Wednesday, December 13, 2023

इस विधि से गमले में भी उगा सकते हैं बहुगुणी अश्वगंधा, जानिए किन बातों का रखना है विशेष ध्यान

बीते कई हजारों साल अश्वगंधा का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने अश्वगंधा के बारे में बताते हुई कई ऐसी जानकारियां दी हैं जिसका पता शायद ही किसी को हो।अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।अश्वगंधा में सेहत के लिए कई छोटे-बड़े गुण होते हैं जो कि समयानुसार आपके काम आते हैं।

grow Ashwagandha at home

गमले में अश्वगंधा की खेती कैसे करें?

Ashwagandha ki kheti के लिए गर्मी का मौसम अनुकूल माना जाता है। ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए गर्मी के मौसम में भी इसकी खेती करना आसान होता है। गमले में अश्वगंधा की खेती के लिए सबसे पहले गमले में लगाने लायक अश्वगंधा के पौधों को तैयार करना पड़ता है। बाजार के लगभग हर बीज और कीटनाशक दुकान में इसका बीज मिलता है।

सबसे पहले ashwagandha ke beej को कहीं सतह पर लगाया जाता है और ऊपर से एक हल्की परत बालों की भी डाली जाती है जिससे इसके पौधे के अंकुरण में आसानी हो। एक सप्ताह में इसके बीज अंकुरित होकर बाहर निकल आते हैं तथा लगभग 4 सप्ताह बाद अश्वगंधा का पौधा इतना बड़ा हो जाता है कि उसे गमले में आसानी से लगाया जा सकता है।

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इन बातों का रखें विशेष ध्यान

गमले में अश्वगंधा का पौधा लगाने के फक्त एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी लगभग 60 से 65 सेंटीमीटर की रखें ताकि हर पौधे को समान पोषण मिल सके और उसकी बढ़ोतरी में कोई बाधा उत्पन्न ना हो। साथ में यह भी ध्यान रखा जाए कि गमले में ज्यादा पानी इकट्ठा ना हो पाए नहीं तो इसके पौधे के सूखने का डर होता है। गर्मियों में औसतन तापमान 30 से 40 डिग्री के आसपास होता है तो ऐसे में तापमान के अनुसार 5 से 10 दिन में एक बार इसकी सिंचाई करनी पड़ती है। यदि मिट्टी थोड़ी कम उपजाऊ है तो उसमें खरपतवार व गोबर वाली का खाद व वर्मी कम्पोस्ट भी डाली जा सकती है जो पौधे की वृद्धि में सहायक होता है। कीटनाशक के तौर पर नीम ऑयल का प्रयोग किया जा सकता है। Gamle me Ashwagandha ugaye

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कब करनी होगी कटाई?

अश्वगंधा का फसल पूरा होने में लगभग 6 महीने का वक्त लगता है। जब इसकी पत्तियां सूखने लगे और इसका फल लाल होने लगे तो यह समझ लेना चाहिए कि इसकी कटाई का वक्त आ गया है। कटाई के वक्त यह ध्यान रखना होता है कि इसकी जड़ें गीली हों ताकि उसे आसानी से उखाड़ा जा सके। जड़ों को काट कर रख लिया जाता है और फलों को भी की आगे की खेती के लिए संरक्षित कर लिया जाता है।

आप अपने गार्डन में बहुगुणी अश्वगंधा लगा सकते हैं, इसके साथ ही इंटरनेट पर इससे सम्बन्धित खबरों को पढ़कर आप और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।