Wednesday, December 13, 2023

कभी स्कूटर पर लादकर बेचते थे सामान, अब अपने गांव में ही चला रहे हैं करोड़ों की कंपनी: आत्मनिर्भरता का मिसाल

अपनी मेहनत के बल पर अपना मुकाम हासिल करने वाले ये एक ऐसे ही शख़्स हैं, जो कभी 20 से 22 घंटे काम किया करते थे। आज वह इतने सफल इंसान बन चुके हैं कि उन्होंने करोड़ों का साम्राज्य स्थापित कर लिया है।

दिनेश लोहिया बने सबके लिए प्रेरणास्रोत

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से ताल्लुक रखने वाले दिनेश लोहिया (Dinesh Lohia) सभी के लिए उदाहरण बनकर सामने आए हैं। कभी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वे स्कूटर पर सामानों की बिक्री किया करते थे लेकिन आज अपने परिश्रम के बदौलत सफलता के शीर्ष पर पहुंचे हैं। उन्होंने हजार रुपए से अपना स्टार्टअप प्रारंभ किया था लेकिन अब वे एक बड़े उद्योगपति बन गए हैं।

Success story of an Engineer Dinesh Lohia who runs a circuit company in his village

मात्र 2 घण्टे सोते थे

दिनेश लोहिया (Dinesh Lohia) ने बताया कि वह पहले 22 घंटे काम किया करते थे और मुश्किल से बस दो घण्टे ही सोया करते थे। उन्होंने अपने स्कूटर पर सामान को लादकर बेचना शुरू किया था और यही उनकी पहली शुरुआत थी, जिसने उन्हें सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ाया।

Success story of an Engineer Dinesh Lohia who runs a circuit company in his village

कहीं मिली निराशा तो कहीं खुशी

अपने सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने अलग-अलग कंपनियों में नौकरी की ताकि पैसे जुटा सकें और अपने गांव आ सके और उन्होंने ऐसा किया भी। पैसे इकट्ठे कर वह अपने गांव आ गए तो गए लेकिन गांव आकर उन्होंने इलेक्ट्रिकल उत्पादों (सर्किट प्लेट्स) का निर्माण करना शुरू कर दिया। वे जब अपने बनाए समानों को बड़ी कंपनियों के पास लेकर गए तब कुछ कंपनियों ने उन्हें अपनाया तो कुछ ने ठुकरा दिया लेकिन वे अपनी असफलता से परास्त नहीं हुए और आगे बढ़ते रहे।

Success story of an Engineer Dinesh Lohia who runs a circuit company in his village

होती है बड़े उद्योगपति में गिनती

अपनी मेहनत के बदौलत उन्होंने मात्र 18000 से एक स्टार्टअप आरंभ किया। आज वही स्टार्टअप 18 करोड़ रुपयों में तब्दील हो चुका है। उन्होंने अपने गांव सोलन में सर्किट बनाने का व्यापार शुरू किया है और बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए सर्किट प्लेट्स का निर्माण कर कर रहे हैं। दिनेश का सपना था कि उनके गांव में बड़ी कंपनी की शुरुआत की जाए ताकि यहां के लोग किसी दूसरी जगह नौकरी के लिए ना जाएं। आखिरकार उन्होंने अपने सपने को साकार कर लिया।

अब उनके उत्पाद विदेशों में भी निर्यात हो रहे हैं। अपनी मेहनत के बदौलत सपने को पूरा करने के लिए The Logically दिनेश लोहिया (Dinesh Lohia) को बधाई देता है।