हमारे देश के ऐसे कई युवा हैं जो अन्य युवाओं को देखकर उनसे प्रेरणा लेते हैं और आगे बढ़ते हैं। इसलिए यहां कई ऐसे राज्य, गांव तथा कस्बे हैं जहां के युवा एक सफल युवा की तरह बनकर अपने गांव का नाम रौशन करता है। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे गांव की है जहां के करीब सभी घरों में आईआईटी (IIT) में चयनित हुए बच्चे मिलेंगे। इसलिए इसे आईआईटी (IIT) का गांव कहा जाता है।
पटवाटोली गांव
हमारे देश के बिहार (Bihar) राज्य में स्थित मानपुर का पटवाटोली (Patwatoli) गांव है जिसे आईआईटी (IIT) का गांव कहा जाता है। यहां के हर घर से आपको आईआइटियन्स मिलते दिखेंगे। जिस कारण ये गांव हमेशा सुर्खियों में रहता है। यहां के युवा एक-दूसरे से प्रेरणा लेते हैं और उनकी की तरह सफलता हासिल करते हैं। Village Of IIT
मैनस्टर ऑफ बिहार
पटवाटोली नामक इस गांव को लोग पहले मैनस्टर ऑफ बिहार कहते थे। यहां लूम द्वारा तौलिया, चादर तथा गमझा आदि बनाया जाता था। परन्तु आज इस गांव की पहचान कुछ और हो चुकी है जो सबके जुबां पर रहती है। इसे विलेज ऑफ आईआइटियन्स (Village Of IIT)
ऐसे हुई शुरुआत
यहां के सभी घरों में आपको आईआइटियन्स देखने को मिलेंगे। हर वर्ष यहां दर्जनों की संख्या में कैंडिडेट्स चयनित होते हैं, वह भी बिना किसी कोचिंग को ज्वाइन किए। यहां एक लाइब्रेरी की व्यवस्था है जिसमें युवाओं को काफी मदद मिलती है। ये लाइब्रेरी भी युवाओं के मदद द्वारा ही चलता है। सबसे पहले इस गांव से वर्ष 1996 में एक बच्चे ने IIT में दाखिला लिया उसके बाद ये सिलसिला आगे बढ़ता गया। -Village Of IIT
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बना है आकर्षण का केंद्र
यहां जो लाइब्रेरी है वहां बच्चे नि:शुल्क पढ़ाई करते हैं। ये लाइब्रेरी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां पर जो बच्चे पढ़ते हैं वह सोनियर्स द्वारा पढ़ते हैं। ये वही सीनियर्स हैं जो IIT में शिक्षा हासिल की हुए है। यहां इनकी ऑनलाइन कोचिंग के भी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। Village Of IIT