“अंधेरा सारा समेट कर पहलू में कर लिया
मियां काबिलियत तो देखिये अदनें से चराग की”
सही बात है काबिलियत कभी भी जाति-धर्म, ऊंच-नीच, छोटे-बड़े व वर्गभेद की मौहताज नही हुआ करती है। ऐसा ही एक उदाहरण मैसूर के हुनसुर के आदिवासी समुदाय की छात्रा स्रुजाना पीवी (Srujana PV) नें नेशनल एलीजीबिलिटी टेस्ट(National Eligibility Test) पास कर और अपनें समुदाय की पहली ऐसी छात्रा बनकर न केवल अपनें समुदाय के लिए गौरव का पात्र बनी है बल्कि बाकी लड़कियों के भी शिक्षित होनें और अपना उज्जवल भविष्य बनानें की दिशा में एक प्रेरणा स्रोत बनकर सामनें आई है।
कौन हैं स्रुजाना पीवी (Srujana PV)
नागापुरा के नागरहोल आदिवासी पुनर्वास केंद्र (tribal rehabilitation center), रहनें वाली स्रुजाना पीवी विश्व विधालय अनुदान आयोग (University Grant Commision) द्वारा आयोजित NET परीक्षा -2020 (National Eligibility Test-2020) क्लियर करनें वाली राज्य के आदिवासी समुदाय की पहली छात्रा हैं। कोडुगू जिले (Kodagu District) के विराजकोट तालुक में और बालेकोवु हादी में जन्मीं स्रुजाना नें अपनी पढ़ाई उम्मटूर (Ummattur) में पीयूसी (pre-university course, PUC) तक पूरी की है।
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मैसूर यूनिवर्सिटी से फर्स्ट क्लास में पास किया एम. कॉम
2018-19 में 74% मार्क्स के साथ स्रुजाना पीवी नें मैसूर यूनिवर्सिटी से एम. कॉम (Master in Commerce) तक शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में, NET क्वालिफाई करके वह यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के पद पर काम करनें योग्य हो गईं हैं।
IPS बनना चाहती हैं स्रुजाना पीवी
The Hindu न्यूज़पेपर के माध्यम से स्रुजाना बताती हैं – “अब जब मैं पोस्ट ग्रेजुएशन और नेट क्लियर कर चुकी हूं मेरा सपना पीएचडी करनें का है, जिसके लिए मैं तैयारी कर रही हूं, साथ ही मैं संघ लोक सवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस एक्ज़ाम भी दे रही हूं, ऐसे में IAS की शुरुआती परीक्षा मुझे KAS (Karnataka Public Service) में एलेजिबल होनें में भी मदद करेगी।
बेहद कम घनत्व वाले आदिवासी समुदाय से संबंध रखती हैं स्रुजानाTrible
पाणि येरवा (Pani Yerava) समुदाय जिसकी आबादी मुठ्ठी भऱ लोग ही हैं। साथ ही ये एक आदिम, कमजोर व सूक्ष्म आदिवासी समुदाय माना जाता रहा है, स्रुजाना ऐसे समुदाय सें संबंध रखती हैं फिर भी उन्होनें 2019 में मैसूर यूनिवर्सिटी से अपनी एम. कॉम तक पढ़ाई पूरी की। 2020 में नेट परीक्षा देकर उसे भी अच्छे नंबरों से पास करते हुए सहायक प्रोफेसर के पद के लिए ज़रुरी योग्यता हासिल की है। बालेकोवु हादी में कोई स्कूल न होनें के चलते स्रुजाना नें अपने दादा जो कि हुनसुर वन विभाग में बतौर ग्रुप डी कर्मचारी काम कर रहे थे उनके पास रहकर अपनी शिक्षा पूरी की है।
समुदाय के अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगी स्रुजाना
स्रुजाना के माता–पिता कहते हैं कि – यह परीक्षा पास कर हमारी बेटी इस समुदाय की पहली लड़की बनी जो बेशक ही गर्व की बात है, उम्मीद है कि भविष्य में वो समुदाय के अन्य सदस्यों खासकर लड़कियों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी।