Wednesday, December 13, 2023

इस अनपढ़ महिला ने गरीबों के लिए ऋण बैंक की शुरुआत की थी, कभी अटल जी पैर छुए थे आज सरकार ने पद्मश्री दिया

सेवा भाव एक ऐसा भाव होता है जो मानव जीवन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है यदि आपके अंदर सेवा भाव है तो आप जीवन में काफी आगे बढ़ सकते हैं और इससे आपको मान सम्मान भी उतना ही मिलता है।मनुष्य को हमेशा सेवा भाव रखते हुए अपने कार्य को करना चाहिए। कई लोग केवल अपने स्वार्थ के लिए ही अपने कार्य को करते हैं लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी स्वार्थ के निरंतर समाज के लिए ही जीते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं मुदुरै की सामाजिक कार्यकर्ता चिन्ना पिल्लई। (chinna pillai padma shri)

चिन्ना पिल्लई के समाजिक कार्यों को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया। चिन्ना पिल्लई ने छोटा ऋण की शुरुआत की थी। वह सुबह में मजदूरी करती थीं और रात में ‘कलंजियम’ के लिए काम करती थीं। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में शराब और सूदखोरी के खिलाफ काम किया है। यही नहीं उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया। उनके कार्यों का ही फल है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी उनके पैर छुए थे। आइए जानते हैं उनके सफलता के बारे में।

समाज के लिए कार्य किया (chinna pillai)

चिन्ना पिल्लई तमिलनाडु के मदुरै के पास एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। वह उस वक्त सुर्खियों में आई थीं, जब एक मंच पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनके पैर छूए थे। जब उम्र में वह पिल्लई से बड़े थे। वह सुबह में मजदूरी करती थी और रात में ‘कलंजियम’ के लिए काम करती थी। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में शराब और सूदखोरी के खिलाफ काम किया। उनका बचपन बहुत गरीबी में बिता। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण उन्होंने कभी स्कूली शिक्षा ग्रहण नहीं की।

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किसानों के लिए आवाज उठाई (chinna pillai)

छोटी जगह के होने के बावजूद उनकी बड़ी सोच और बड़ी सफलता में बाधा नहीं बन पाई। गांव के जमींदार कर्ज के बदले 300 प्रतिशत लगान वसूल करते थे। गरीब किसान मजबूर थे, तब पिल्लई ने गांव के गरीब और जरूरतमंद किसानों कि लिए आवाज उठाना शुरू किया और जमींदारों के अत्याचारों के खिलाफ बोलने लगीं। वह किसानों और जमींदारों के बीच किसानों की ओर से मध्यस्थता करने लगीं और गरीबों की नेता के रूप में लोकप्रिय होती गईं।

गरीबों के लिए काम किया (chinna pillai)

चिन्ना ने किसानों को सूदखोरों से बचाने के लिए आवाज उठाई। उन्होंने लाचार किसानों का जीवन अच्छा करने की खुद पहल करने की सोची। इसके लिए उन्होंने 10 लोगों को साथ ले एक समूह बनाया और मात्र 20 रुपये से एक छोटा सा ऋण बैंक स्थापित किया। अब यह बैंकिग संगठन बहुत बड़ा आकार ले चुका है। लेकिन शुरूआत में उन्होंने छोटा ऋण की शुरुआत की थी। वो सुबह में मजदूरी करती थी और रात में ‘कलंजियम’ के लिए काम करती थी। आज 13 राज्य के 63 जिले में 1.2 लाख से भी ज्यादा परिवारों तक उन्होंने अपनी मदद पहुंचाई है।

अटल बिहारी वाजपेयी ने छूए थे पैर (chinna pillai)

साल 2001 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में मदुरै चिन्ना पिल्लई को स्त्री शक्ति पुरस्कार 1999 देते वक्त उनके पैर छू लिए थे। पुरस्कार लेते वक्त जब वह वाजपेयी के पैर छूने के लिए झुकीं तो अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें रोका और खुद ही झुककर उनके पैर छुए थे। अपने संबोधन में अटल ने कहा था कि चिन्ना पिल्लई में वो शक्ति देखते हैं। पिल्लई ने अपने कार्य से महिलाओं को भी काफी शसक्त बना दी थी। महिलाएं उनके नेतृत्व में आत्मनिर्भर बन चुकी थी।

पिल्लई को मिला सम्मान (chinna pillai)

चिन्ना पिल्लई के अद्धभुत कार्यों को देखते हुए वर्ष 2019 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उस वक्त भी उन्होंने सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद किया था और दोहराया था कि वो पहली बार दुनिया के सामने पूर्व प्रधानमंत्री की वजह से आईं। यही नहीं तमिनाड़ू में सफल बैंकिग प्रणाली की शुरूआत करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें 1999 में शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार पूरे देश में से चुनी गईं पांच महिलाओं में से एक को दिया जाता है। चिन्ना पिल्लई ने यह साबित कर दिया की अगर महिला चाहे तो अपने दृढ़संकल्प और इक्षाशक्ति से किसी भी बाधा को पार सकती हैं।

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