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पहाड़ चीर कर 40 किमी. के दुर्गम रास्ते को बनाया सुगम, पढ़िए माउन्टेन विलेज की कहानी

बुलन्द इरादों और निरन्तर प्रयासों के सामने चट्टानी बाधाएँ भी दम तोड़ देती हैं ! कुछ ऐसी हीं कहानी है झारखण्ड के धनबाद जिले के गंगापुर गाँव के लोगों की जिनके अथक मेहनत और जज्बे के आगे पहाड़ भी नतमस्तक हो गया ! माउन्टेन मैन दशरथ माँझी जी का नाम आज हर कोई जानता है जिन्होंने अकेले पहाड़ काटकर अपने गाँव हेतु रास्ता बना दिया था ! उसी तर्ज पर गंगापुर गाँव के लोगों ने पहाड़ का सीना चीरकर अपने गाँव का रास्ता प्रशस्त किया है और एक लम्बे व दुर्लभ रास्ते को अत्यन्त कम दूरी वाला और सुगम बना डाला है ! आईए जानते हैं उन बुलन्द इरादों से अपने लक्ष्य को साधने वाले उन प्रेरक लोगों की कहानी….

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40 किलोमीटर के सफर को पहाड़ काट कर 2 किलोमीटर का बनाया

यह कहानी है झारखण्ड के धनबाद जिले के टुंडी स्थित गंगापुर के रहने वाले ग्रामीणों की जिन्होंने बिना किसी सरकारी मदद लिए 40 किलोमीटर के लम्बें रास्ते की जगह 2 किलोमीटर का बेहद हीं छोटी दूरी वाला रास्ता बना डाला ! दरअसल गंगापुर गाँव में रहने वाले अधिकतर लोगों का जीविकोपार्जन मजदूरी से होता है ! उन्हें नितदिन गिरिडीह जिले की सीमा में प्रवेश करना पड़ता है ! गंगापुर गाँव से गिरीडीह जाने कि क्रम में राज बाँस पहाड़ पड़ता है जिसके कारण लोगों को लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है जो अत्यन्त हीं दुर्लभ सफर है ! रोजाना इतना लम्बा सफर तय कर काम पर जाना बेहद हीं थका देने वाला था ! कोरोना संक्रमण में बहुत सारे लोग बाहर से गाँव लौटे थे ! उन्हें भी रोजगार की जरूरत थी लेकिन 40 किलोमीटर के इस लम्बे सफर को तय करना उन्हें कुछ ना कुछ सोंचने पर मजबूर कर दिया ! और अंतत: ग्रामीणों ने राज बाँस पहाड़ को काटने का विचार किया ! बिना किसी सरकारी मदद के ग्रामीणों ने मात्र एक महीने के निरन्तर और कड़ी मेहनत से इस पहाड़ को काट दिया और रास्ता बना डाला ! 40 किलोमीटर का वह दुर्गम यात्रा अब मात्र 2 किलोमीटर की सुलभ यात्रा में परिवर्तित हो गया !

नया रास्ता लोगों के लिए बेहद उपयोगी

पहाड़ का सीना चीरकर बनाया गया रास्ता ग्रामीणों के लिए अत्यन्त हीं महत्वपूर्ण है ! उन्हें अब रोजगार पाने हेतु गिरिडीह जाने के क्रम में 40 किलोमीटर का दुर्गम रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा ! बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुँचाने और बेहतर इलाज करने हेतु यह रास्ता बेहद महत्वपूर्ण हो गया ! ग्रामीणों द्वारा बनाई गई यह सड़क 10 फीट लम्बा है जिसमें लगभग हर वाहन आ जा सकता है !

ग्रामीणों का प्रशासन से अपील

ग्रामीणों ने अपने कठिन परिश्रम से पहाड़ काट कर रास्ता तो बना दिया लेकिन अब उस सड़क को पक्का करना उनके वश का नहीं है ! इसलिए वे आगे के कार्य हेतु यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद प्रशासन के तरफ से कोई मदद आ जाए ! गाँव के लोगों का कहना है कि हमलोगों ने बिना सरकारी मदद के लिए पहाड़ काटकर 40 किलोमीटर के सफर को 2 किलोमीटर का बना दिया है ! प्रशासन से उन्होंने यह मांग की है कि उस कच्ची सड़क को पक्की कर दिया जाए ! जिससे कि हमलोगों को बरसात के मौसम में होने वाली परेशानियों का सामना ना करना पड़े ! सड़क कच्ची होने के कारण वहाँ की मिट्टी बरसात में खत्म हो रही है ! सड़क यदि पक्की कर दिया जाए तो हमलोगों को कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा !

हर तरफ हो रही है चर्चा

गंगापुर गाँव के लोगों ने जिस तरह एकता के सूत्र में बँधकर बुलन्द इरादे और निरन्तर प्रयास से पहाड़ को काटकर एक सुलभ रास्ते का निर्माण किया है उसकी चर्चा हर ओर हो रही है ! लोग रास्ते बनाने वाले उन ग्रामीणों को और उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं !

40 किलोमीटर के सफर को पहाड़ काटकर 2 घंटे में पूरा करने का कारनामा गंगापुर के ग्रामीणों की गहरी सूझ-बूझ , बुलन्द इरादे और निरन्तर प्रयास का परिचायक है ! उनके द्वारा किया गया यह कार्य अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का प्रकाश पूंज है ! Logically उन सभी लोगों को कोटि-कोटि नमन करता है !

Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

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