Wednesday, December 13, 2023

बाबा बर्फानी: भगवान शिव की अद्भुत कारीगरी , खुद से बन जाता है वर्फ का शिवलिंग !

अमरनाथ मंदिर हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह मंदिर एक गुफा के अंदर है। अमरनाथ मंदिर में भगवान शिव का लिंग वर्फ से बना हुआ है। अमरनाथ मंदिर को बर्फानी बाबा या अमरेश्वर महादेव के नाम से भी जानते हैं।

यह गुफा 19 मीटर लम्बा, 16 मीटर चौड़ा और 11 मीटर ऊंचा है। Amarnath Temple को अमरनाथ इस लिए कहा जाता है कि भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य यही बताए थे। इसलिए इसे तीर्थों का तीर्थ भी कहा जाता है ! अमरनाथ गुफा के अंदर हिम की बूंदें टपकती रहती है। यह हिम बूंदें लगातार गिरने से लगभग 10 फुट लम्बा शिवलिंग बन जाता है। अमरनाथ यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर पूरे श्रावण तक चलता है।

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अमरनाथ मंदिर की एक विशेषता यह है कि यहाँ खुद से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण हो जाता है और चंद्रमा के घटने और बढ़ने से इस अमरनाथ शिवलिंग का आकार भी घटता और बढ़ता है। और श्रावण के पूर्णिमा के दिन यह शिवलिंग अपने आकार में आ जाता है। और अमावस्या तक धीरे- धीरे छोटा हो जाता है।

Amarnath mandir में भगवान शिव की आराधना की जाती है। भगवान शिव को दर्शन करने के लिए लाखों की भीड़ में श्रद्धालु देश- विदेश से आते हैं। और भगवान शिव की पूजा- अर्चना करते हैं। अमरनाथ शिवलिंग के थोड़ी दूर पर गणेश, भैरव और मां पार्वती का भी अलग- अलग हिमखंड बनता है। अमरनाथ गुफा के अंदर जो वर्फ का शिवलिंग बनता है। वह ठोस वर्फ का बनता है। जबकि गुफाओं के अंदर कच्ची वर्फ ही होती है। अमरनाथ मंदिर का पता एक मुसलमान गडरिए बूटा मलिक ने लगाया था। आज भी मंदिर का चौथाई चढ़ावा उस मुसलमान के वंशजों को जाता है।

अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए दो रास्ते पहलगाम और सोनमर्ग बलटाल से है। पहलगाम के रास्ते से अमरनाथ मंदिर तक जाने के रास्ते बहुत सुविधा जनक है। और सोनमर्ग बलटाल के आगे जाने के लिए पैदल जा सकते हैं और बुजुर्ग को सवारी का भी प्रबंध है।

अमरनाथ बाबा भोलेनाथ का बेहद प्रसिद्ध धाम है जहाँ जाने से और शिव जी के दर्शन से सभी दुखों का नाश होता है और सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है !

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