Wednesday, December 13, 2023

आंखों से बिल्कुल नही दिखता, फिर भी IAS बनने का सपना देखे, मात्र तीसरी प्रयास में UPSC निकल बने अधिकारी

विकलांगता जीवन के लिए बहुत कष्टकारी होता है। खासकर यदि दुनिया देखने और घुमने की बात हो और किसी के पास इनसब को देखने के लिये आंखे ही नहीं हो। नेत्र नहीं होने के सबकुछ जैसे अंधेरा सा लगता है। लेकिन कहा जाता है “मन के हारे हार है और मन के जीते जीत”। विकलांगता कभी भी लक्ष्य प्राप्ति की राह मे रोड़ा नहीं बन सकता है। दृढ़ निश्चयवादी मनुष्य कभी भी अंगहीन होने की वजह से अपने आप को पीछे नहीं हटाता बल्कि वह अपनी कमजोरी को अपना हथियार बनाकर आगे बढ़ता है और सफलता के शिखर को छूता है।

नेत्रहीनता के साथ UPSC में सफलता प्राप्त करना बेहद कठिन है। परंतु आज की कहानी एक ऐसे हीं शख्स की है जो नेत्रहीन होने के बावजूद भी हौसले और काबिलियत के बल पर तीसरे प्रयास मे UPSC में सफलता हासिल कर के सभी के लिए मिसाल कायम किया है। आइए जानते हैं उस बहादुर युवा के बारे में…

Sparsh Gupta

स्पर्श गुप्ता (Sparsh Gupta) का जन्म मोतियाबिंद के साथ ही हुआ था। समय के साथ-साथ उनकी दोनों आंखों की रोशनी हमेशा के लिए पूरी तरह से चली गई। दोनो आंखों की रोशनी जाने के बाद भी स्पर्श ने हिम्मत नहीं हारी और अपने जीवन के इस कड़वे सच को बहुत ही बहादुरी से स्वीकार किया। जीवन की सच्चाई को स्वीकार करते हुए स्पर्श हमेशा आगे बढ़ते रहे। उनके जीवन का यह कड़वा सच हमेशा से कुछ अद्भुत, असधारण कार्य करने के लिए प्रेरित करता था।

स्पर्श ने 12वीं कक्षा में स्पेशल कैटेगरि में ऑल इंडिया टॉप किया था। उसके बाद स्पर्श ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से बीए एलएलबी ऑनर्स की उपाधि हासिल किया। उसी समय उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा देने का फैसला किया और उसकी तैयारी में जुट गए।

स्पर्श ने UPSC में सफलता हासिल करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर किया है जिसकी सहायता से अन्य परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचेगा। आइए जानते हैं उनके द्वारा दिए गए सफलता के सूत्र को

स्पर्श ने बताया कि

• यूपीएससी की परीक्षा देने से पहले उसके सिलेबस को अच्छी तरह से देख लेना चाहिए। जितना अधिक हो सके सिलेबस को बार-बार देखे। परीक्षा की तैयारी शुरु करने से पहले यह एकदम साफ होना चाहिए की परीक्षा में किस हिस्से से प्रश्न पूछे जाते हैं।
• पिछ्ले वर्ष का प्रश्न पत्र अवश्य देखना चाहिए। इससे यह जानने में सहायता मिलेगी कि पेपर को किस प्रकार अप्रोच करना है तथा पढ़ रहे विषय से किस तरह से प्रश्न बनते हैं।
• सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए आरंभ में NCERT की किताबें बहुत लाभकारी है। यहां से आरंभ कर के बेसिक्स क्लियर करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
• अखबार अवश्य रूप से पढ़ना चाहिए। न्यूज पेपर पढ़ते समय यह ध्यान रखें कि किस टॉपिक से प्रश्न बन सकता है और कैसा बन सकता है। स्पर्श का मानना है कि परीक्षा के भिन्न-भिन्न पेपरों में पूछे जाने वाले ज्यादातर प्रश्नों का आधार न्यूज पेपर में दी गई कोई न कोई जानकारी होती है।

Sparsh Gupta

स्पर्श अपने अनुभव से बताते है कि यह परीक्षा बहुत अप्रत्याशित होता है। इसमें पास होंगे या नहीं होंगे कहना बेहद कठिन है। कई बार ऐसा होता है कि मेन्स का पेपर अच्छा जाता है परंतु चयन नहीं होता है तथा कई बार ऐसा होता है कि पेपर अच्छा नहीं गया होता है तो अच्छे नम्बर आ जाते है। इसलिए अपनी तरह से पूरा प्रयास करना चाहिए और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए। स्पर्श का कहना है कि यूपीएससी के तीनों चरणों में सबसे कठिन प्री मे पास होना होता है क्यूंकि लाखों की संख्या में छात्र परीक्षा देते हैं। यदि वह सफल हो गया तो सबसे बड़ी बाधा दूर हो जाएगी।

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वह आगे बताते हैं कि प्री पास करने के बाद मेन्स देने का अवसर मिले तो उसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। इस बात को याद रखें बार-बार मेन्स तक जाने का अवसर नहीं मिलता है इसलिए अपनी पूरी लगन और मेहनत लगा दें और इस चरण को अवश्य पास करें।

स्पर्श का यूपीएससी में चयन तीसरे प्रयास में हुआ। इसके पहले मेन्स में उनका चुनाव नहीं हुआ था और इसकी वजह मॉक टेस्ट नहीं देना मानते हैं। उस वक्त वह अपने लिए वांछित खास तरह से मॉक टेस्ट की व्यवस्था नहीं कर सके थे इसलिए उनका अभ्यास नहीं हुआ था। UPSC के तीसरे प्रयास मे उन्होंने बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए और इसका लाभ भी मिला। स्पर्श ने जीएस, एस्से, एथिक्स, ऑप्शनल सभी का मॉक टेस्ट दिया था। उन्होंने बताया कि मेन्स में सफलता प्राप्त करने के लिए आंसर राइटिंग बेहद आवश्यक होता है। जितना अच्छा उत्तर लिखा जायेगा अंक भी उतना ही अच्छा आएगा। स्पर्श मानते हैं कि पढाई सभी कोई करता है परंतु सही ढंग से लिखना सबके वश की बात नहीं है।

देखें स्पर्श गुप्ता द्वारा साझा किया गया वीडियो

स्पर्श अन्य UPSC के परीक्षार्थियों को सुझाव देते हैं कि तीनों चरण की परीक्षा को पास करने के लिए अधिक से अधिक मॉक टेस्ट देना चाहिए। इंटरव्यू के मॉक टेस्ट के बारे में स्पर्श ने बताया कि यह ओरिजिनल इंटरव्यू से काफी अलग होता है। लेकिन प्रैक्टिस के लिए कुछ मॉक टेस्ट देना लाभकारी होता है। कोई भी इम्तिहान देने के बाद कुछ समय ब्रेक लें उसके बाद अगले चरण की तैयारी शुरु कर दें। जब तक चयनित न हो तब तक समय गंवाए बिना तैयारी में जुटे रहे। अपने आप पर भरोसा हमेशा बनाकर रखना चाहिए। यूपीएससी में सफल होने के लिए लगातार कोशिश करते रहें जब तक सफल न हों।

The Logically स्पर्श को नेत्रहीन होने के बाद भी देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में सफलता हासिल करने के लिए शत्-शत् नमन करता है। उनके जीवन का यह प्रयास काफी सराहनीय और प्रेरणादायक है।