Wednesday, December 13, 2023

रविवार को छुट्टी देने के पीछे प्रचलित हैं ये 3 कहानियां: रोचक तथ्य

छोटा बच्चा हो या बड़ा बुर्जुग, स्कूल में पढ़ने वाला विद्यार्थी हो या ऑफिस में काम करने वाला शख्स रविवार का इंतजार तो हर किसी को रहता है। पूरे हफ्ते काम करने के दौरान हम रविवार का इंतजार करते है और एक उस दिन की प्लानिंग पूरे हफ्ते चलती रहती है। घूमने जाने से लेकर सोने तक के लिए हम रविवार का इंतजार करते हैं। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर छुट्टी रविवार को ही क्यों मिलता है या हफ्ता में किसी और दिन छूटती क्यों नहीं मिलती? – The secret behind closing everything considering Sunday as a holiday.

साल 1886 में मिली थी रविवार को छुट्टी की मान्यता

आज हम आपको बताएंगे कि रविवार को ही छुट्टी क्यों रहती है। अब तक इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं। बता दें कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों में भी रविवार के दिन छुट्टी मानी जाती है। ISO के अनुसार रविवार का दिन को सप्ताह का आखिरी दिन माना जाता है इसलिए इस दिन कॉमन छुट्टी रहती है। बता दें कि रविवार के दिन को साल 1986 में ही मान्यता मिल चुकी हैं। ऐसा माना जाता है पूरा सप्ताह काम करने के बाद आखिरी दिन स्कूल, कॉलेजों सबकी छुट्टी देकर आराम देना चाहिए।

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धर्मों के अनुसार भी रविवार को मनाया जाता हैं छुट्टी

रविवार के छुट्टी को लेकर कई धार्मिक कारण भी बताए जाते हैं, जिससे इस दिन छुट्टी रहती है। जानकारों के अनुसार रोमन कैथलिक और प्रोटेस्टेंट ईसाई रविवार को ईश्वर का दिन मानते हैं इसलिए यूरोप समेत ज्यादातर ईसाई देशों में लोग रविवार को चर्च जाते है। ईसाई धर्म के लोग का यह मानना हैं कि ईश्वर ने केवल छह दिन ही बनाया और रविवार को आराम का दिन बनाया है इसलिए इस दिन सभी चीजों की छुट्टी होनी चाहिए और लोगों को आराम करना चाहिए, जबकि ज्यादातर मुस्लिम देशों में शुक्रवार को इबादत का दिन माना जाता है। इस कारण से वहां रविवार की जगह शुक्रवार को ही छुट्टी होती है। – The secret behind closing everything considering Sunday as a holiday.

अंग्रेजो के समय से चल रही हैं यह मान्यता

इतिहास देखा जाए तो भारत में पहले अंग्रेजों के वक्त भारतीय सात दिन काम करते थे, जिससे वह काफी थक जाते थे और उन्हें एक दिन आराम की आवश्यकता थी। यह देख साल 1857 में मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने छुट्टी को लेकर पहली बार आवाज उठाई थी। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजों से काफी संघर्ष भी किया। उनका कहना था कि मजदूरों को एक दिन आराम और देश या समाज के लिए काम करने के लिए छुट्टी मिलना चाहिए।

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अंग्रेजो ने दिया था रविवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में मान्यता

अंग्रेज पहले रविवार को ही छुट्टी मनाते थे और चर्च जाते थे, ऐसे में भारत में भी रविवार का दिन ही छुट्टी के लिए जाना जाने लगा। बता दें कि रविवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में मान्यता भारत सरकार द्वारा नहीं दी गई है। यह छुट्टी अंग्रेजो के समय से ही चलता आ रहा है। एक आरटीआई में सरकार ने रविवार को सार्वजनिक छुट्टी होने से मना कर दिया था, परंतु आज भी रविवार को छुट्टी का दिन मान कर सभी चीजों को बंद किया जाता है। – The secret behind closing everything considering Sunday as a holiday.