सर्कमपोलर करेंट से घिरा हुआ है, जो पश्चिम पूर्व की तरफ बहता है।

3.4 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था अंटार्कटिका सर्कमपोलर का निर्माण

3.4 करोड़ साल पहले अंटार्कटिका सर्कमपोलर का निर्माण हुआ था। अंटार्कटिका उस समय दक्षिण अफ्रीका से अलग हुआ था। दुनिया के नीचली सतह पर इसका पानी बहता रहता है लेकिन आज के समय में दुनिया के सभी महासागरों में इसका पानी बहता है।